उत्तर प्रदेश की शिक्षा प्रणाली के उत्थान में सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल अहम भूमिका निभा रहा है।
यह मॉडल राज्य में प्राथमिक और उच्च शिक्षा सहित तकनीकी शिक्षा के लिए रास्ता आसान कर रहा है। सूबे की कई कंपनियां अपनी कार्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारियां पूरी करने के लिए शिक्षा का रास्ता अख्तियार कर रही हैं।
निजी क्षेत्रों में इस तरह की पहल को देखते हुए राज्य सरकार भी यहां शिक्षा में सुधार लाने के उद्देश्य से निजी भागीदारों के साथ गठजोड़ करने की योजना बना रही है। राज्य के पिछड़े इलाकों में पीपीपी मॉडल के तहत करीब 400 स्कूलों की स्थापना करने पर विचार किया जा रहा है।
राज्य में कम महिला साक्षरता और जहां लैंगिक अंतर सबसे अधिक है, वहां पीपीपी मॉडल को प्रभावी बनाने में खास तौर पर जोर दिया जाएगा। इस बाबत छह सदस्यों की एक समिति का माध्यमिक शिक्षा (उत्तर प्रदेश) के मुख्य सचिव ए के मिश्रा के संरक्षण में गठन किया जा चुका है।
इस मॉडल के तहत राज्य सरकार निजी भागीदार को पर्याप्त धन उपलब्ध कराएगी और विद्यालय की स्थापना के लिए भूमि अधिग्रहण में भी सहायता करेगी। निजी भागीदार स्कूल को चलाने, शिक्षकों की नियुक्ति और बुनियादी सुविधाओं सहित अन्य सुविधाएं मुहैया कराने के लिए जिम्मेदार होगी।
निदेशालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘यह योजना अभी शुरुआती दौर में है। आगे की कार्रवाई परामर्शदाताओं की नियुक्ति के बाद ही शुरू हो पाएगी। इस योजना के तहत 400 स्कूलों की स्थापना का लक्ष्य रखा गया है।’
एक अनुमान के मुताबिक राज्य सरकार प्रत्येक स्कूलों के लिए लगभग 2 करोड़ रुपये सहायता राशि मुहैया कराएगी। अधिकारी ने बताया, ‘स्कूलों के निर्माण पर खर्च होने वाली राशि अलग-अलग स्कूलों के आधार पर होंगी लेकिन औसतन एक स्कूल पर 2 करोड़ रुपये के आसपास खर्च आएगा।’
इसके अलावा, राज्य सरकार निजी क्षेत्रों के साथ मिलकर राज्य के 25 आईटीआई को उत्कृष्ट केंद्र के रूप में भी विकसित करेगी। इस योजना के तहत राज्य सरकार और पीपीपी मॉडल का खासा जोर मौजूदा बुनियादी सुविधाओं को बेहतर बनाने, उद्योग की मांग के अनुसार शहरी क्षेत्रों सहित युवाओं को प्रशिक्षण देने हेतु उच्च शिक्षण संस्थानों को सुनिश्चित करने और इस प्रकार उनके रोजगार को ज्यादा से ज्यादा उचित बनाए जाने पर दिया जा रहा है।
पीपीपी मॉडल के तहत राज्य में आजमगढ़, गोंडा, एटा, सहारनपुर, फैजाबाद, फतेहपुर, उन्नाव, हरदोई, सीतापुर, वाराणसी, मऊ, प्रतापगढ़ आदि के लिए चयनित आईटीआई का उन्नयन किया जाएगा।