facebookmetapixel
शेयर बाजार में तीसरे दिन तेजी; सेंसेक्स 595 अंक चढ़ा, निफ्टी 25,850 अंक के पारGroww IPO की धमाकेदार लिस्टिंग! अब करें Profit Booking या Hold?Gold में फिर आने वाली है जोरदार तेजी! जानिए ब्रोकरेज ने क्यों कहा?सेबी चीफ और टॉप अफसरों को अपनी संपत्ति और कर्ज का सार्वजनिक खुलासा करना चाहिए, समिति ने दिया सुझावKotak Neo का बड़ा धमाका! सभी डिजिटल प्लान पर ₹0 ब्रोकरेज, रिटेल ट्रेडर्स की बल्ले-बल्लेभारी बारिश और चक्रवात मोंथा से कपास उत्पादन 2% घटने का अनुमान, आयात रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने की उम्मीदSpicejet Q2FY26 results: घाटा बढ़कर ₹635 करोड़ हुआ, एयरलाइन को FY26 की दूसरी छमाही में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीदRetail Inflation: खुदरा महंगाई अक्टूबर में घटकर कई साल के निचले स्तर 0.25% पर आई, GST कटौती का मिला फायदाGold ETFs में इनफ्लो 7% घटकर ₹7,743 करोड़ पर आया, क्या कम हो रही हैं निवेशकों की दिलचस्पी?चार्ट्स दे रहे ब्रेकआउट सिग्नल! ये 5 Midcap Stocks बना सकते हैं 22% तक का प्रॉफिट

उप्र के नौ जिलों में खुले घर-घर बैंक खाते

Last Updated- December 07, 2022 | 8:00 AM IST

राज्य स्तरीय बैंकर्स कमिटी (एसएलबीसी), जो राज्य के सभी बैंकों की संरक्षक होती है, के संबंध में भारतीय रिजर्व बैंक  के 2006-07 में दिए गए निर्देश के मुताबिक उत्तर प्रदेश के नौ जिले सौ प्रतिशत वित्तीय समावेशिक नीति के तहत आ गए हैं।



वर्तमान में 43 जिलों को एसएलबीसी के द्वारा 100 प्रतिशत वित्तीय समावेशिक नीति में शामिल किया गया है, जिसमें वे नौ जिले भी शामिल हैं, जिसने शत प्रतिशत वित्तीय समावेशिकता प्राप्त कर लिया है। जिन जिलों ने यह लक्ष्य प्राप्त किया है वे हैं- रामपुर, प्रतापगढ़, रायबरेली, बलिया, बागपत, मथुरा, मेरठ, जी बी नगर और गाजियाबाद।

जिन बैंकों ने यह लक्ष्य प्राप्त किया है वे हैं- बैंक ऑफ बड़ौदा (तीन जिलों में), सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (एक जिले में), और सिंडिकेट बैंक ऑफ इंडिया (पांच जिलों में)। अगर बैंक ऑफ बड़ौदा की बात करें तो उत्तर प्रदेश में एसएलबीसी के संरक्षक के तौर पर इसने भूमिका निभाई। एसएलबीसी के संरक्षक और बैंक ऑफ बड़ौदा के महाप्रबंधक एस के श्रीवास्तव ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि वित्तीय समावेशिकता प्राप्त करने के लिए शिक्षा के द्वारा पहल की गई।

उन्होंने कहा कि 100 प्रतिशत वित्तीय समावेशिकता के लक्ष्य को प्राप्त करने की जांच करने हेतु चयनित सदस्यों की एक उप समिति बनाई गई और विभिन्न बैंकों को यह कहा गया कि इस वित्तीय समावेशिकता को शिक्षा के जरिये हासिल करने के बारे में विस्तृत कार्यशाला पर जोर दें। यह निर्णय एसएलबीसी की पिछले साल मार्च में हुई बैठक में ली गई थी। बैंको से यह भी कहा गया था कि इस संबंध में समय समय पर सुझाव देते रहें ताकि इसे क्रियान्वित करने के लिए अपेक्षित सुधार किया जा सके।

इसके बारे में विस्तार से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि जून 2006 में एसएलबीसी की बैठक में इसके क्रियान्वयन के लिए बलिया को पहला जिला के तौर पर चिह्नित किया गया था और बलिया ने शत प्रतिशत वित्तीय समावेशिक लक्ष्य संतोषजनक तरीके से हासिल कर लिया।

2006-07 की सालाना नीति के संदर्भ में रिजर्व बैंक हर साल समीक्षा करती है और राज्य और केंद्रशासित प्रदेश स्तरीय बैंकों की कमिटी के संरक्षक बैंकों को सलाह देती है कि किस तरह वित्तीय समावेशिक लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। इस सलाह के तहत यह भी बताया जाता है कि इसे प्राप्त करने के लिए किस प्रकार की रणनीति अपनानी होगी। शत प्रतिशत वित्तीय समावेशिक लक्ष्य प्राप्त करने के अलावा निजी बैंक अपनी क्षमताओं और सेवा के विस्तार करने के लिए उत्तर प्रदेश के दूरस्थ जिलों में भी काम कर रही है।

First Published - June 27, 2008 | 10:07 PM IST

संबंधित पोस्ट