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अब गांव-गांव बन सकेगी पन बिजली

Last Updated- December 05, 2022 | 9:15 PM IST

अभी तक तो बिजली बनाने के लिए सिर्फ बड़ी-बड़ी कंपनियों का ही मुंह ताका जाता था।


लेकिन उत्तराखंड सरकार की नई विद्युत योजनाओं से राज्य के सभी कारोबारी, ग्राम पंचायतें और यहां तक की पंजीकृत समितियां भी  पन बिजली बनाने के बारे में सोच सकते हैं।


राज्य के विशाल जल स्रोतों का इस्तेमाल करने के लिए राज्य सरकार 30 से 50  जल विद्युत परियोजनाओं के वास्ते खुली बोलियां इस महीने के अंत तक आमंत्रित कर सकती है। उच्च पदस्थ अधिकारियों का कहना है कि ये सभी परियोजनाएं 5 मेगावाट से लेकर 25 मेगावाट की होंगी, जो पूरे राज्य में फैली होंगी। एक शीर्ष अधिकारी ने कहा, ‘हो सकता है कि हम इन सभी परियोजनाओं के लिए खुली बोलियों का सहारा लें।’ उन्होंने कहा कि ये परियोजनाएं जल्द ही शुरू होंगी।


गंगा और यमुना नदियों की सहायक नदियों पर बनाई जाने वाली इन परियोजनाओं में लगभग 3 हजार करोड़ रुपये से लेकर 5 हजार करोड़ रुपये के निवेश का अनुमान लगाया गया है।


सरकार ने नई विद्युत नीतियों की घोषणा की है, जिसमें सरकार ने क्षेत्रीय व्यापारियों और ग्राम पंचायतों को कई तरह की रियायतों के साथ सूक्ष्म और लघु विद्युत परियोजनाएं लगाने में तरजीह दी है। राज्य की पंजीकृत समितियों को भी विद्युत उत्पादन परियोजनाओं में तरजीह दी जा रही है।


ये परियोजनाएं मुख्य तौर पर तीन श्रेणियों में बांटी गई हैं- सूक्ष्म, लघु और छोटी परियोजनाएं। 100 किलोवाट तक क्षमता वाली परियोजनाओं को सूक्ष्म श्रेणी में रखा जाएगा, 100 किलोवाट से लेकर 5 मेगावाट तक क्षमता वाली परियोजनाओं को लघु श्रेणी में और 5 से 25 मेगावाट क्षमता वाली परियोजनाओं को छोटी श्रेणी में रखा जाएगा।


उल्लेखनीय है कि उच्च अधिकारी इस नई विद्युत नीति को मिसाल के तौर पर मानते हैं, उनका दावा है कि इससे राज्य में विद्युत उत्पादन में बहुत तेजी आएगी।सरकार ने स्व-परख परियोजनाओं के लिए भी प्रावधान किया है।


इस श्रेणी में, डेवलपर खुद परियोजनाओं की तलाश करेगा, उसके लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करेगा और आवंटन के बारे में पता करेगा। इसके अलावा एक अन्य श्रेणी में राज्य सरकार या राज्य की ओर से प्रायोजक एजेंसियां किसी भी आकार की परियोजना की तलाश करेंगी, उस पर रिपोर्ट तैयार करेगी और आवंटन प्राप्त करेगी।


हालांकि, छोटी परियोजनाएं सभी के लिए खुली हैं और इसमें किसी तरह का कोई आरक्षण नहीं होगा। इसके लिए, परियोजना की क्षमता के अनुसार आवंटन होने के बाद, उस पर प्रीमियम निर्धारित किया जाएगा।संपर्क किए जाने पर राज्य विद्युत सचिव शत्रुघ्न सिंह ने कहा कि सरकार इन परियोजनाओं के लिए खुली बोलियां आमंत्रित कर सकती है।


क्या है खास इस परियोजना में


राज्य सरकार इसी माह के अंत तक खुली बोलियां आमंत्रित कर सकती है
परियोजनाओं को तीन, सूक्ष्म, लघु और छोटी परियोजनाओं की श्रेणी में बांटा गया
स्व-परख श्रेणी में डेवलपर खुद से परियोजनाएं तलाशेगा

First Published - April 11, 2008 | 10:58 PM IST

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