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खूनी पानी के आगोश में समाता जा रहा है उत्तरी बिहार

Last Updated- December 07, 2022 | 6:48 PM IST

बिहार में बाढ़ की स्थिति भयावह रूप लेती जा रही है। कुसहा से बेकाबू होकर निकली कोसी हर रोज नए इलाके को अपने आगोश में लेती जा रही है।


आपदा प्रबंधन विभाग की मानें तो सुपौल, सहरसा, मधेपुरा, अररिया और पूर्णिया जिलों के 700 से ज्यादा गांव बाढ़ की चपेट में है और इससे 25 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हो रहे हैं। बाढ़ की वजह से अधिकारिक तौर पर 45 लोगों के मरने की सूचना है। मधेपुरा में बाढ़ की स्थिति इतनी भयावह हो गई कि वहां सेना की एक टुकड़ी भेजी गई और रेड अलर्ट घोषित कर दिया गया है।

लोग कर रहे हैं पलायन

अररिया के नरपतगंज प्रखंड के घुरना और बसमतिया से लोग अब पलायन कर रहे हैं। कटिहार के फलका, बरारी, कुरसेला और समेली प्रखंडों में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है। इन जगहों पर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है। मधेपुरा, सुपौल, अररिया और सहरसा जिला से क्रमश: 18 हजार, 30 हजार, 15 हजार 504 और 945 व्यक्तियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।

कहर बरपा रहा है पानी

फारबिसगंज और रानीगंज में भी बाढ़ की स्थिति भयावह बनी हुई है। पूर्णियां के बड़हरा कोठी प्रखंड मुख्यालय के मुलकिया पंचायत के राजघाट, शिसवा, मौजमपट्टी, बेलागंज, मटिहानी, बथनाहा सहित लगभग 70 गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। पानी के साथ सांपों का कहर भी जारी है। कई लोगों की मौत तो सांपों के डंसने से हुई है।

बनमनखी के तीन पंचायतों नौलखी, चांदपुर-भंगहा, सहुरिया-सुभाय में पानी जमीन से छह फुट ऊपर से बह रहा है। खगड़िया जिले के लाल गोल बासा और श्रीपुर में भी बाढ़ का पानी घुस गया है। सहरसा जिले के कई प्रखंड बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। मधुबनी के फुलपरास अनुमंडल क्षेत्र में भूतही नदी का कहर भी जारी है।

सरकार के प्रति गुस्सा

लोगों का कहना है कि कुशहा के नजदीक तटबंध की स्थिति काफी खराब थी। इस बाबत नीतीश सरकार को संबद्ध इंजीनियरों ने तुरंत कदम उठाने की भी सलाह दी थी। लेकिन सरकार की तरफ से कोई ठोस कदम नहीं उठाने की वजह से स्थिति काफी भयावह हो गई है।

राहत एवं बचाव कार्य

आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त सचिव प्रत्यय अमृत ने बताया कि सेना की एक टुकड़ी 10 नावों के साथ मधेपुरा पहुंच गई है। सुपौल जिला में 10 मोटर बोट सहित 45 नावें, मधेपुरा जिला में 11 मोटर बोट सहित 86 नावें, सहरसा जिला में 46 नावें और अररिया जिला में 9 मोटर बोट सहित 33 नावें बचाव कार्य के लिए लगाई गई हैं।

पूर्णियां जिले के चुनापूर हवाई अड्डे से सेना के  चार हेलिकॉप्टर राहत कार्य में लगे हुए हैं। सीमा सुरक्षा बल से 20 मोटरबोट की मांग राज्य सरकार ने की है। मंगलवार की शाम तक अतिरिक्त 15 विशेष नाव सुपौल, सहरसा और मधेपुरा भेजी गई है। मधेपुरा और सुपौल जिले में संचार सुविधा बहाल करने के लिए आपदा प्रबंधन विभाग ने पुलिस मुख्यालय से 50 वायरलेस सेट उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है।

उन्होंने कहा कि चार जिलों में 95 राहत शिविर, 44 चिकित्सा शिविर और 22 पशु चिकित्सा शिविर खोले गए हैं। राहत सामग्रियों के तहत 64926 किलोग्राम चूड़ा, 21314  किलोग्राम सत्तू, 10780 किलोग्राम गुड़, 10780 किलोग्राम नमक, और 438680 हेलोजन की टैब्लेट्स भेजी जा चुकी है। इसके अलावा मधेपुरा जिला में 25000 फूड पैकेट्स जिसमें 300 क्विंटल चूड़ा, 60 क्विंटल गुड़, 50 क्विंटल सत्तू, 22000 दीयासलाई और 44000 मोमबत्तियां भेजी जा चुकी है।

मुसीबतों की बाढ़

पेट्रोलियम पदार्थों की कालाबाजारी शुरू
खाद्य तेल, चूड़ा और सब्जी आदि की भारी किल्लत
बाढ़ प्रभावित जिलों में तैनात प्रभारी अधिकारी का नहीं मिल रहा भरपूर सहयोग
गांवों में लोग घर छोड़कर जा रहे हैं और उनके सामानों की सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं है
पूर्णियां और कटिहार के केला व्यापारी तबाह

First Published - August 27, 2008 | 9:42 PM IST

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