कोरोनावायरस की उलझनों के बीच महाराष्ट्र में चक्रवाती तूफान निसर्ग भी कहर बरपा के चला गया। निसर्ग से राज्य के 14 जिले प्रभावित हुए हैं, लेकिन सबसे ज्यादा क्षति रायगढ़ जिले में हुई है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने रायगड जिले का दौरा करके निसर्ग से हुए नुकसान का जायजा लिया और फौरी तौर पर 100 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता की घोषणा की। मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने का ऐलान राज्य सरकार पहले ही कर चुकी है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मुंबई से करीब 110 किलोमीटर दूर स्थित रायगड जिले के अलीबाग इलाके का दौरा करके स्थिति का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने तटीय जिले में चक्रवात से हुए नुकसान का शीघ्र आकलन करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि यह सहायता (100 करोड़ रुपये ) आपात राहत के लिए दी जाएगी। यह महज एक शुरुआत है। इसे पैकेज न कहें। ठाकरे ने कहा कि बारिश के कारण कोरोनावायरस से खतरा बढ़ सकता है। हमें बारिश से जुड़ी बीमारियां भी रोकनी होंगी। हम किसी को असहाय नहीं छोड़ सकते। बिजली आपूर्ति, संचार सेवाएं बहाल करवाना और मकानों की मरम्मत करवाना हमारी प्राथमिकता है।
तूफान अपने पीछे भारी तबाही छोड़कर गया है जिससे उबरने और जन-जीवन सामान्य होने में काफी वक्त लगेगा। कोविड-19 के कारण पहले ही लोगों के पास काम नहीं था, चक्रवात ने अब उनकी समस्या दोगुनी कर दी है। मुख्यमंत्री ने निर्देश देते हुए कहा कि निसर्ग के कारण हुए नुकसान की रिपोर्ट दो दिनों के भीतर प्रस्तुत की जानी चाहिए, ताकि किसानों और ग्रामीणों को तुरंत मदद मिल सके। विशेष रूप से रायगड जिले में बड़ी संख्या में बिजली के खंभे गिरे हैं और तुरंत बिजली आपूर्ति शुरू की जानी चाहिए। इसके लिए अन्य स्थानों से अधिक से अधिक श्रमबल और उपकरण उपलब्ध कराए जाएं। रायगड की जिलाधिकारी निधि चौधरी ने कहा कि हमने क्षति का आकलन करना शुरू कर दिया है। श्रीवर्धन एवं मुरूड तालुका सर्वाधिक प्रभावित हुआ है और हमने समय पर आकलन करने के लिए वहां टीमें भेजी हैं ।
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिया कि रायगड जिले में घरों का नुकसान हुआ है। उनके पास भोजन और पेयजल की व्यवस्था नहीं है। उन्हें तत्काल खाद्यान्न वितरण की आवश्यकता है। प्रशासन को तुरंत यह काम शुरू करना चाहिए। महावितरण को इस क्षेत्र में अधिक श्रमबल लगाकर बिजली आपूर्ति बहाल करनी चाहिए। अस्पतालों और दवाखानों में बिजली आपूर्ति शुरू रहना बेहद जरूरी है। नुकसान की भरपाई करते समय लोगों को विश्वास में लिया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह संकट बहुत बड़ा है। निश्चित रूप से आप सभी कोरोना के संकटकाल में दिन-रात काम कर रहे हैं। यह प्रशंसनीय है।
पूर्वी तट पर ऐसे तूफान नए नहीं हैं, लेकिन अब पश्चिमी तट पर मुंबई में कई वर्षों में पहली बार ऐसा तूफान आया है इसलिए हमें भविष्य की तैयारी करनी होगी। राजस्व मंत्री बालासाहेब थोरात ने कहा कि हमें यह देखने को मिला कि वास्तव में सतर्कता क्या होती है। बिजली की लाइनें और पोल गिरने के कारण पुनर्वास मुश्किल है। इसे प्राथमिकता के साथ जल्द से जल्द पूर्ववत करने की जरूरत है। मदद जितनी जल्दी पहुंचेगी, उतनी जल्दी लोगों को राहत मिलेगी। पालक मंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि सौभाग्य से ठाणे जिले को कोई खतरा नहीं पहुंचा। जिलाधिकारी राजेश नार्वेकर ने कहा कि ठाणे में तूफान का विशेष झटका नहीं लगा।
रायगड निवासी उपजिलाधिकारी डॉ. पद्मश्री बैनाडे ने जानकारी दी कि रायगड जिले में लाखों घरों को नुकसान पहुंचा है। एक लाख से अधिक पेड़ गिर गए हैं। श्रीवर्धन और मुरुड के बीच तूफान टकराया जिससे श्रीवर्धन में बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है। सभी संचार सेवाएं बाधित हो गई हैं। हजारों बिजली के खंभे गिर गए हैं। जिले में 5,000 हेक्टेयर खेती को नुकसान पहुंचा है और आकलन के लिए टीमें निकली हैं। आंतरिक सड़कें बहुत खराब हो गई हैं। कुछ जगहों पर एंबुलेंस भेजना संभव नहीं हो पाया है। टेलीफोन और मोबाइल सेवाएं बाधित होने से लोग डरे हुए हैं। वे दूसरों से संवाद स्थापित नहीं कर पा रहे हैं। टेलीकॉम प्रणाली शुरू करने के प्रयास चल रहे हैं। बताया गया है कि बिजली नहीं होने के कारण 500 मोबाइल टावर काम नहीं कर रहे हैं। 10 नौकाओं को आंशिक रूप से और 12 हेक्टेयर मछली की खेती को नुकसान पहुंचा है।
राहत और पुनर्वास विभाग के प्रमुख सचिव किशोर राजे निंबालकर ने बताया कि चक्रवाती तूफान से बचाने के लिए राज्य में 78,191 नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया। 21 एनडीआरएफ और छह एसडीआरएफ दस्ते तैनात किए गए थे। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार रायगड जिले में 5,033 हेक्टेयर भूमि को नुकसान पहुंचा है। उन्होंने बताया कि मृतकों के परिजनों को तुरंत चार लाख रुपये का अनुग्रह अनुदान दिया जाएगा।
