राज्य के वित्त मंत्री ने 2,79,237 करोड़ रुपये का बजट पेश किया
► 55,000 करोड़ रुपये से अधिक राजस्व घाटे का है अनुमान
► बजट में कोई नया कर नहीं, 11 नए औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने का प्रस्ताव
► प्रमुख शहरों में पीपीपी के तहत ई-वाहनों के लिए 217 चार्जिंग स्टेशन बनाने का ऐलान
मध्य प्रदेश के वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने मंगलवार को 2,79,237 करोड़ रुपये का बजट राज्य विधानसभा में पेश किया। बजट में राजस्व घाटा 55 हजार करोड़ रुपये से अधिक रहने का अनुमान जताया गया है। सभी वर्गों का ध्यान रखते हुए बनाए गए इस बजट में न तो कोई नया कर लगाया गया है और न ही पुराने करों में इजाफा किया गया है। बजट में समाज के सभी वर्गों के लिए कुछ न कुछ है। वित्त मंत्री ने कहा कि बजट का इरादा मध्य प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने का है।
प्रदेश के करीब साढ़े पांच लाख सरकारी कर्मचारियों को लाभ पहुंचाने वाली घोषणा में सरकार ने महंगाई भत्ता 20 फीसदी से बढ़ाकर 31 फीसदी करने की घोषणा की। प्रदेश में 13,000 नए शिक्षकों की नियुक्ति का प्रस्ताव भी बजट में है। बिजली सब्सिडी के लिए बजट में 25,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया।
प्रदेश में औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए 11 नए औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जाएंगे, जिनसे रोजगार के 11,000 से अधिक अवसर तैयार होंगे। भोपाल, इंदौर और जबलपुर शहरों में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए निजी-सार्वजनिक भागीदारी के जरिये 217 इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन बनाने का भी ऐलान किया गया। प्रदेश में बागवानी फसलों के लिए 1 लाख टन की भंडारण क्षमता विकसित करने की बात कही गई। बजट में 31 लाख लाभार्थियों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिया जाएगा, जिसके लिए 10,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। प्रदेश की सिंचाई क्षमता को वर्ष 2025 तक बढ़ाकर 65 लाख हेक्टेयर पहुंचाने का लक्ष्य भी बजट में निर्धारित किया गया है। बजट में कृषि, मत्स्यपालन, पेयजल, अधोसंरचना एवं अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के लिए भी कई नई घोषणाएं की गईं।
प्रदेश में पहली बार बच्चों और युवाओं पर केंद्रित बाल बजट अलग से पेश किया गया। इस बजट में पूरक पोषण आहार से लेकर छात्रवृत्ति और खेलकूद संबंधी तमाम योजनाओं को शामिल किया गया है। बाल बजट 18 वर्ष तक के युवाओं के लिए बनने वाली योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन में योगदान करेगा।
प्रदेश के श्योपुर, राजगढ़, मंडला, सिवनी, सिंगरौली, नीमच, मंदसौर, दमोह समेत कई जिलों में 22 नए चिकित्सा महाविद्यालय खोले जाएंगे, जिनमें एमबीबीएस की करीब 1,215 सीटें होंगी।
बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने इसे आम जनता को गुमराह करने वाला बजट बताया। नाथ ने कहा कि नया बजट प्रदेश की पहले से परेशान जनता को और अधिक मुश्किल में डालेगा। उन्होंने बजट को ‘फरेब का पुलिंदा’ करार देते हुए कहा कि इसमें नए प्रावधानों की घोषणा तो की गई मगर पिछले वर्ष के प्रावधानों से क्या हासिल हुआ यह नहीं बताया गया।
सीआईआई मध्य प्रदेश के चेयरमैन अनिमेष जैन ने कहा, ‘बजट में पूंजीगत व्यय और राजकोषीय सुदृढ़ीकरण का संतुलन सराहनीय है। प्रदेश सरकार ने निवेश आधारित वृद्धि के लिए जो कदम उठाए हैं, वे खास तौर पर इलेक्ट्रिक वाहन तथा अन्य क्षेत्रों में निजी भागीदारी को बढ़ावा देंगे। प्रदेश में नए औद्योगिक क्षेत्रों के विकास की पहल विशेषकर सराहनीय है। उद्योग जगत आशा करता है कि सरकार राज्य में लॉजिस्टिक सुविधाओं को मजबूत कर रोजगार निर्माण में और अधिक योगदान करेगी।’
अर्थशास्त्री और इंडियन इकनॉमिक एसोसिएशन के मध्य प्रदेश प्रभारी देवेंद्र विश्वकर्मा कहते हैं, ‘प्रदेश सरकार का यह बजट आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश की दिशा में बढ़ाया गया एक और कदम है लेकिन राजस्व घाटा सरकार के सामने बड़ी चुनौती बना रहेगा। केंद्रीय करों में प्रदेश की हिस्सेदारी जरूर 52,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 64,000 करोड़ रुपये की गई है। इससे प्रदेश में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।’