उत्तर प्रदेश ने छोटे, लघु और मध्यम उद्यमों को ऋण दिये जाने के मामले में बीते कुछ वर्षो के दौरान काफी बढ़ोतरी हुई है।
इस वर्ष मार्च के अंत तक बैंकों द्वारा इन उद्यमों को दिया गया लोन पिछले वर्ष समान अवधि में दिये गये लोनों से लगभग 12 फीसदी तक बढ़ गया है। राज्य स्तरीय बैंक समिति द्वारा पारित (एसएलबीसी)की गई रिर्पोट की माने तो बैंक इन क्षेत्रों में ऋण देने के मामले में अपनी रुचि दिखा रही है।
राज्य के वाणिज्यिक बैंकों ने इस वर्ष मार्च के अंत तक 93,650.14 करोड़ रुपये का कर्ज दिया है। जो पिछले वर्ष इसी अवधि में 82,678.08 रहा था। एमएमएमई सेक्टर को मिलने वाले ऋण में बढ़ोतरी के रुझानों को इस क्षेत्र में राज्य के बैंको की बही में देखा जा सकता है।
बैंक ऑफ बड़ौदा बैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बिजनेंस स्टैंडर्ड को बताया कि राज्य की अर्थव्यवस्था में एमएसएमई सेक्टर का विशेष योगदान है। राज्य में एमएसएमई के लगाई जा रही इकाइयों की संख्या भी लगातार बढ़ती जा रही है। इसके कारण इस क्षेत्र को दिये जाने वाले कर्ज में भी लगातार बढ़ोतरी होती जा रही है।
केन्द्रीय वित्त मंत्रालय द्वारा 2005 में इस क्षेत्र के लिए की गई घोषणाओं के बाद राज्य के विभिन्न बैंक बिना किसी हिचक के इस क्षेत्र में कर्ज की पेशकश कर रहे हैं। केन्द्रीय वित्त मंत्री पी चिंदबरम ने एसएमई और एमएसएमई इकाइयों में ऋण की मात्रा को बढ़ाने के लिए कुछ मानकों को अपनाना का सुझाव दिया था।