खाद्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने गुरुवार को बताया कि खाद्य मंत्रालय ने पेट्रोल में 20 फीसदी एथनॉल मिश्रण के लक्ष्य को हासिल करने के करीब पहुंचने के बाद अब नीति आयोग से अगले वर्षों में 25 फीसदी मिश्रण का खाका तैयार करने का अनुरोध किया है।
उन्होंने बताया कि एथनॉल आपूर्ति वर्ष 2023-24 अक्टूबर में समाप्त होगा। अभी तक देश पेट्रोल में एथनॉल मिश्रण के 14 फीसदी राष्ट्रीय औसत के करीब पहुंच चुका है। जोशी ने कहा कि केंद्र घरेलू चीनी क्षेत्र की अन्य मांगों पर भी विचार कर रहा है। इन मांगों में चीनी का न्यूनतम बिक्री मूल्य 31 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़ाना भी शामिल है।
जोशी ने इस्मा द्वारा आयोजित भारतीय चीनी और जैव ऊर्जा सम्मेलन के इतर कहा, ‘हम अक्टूबर से शुरू होने वाले 2024-25 के सत्र में चीनी के उत्पादन के आंकड़ों को देखना चाहेंगे। इसके बाद ही निर्यात के किसी निष्कर्ष पर पहुंचेंगे। उद्योग ने हमें कुछ आंकड़े दिए हैं जबकि हमारे अपने इनपुट पर भी कुछ अनुमान हैं।’
भारत ने सत्र 2022-23 में बड़े स्तर पर चीनी निर्यात की अनुमति दी थी, उस समय 64 लाख टन चीनी का निर्यात हुआ था। इससे पहले 2021-22 में चीनी का निर्यात सर्वाधिक 1.1 करोड़ टन हुआ था।
जोशी ने कहा कि अच्छे मॉनसून के कारण सत्र 2024-25 (अक्टूबर से सितंबर) के लिए चीनी उत्पादन का आसार अच्छा नजर आता है। एथनॉल आपूर्ति वर्ष 2022-23 में (नवंबर-अक्टूबर) में दाम तय किए जाने के बाद इसके दाम में वृद्धि नहीं की गई है। अभी गन्ने के रस से तैयार एथनॉल का मूल्य 65.61 लीटर है जबकि बी हैवी शीरे का मूल्य 60.73 रुपये लीटर और सी हैवी शीरे का मूल्य 56.28 रुपये लीटर है।
इससे पहले खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने कहा था कि मॉनसून अच्छा रहने के कारण उद्योग 2024-25 में गन्ने की अच्छी फसल की उम्मीद कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार और चीनी उद्योग की पहले से तैयार नीतियों के कारण सत्र 2023-24 में गन्ना का बकाया अपने सर्वकालिक निचले स्तर पर पहुंच गया है और 99 फीसदी बकाया का निपटान हो चुका है।