उत्तर प्रदेश में प्रस्तावित देश के सबसे लंबे गंगा एक्सप्रेसवे के लिए जमीन अधिग्रहण का काम इसी साल 15 जून तक पूरा कर लिया जाएगा। मेरठ से शुरू होकर प्रयागराज जिले तक जाने वाले इस 594 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेस वे परियोजना पर निर्माण जुलाई में शुरू किया जा सकता है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण का काम 15 जून, 2021 तक हर हाल में पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि संबंधित मंडलायुक्त एवं जिलाधिकारी मिशन मोड पर कार्य करते हुए परियोजना के लिए आवश्यक भूमि की उपलब्धता सुनिश्चित कराएं।
गुरुवार को मुख्यमंत्री ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबंधित जिलाधिकारियों से भूमि अधिग्रहण की ताजा स्थिति की जानकारी हासिल की। उन्होंने कहा कि यह परियोजना प्रदेश की अर्थव्यवस्था के लिए अत्यंत महत्त्वपूर्ण है इसलिए गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण से जुड़ी सभी कार्यवाही समयबद्ध ढंग से की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस महत्त्वपूर्ण अवस्थापना परियोजना के लिए भूमि उपलब्ध कराकर विकास प्रक्रिया में सक्रिय योगदान देने वाले किसानों को सम्मानित किया जाए।
साथ ही उन्होंने भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही को समय से पूरा करने के लिए आवश्यकतानुसार अतिरिक्तमैनपावर की व्यवस्था करने को भी कहा।
यूपी इंडस्ट्रियल ऐंड एक्सप्रेस वेज अथॉरिटी (यूपीडा) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अवनीश अवस्थी ने बताया कि इसके लिए 12 जिलों के 522 गांवों की जमीन खरीदी जाएगी। उन्होंने कहा कि गंगा एक्सप्रेसवे मेरठ जिले के बिजौली गांव के समीप से प्रारंभ होगा। गंगा एक्सप्रेसवे प्रयागराज बाईपास राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-19 पर प्रयागराज जिला के जुडापुर दांदू गांव के समीप समाप्त होगा। गंगा एक्सप्रेस वे मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज जिले से गुजरेगा। इस एक्सप्रेस-वे के लिए पीपीपी मोड पर अप्रैल में आरएफपी कम आरएफक्यू आमंत्रित किया जाना प्रस्तावित है।
