पश्चिम बंगाल में पिछले दो वर्षो के दौरान हुए कुछ बड़े संघर्ष जमीन अधिग्रहण के इर्द-गिर्द देखने को मिले हैं।
हालांकि, इस दौरान कोलकाता और उसके आसपास के इलाकों में जमीन के सौदों में लगी तीन प्रमुख सरकारी एजेंसियों की माली हालत में जोरदार सुधार देखने को मिला है। इस एजेंसियों में कोलकाता महानगरीय विकास प्राधिकरण (केएमडीए), कोलकाता नगर निगम (केएमसी) और पश्चिम बंगाल हाउसिंग बोर्ड (डब्ल्यूबीएचबी) शामिल हैं। वित्तीय सेहत के लिहाज से पिछले दो साल इन एजेंसियों के लिए शानदार रहे हैं।इस दौरान इन तीनों संगठनों ने 18,000 करोड़ रुपये से अधिक के सौदों का अंजाम दिया।
ये सौदे 5,250 एकड़ से अधिक जमीन के लिए थे। इस दौरान अगर केएमडीए द्वारा डीएलएफ के साथ दनकुनी में किए गए मेगा जमीन सौदे को छोड़ दें तो इन तीनों एजेंसियों ने कुल 410 एकड़ जमीन के लिए 16,000 करोड़ के सौदे किए।केएमडीए को डीएलएफ की परियोजना के लिए जमीन अधिग्रहण के लिए अभी तक कुल 271 करोड़ रुपये मिल चुके हैं। केडीएमए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जमीन मालिकों और अन्य हिस्सेदारों को मिलाकर एक समिति का गठन किया गया है जो जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए काम कर रही है।
हाल में प्राधिकरण ने रीयल एस्टेट डिवेलपर्स के साथ एक दिन में 800 करोड़ रुपये के सौदों पर दस्तखत किए।डब्ल्यूबीएचबी ने अपने आठ संयुक्त उद्यम साझेदारों को दो वर्षो में 222 एकड़ जमीन का आवंटन किया है जिसके जरिए कुल 13,927 करोड़ रुपये जुटाए गए। बोर्ड द्वारा विकासित किए जा रही कुल 26 आवासीय परियोजनाओं में 6 पर सीलिंग की सीमा नहीं है। सबसे बड़ी संयुक्त उद्यम परियोजना में बंगाल ग्रीन फील्ड हाउसिंग डिवेलपमेंट कंपनी द्वारा बेहाला में 46 एकड़ जमीन पर विकसित की जा रही आवासीय परियोजना शामिल है।
डब्ल्यूबीएचबी के उपाध्यक्ष डी पी जना ने बताया कि ‘हम एक लैंड बैंक तैयार कर रहे हैं। इसके लिए निजी परिसंपत्तियों को भी खरीदा जा रहा है। हम करीब 500 एकड़ तक जमीन खरीद सकते हैं और एक या अधिक रीयल एस्टेट कंपनियों के साथ मिलकर वहां पर आवासीय परियोजनाओं का विकास किया जाएगा। ये परियोजनाएं दुर्गापुर, कल्याणी, सिलीगुड़ी, भोपलुर और राजरहाट में बनाई जाएंगी।’
संयुक्त उद्यम से एक कदम आगे बढ़ाते हुए अब बोर्ड प्रायोजित क्षेत्र के लिए आवासीय परियोजना के विकास पर काम कर रहा है। इसके तहत बोर्ड की भूमिका कमोबेश जमीन अधिग्रहण और अपना नाम मुहैया कराने तक सीमित होगी। जना ने बताया कि इस प्रस्ताव पर एलएंडटी जैसी कंपनियों ने रुचि दिखाई है।
हालांकि इस प्रस्ताव के लिए पश्चिम बंगाल के आवास और पीएचई मंत्री गौतम देव की मंजूरी ली जानी बाकी है। केएमसी की ईएम बाईपास स्थित जमीन के लिए रीयल एस्टेट डिवेलपर्स ने काफी रुचि दिखाई है। यहां केएमसी को केवल तीन सौदों से 629 करोड़ रुपये की आमदनी हुई। बोली प्रक्रिया में डीएलएफ हिल्टन, एम्मार एमजीएफ और एलआईसी को कामयाबी मिली। इस दौरान एलआईसी ने प्रति एकड़ 55.24 करोड़ रुपये की बोली लगाई जो एक रिकार्ड है।