रिलायंस जियो और भारती एयरटेल नए वैश्विक उद्यम में शामिल हो गई हैं। इस उद्यम में वैश्विक स्तर की एक दर्जन सबसे बड़ी दूरसंचार परिचालक और दूरसंचार उपकरण क्षेत्र की प्रमुख कंपनी एरिक्सन शामिल हैं। यह उद्यम वैश्विक स्तर पर नेटवर्क ऐप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस (एपीआई) का संयोजन और बिक्री करेगा।
एरिक्सन ने शुक्रवार को बयान में कहा कि यह कदम ऐप विकास में आगे की राह खोलेगा। नवगठित कंपनी एपीआई के जरिये तैयार की गई ऐप को कहीं भी और किसी भी नेटवर्क पर काम करने की सुविधा देगी।
नेटवर्क एपीआई ओपन इंटरफेस है जो डेवलपरों को उन्नत 5जी नेटवर्क क्षमताओं तक आसानी से पहुंचने की सुविधा देता है। यह उद्यम कई दूरसंचार सेवा प्रदाताओं से डेवलपर प्लेटफॉर्म के व्यापक तंत्र तक कार्यान्वयन और सामान्य एपीआई तक पहुंच को आगे बढ़ाएगा।
आधुनिक मोबाइल नेटवर्क में उन्नत और इंटेलिजेंट क्षमताएं होती हैं जो अभी तक डेवलपरों की पहुंच से बाहर रही हैं। एरिक्सन ने कहा, ‘इसके अलावा डेवलपरों के लिए सैकड़ों अलग-अलग दूरसंचार ऑपरेटरों की अलग-अलग क्षमताओं को एकीकृत करना अव्यावहारिक रहा है।’
अलबत्ता इस नए उद्यम से वैश्विक स्तर पर उद्योग मानक स्थापित होने की उम्मीद है। इसमें शामिल नामों को देखते हुए इस दिशा में कामयाबी मिलने की भी संभावना है। अमेरिका मोविल, एटीऐंडटी, ड्यूश टेलीकॉम, ऑरेंज, सिंगटेल, टेलीफोनिका, टेल्स्ट्रा, टी-मोबाइल, वेरिजोन और वोडाफोन इस उद्यम का हिस्सा हैं।
यह सौदा साल 2025 की शुरुआत में पूरा होने की उम्मीद है, जो नियामकीय मंजूरी और अन्य शर्तों पर निर्भर करेगा। इसके पूरा होने पर एरिक्सन के पास इस उद्यम में 50 प्रतिशत इक्विटी होगी जबकि दूरसंचार प्रदाताओं के पास शेष 50 प्रतिशत हिस्सा होगा।