गत आठ दिनों से जारी चक्का जाम को आखिरकार ट्रांसपोर्टरों ने सरकार से समझौते के बाद खोल दिया। सरकारी नुमाइंदों व ट्रांसपोर्टरों के बीच चली तीन घंटे की लंबी बैठक के बाद दोनों पक्षों के बीच जाम खोलने को लेकर सहमति बन पायी।
सरकार ने ट्रांसपोर्टरों के सर्विस टैक्स को जुलाई, 2008 में हुए समझौते के मुताबिक लागू करने का फैसला किया है। साथ ही सर्विस टैक्स को लेकर जारी नोटिस को भी वापस लेने का आश्वासन दिया गया है।
समझौते के मुताबिक टोल टैक्स की दर दिसंबर, 2007 के मुताबिक होगी तो डीजल में 3 रुपये प्रति लीटर की कटौती करने की बात भी ट्रांसपोर्टरों को सरकार की तरफ से कही गयी है। नेशनल परमिट की दरों में कमी को लेकर ट्रांसपोर्टर व सरकारी नुमाइंदों की एक कमेटी गठित करने का समझौता हुआ है।
यह कमेटी इस मसले पर अंतिम फैसला लेगी। वहीं आवश्यक सेवा अधिनियम (एस्मा) के तहत जेल में बंद ट्रांसपोर्टर व उनके नेताओं को एक-दो दिनों में रिहा करने का आश्वासन दिया गया है। इस समझौते के बाद सोमवार की रात से सभी ट्रांसपोर्टर अपने काम पर लौट आएंगे।
गत 5 जनवरी से विभिन्न मांगों को लेकर देश भर के ट्रांसपोर्टरों ने चक्का जाम कर दिया था। चक्का जाम को खोलने की सरकारी अपील के बावजूद ट्रांसपोर्टर अपनी मांगों पर अड़े हुए थे।
आवश्यक वस्तुओं की ढुलाई में हो रही दिक्कतों को देखते हुए विभिन्न राज्यों ने एस्मा के तहत उनके चक्का जाम को अवैध करार देते हुए कई ट्रांसपोर्टरों को गिरफ्तार कर लिया।
हालांकि अभी इस बात का खुलासा नहीं हो पाया है कि ट्रांसपोर्टरों के खिलाफ दायर मुकदमे को वापस लिया जाएगा या नहीं लेकिन सरकार ने उन्हें एक-दो दिनों में जेल से रिहा करने का आश्वासन जरूर दे दिया है।