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उद्योगों ने मांगा बराबरी का मौका

Last Updated- December 07, 2022 | 12:04 PM IST

भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) की मध्य प्रदेश शाखा ने राज्य में प्रवेश शुल्क को नरम बनाने की मांग की है, ताकि उद्योग दूसरे राज्यों का मुकाबला कर सकें।


उल्लेखनीय है कि राज्य में भारी प्रवेश कर का सबसे अधिक खामियाजा छोटे और मझोले उद्योगों को उठाना पड़ रहा है। सीआईआई के एक प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार को राज्य के मुख्य सचिव से मुलाकात कर इस सिलसिले में उन्हें अपनी मांगों का पुलिंदा सौंपा।

सीआईआई ने मुख्य सचिव को सौंपे ज्ञापन में कहा है कि ‘महाराष्ट्र और गुजरात जैसे पड़ोसी राज्यों में पहले ही चुंगी को खत्म करने की घोषणा कर दी है। राज्य के उद्योगों को प्रतिस्पर्धी बनाने रखने के लिए मध्य प्रदेश को भी इसी नीति का अनुशरण करना चाहिए।’ मध्य प्रदेश में सीआईआई के प्रवक्ता ने बताया कि राजेन्द्र प्रसाद ने बताया कि ‘हम नहीं चाहते हैं कि राज्य को राजस्व खोना पड़े लेकिन कारोबारियों को कई स्तरों पर प्रवेश कर चुकाना पड़ रहा है।

हम चाहते हैं कि राज्य को मूल्य वर्धन के स्तर पर ही कर लेना और भेदभाव को दूर करना चाहिए।’ मध्य प्रदेश में सभी तरह के माल (कच्चा माल और तैयार माल) पर कर लिया जाता है। सभी तरह के कच्चे माल पर एक प्रतिशत की दर से स्टेट लेवी देनी पड़ती है और इसके बाद तैयार माल पर 2 प्रतिशत की दर से लेवी दी जाती है। इस तरह कारोबारियों को कड़े मुकाबले वाले माहौल में 3 प्रतिशत अतिरिक्त बोझ उठाना पड़ता है।

ऐसे उद्योग जिनकी इकाइयां राज्य से बाहर हैं और वह अपने उत्पादों की बिक्री मध्य प्रदेश में करती हैं, उनके लिए कच्चे माल पर 1 प्रतिशत का प्रवेश शुल्क देना अनिवार्य नहीं है। इसके अलावा राज्य सरकार ने लोहा, स्टील और ल्यूब्रीकेंट्स पर प्रवेश शुल्क की दर को 1 प्रतिशत से बढ़ाकर 2 प्रतिशत कर दिया है। यह दर दूसरे राज्यों के मुकाबले अधिक है। इससे व्यवसाय निश्चित तौर से प्रभावित होगा। इसके अलावा सीआईआई ने कोयले पर 5 प्रतिशत का अतिरिक्त कर लगाए जाने के मुद्दे को भी उठाया।

राज्य सरकार ने 2005 में ‘मध्य प्रदेश ग्रामीण अवसंरचना सड़क विकास अधिनियम’ के तहत कोयले पर विशेष कर लगाया था। इससे कोयले की कीमत में प्रति टन 100 रुपये का इजाफा हुआ है। बीते तीन वर्षो के दौरान कोयले की कीमत बढ़कर दोगुनी हो चुकी है इसके बावजूद सरकार ने कोयले के प्रवेश शुल्क को 1 प्रतिशत से बढ़ाकर 2 प्रतिशत कर दिया है।

फिसलता बाजार

मध्य प्रदेश में प्रवेश शुल्क की दर लगभग 2 प्रतिशत है जबकि पड़ोसी राज्यों में कोई शुल्क नहीं लिया जा रहा है
राज्य को गुजरात और महाराष्ट्र के कारोबारियों के हाथों बाजार खोना पड़ रहा है

First Published - July 20, 2008 | 10:47 PM IST

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