हरियाणा में बिजली संकट के कारण खेती बुरी तरह से प्रभावित हो रही है। राज्य में किसानों को टयूबवेल चलाने के लिए एक दिन छोड़कर एक दिन केवल चार घंटे के लिए बिजली दी जा रही है। राज्य की नारईगढ़ तहसील के पतेहरी गांव के माम चंद ने कहा कि ‘दो दिन में केवल चार घंटे के लिए बिजली आती है। बिजली के आने जाने का कोई तय समय नहीं है। ऐसे में छोटे और मझोले किसानों को सबसे अधिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि वे टयूबवेल चलाने के लिए जेनरेटर्स का सहारा नहीं ले सकते हैं।’
इसी गांव के रहने वाले रामपाल ने बताया कि सिंचाई की कमी के चलते गन्ने की फसल को काफी नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि ‘सिंचाई के अभाव में फसल सूखने के कगार पर पहुंच गई है।’ किसानों ने कहा है कि उन्हें अभी तक सिंचाई विभाग और बैंकों से कोई मदद नहीं मिली है। हरियाणा में पानी का कोई प्राकृतिक स्रोत नहीं है। ऐसे में बिजली की कमी के कारण पानी की भारी किल्लत हो जाती है। बिजली की कमी के चलते उत्पादन लागत भी बढ़ रही है।