उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के साढ़े तीन साल के कार्यकाल में हुए औद्योगिक निवेश में इलेक्ट्रॉनिक और विनिर्माण क्षेत्र ने बाजी मारी है। औद्योगिक विकास विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक बीते करीब साढ़े तीन सालों में प्रदेश में 1.88 लाख करोड़ रुपये का निवेश हुआ है। इसमें इलेक्ट्रॉनिक और विनिर्माण क्षेत्र में करीब 40 हजार करोड़ रुपये का निवेश रहा है।
उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास आयुक्त आलोक टंडन के मुताबिक विनिर्माण और इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र में बीते कुछ सालों में निवेश में तेजी आई है। साढ़े तीन सालों में विनिर्माण क्षेत्र में 21 कंपनियों ने करीब दस हजार करोड़ रुपये का निवेश है। इसके अलावा इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र में करीब 32 हजार करोड़ रुपये का निवेश 30 से अधिक कंपनियों ने किया है।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी की पहल पर राज्य में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए करीब दर्जन भर अलग-अलग विभागों की नीतियां बनाई गई हैं। इसके बाद उसमें करीब 186 सुधार किए गए, जिसके चलते ही बीते साढ़े तीन वर्षों में 156 कंपनियों ने 48 हजार 707 करोड़ रुपये का निवेश कर राज्य में उत्पादन शुरू कर दिया है। इन कंपनियों में एक लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिला है।
आलोक टंडन ने बताया कि विनिर्माण क्षेत्र में निवेश करने वाली कंपनियों में स्पर्श इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड ने 600 करोड़ रुपये और रिमझिम इस्पात ने 550 करोड़ का निवेश कानपुर देहात में किया है। केंट आरओ सिस्टस लिमिटेड ने 300 करोड़ का निवेश नोएडा में, पीटीसी इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने लखनऊ में 205 करोड़ का निवेश किया है। एमएम फॉरगिंग्स प्राइवेट लिमिटेड ने 150 करोड़ का निवेश बाराबंकी में किया है। इन सभी कंपनियों ने उत्पादन भी शुरू कर दिया है।
इसी प्रकार इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण के मामले में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर ने 10 हजार करोड़ रुपये, वीवो मोबाइल्स ने 7,429 करोड़ रुपये, ओप्पो मोबाइल्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने 2,000 करोड़ रुपये, होलीटेक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने 1,772 करोड़ रुपये, सनवोडा इलेक्ट्रानिक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने 1,500 करोड़ रुपये, केएचवाई इलेक्ट्रानिक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने 358 करोड़ और लिआनचुआंग (एलसीई) ने 281 करोड़ रुपये का निवेश नोएडा में कर के कार्य शुरू कर दिया है।
सबसे ज्यादा निवेश 15 हजार 963 करोड़ रुपये की लागत से रिन्यूअल एनर्जी में 18 कंपनियों ने किया है। इनमें से मिर्जापुर जिले में 250 करोड़ रुपये की लागत से एमप्लस एनर्जी साल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड और टेलीकॉम की दो कंपनियों रिलायंस जीओ इंफोकॉम लिमिटेड ने 10 हजार करोड़ रुपये तथा बीएसएनएल ने 5,000 करोड़ रुपये का निवेश कर कार्य शुरू कर दिया है।
आलोक टंडन के मुताबिक कपड़ा क्षेत्र में प्रदेश में बेहतर नतीजे मिले हैं। चार कंपनियों ने 6,320 करोड़ का निवेश किया है। इसमें कानपुर कपड़े के बड़े केंद्र के रूप में उभर रहा है। कानपुर प्लास्टिपैक लिमिटेड ने कानपुर देहात में 200 करोड़ रुपये, कानपुर में ही एक और कंपनी आरपी पॉली पैक्स ने 150 करोड़ रुपये का निवेश कर उत्पादन शुरू कर दिया है। अपैरल एक्सपोर्ट प्रमोशन क्लस्टर गौतमबुद्धनगर में 5,000 करोड़ रुपये और क्लेस्टो यार्न बलरामपुर में 970 करोड़ रुपये के निवेश से उत्पादन शुरू करने की स्थिति में हैं। गोरखपुर में कपड़ा केंद्र बनाए जाने का प्रस्ताव मंजूर चुका है।
