दिल्ली में इस साल हरित क्षेत्र बढ़कर 22 फीसदी से ज्यादा हो सकता है, जो मैदानी क्षेत्र के राज्यों के लिए तय मापदंड से अधिक है। हरित क्षेत्र बढ़ने से प्रदूषण की समस्या से जूझ रही दिल्ली को राहत मिल सकती है। हरित क्षेत्र बढने की वजह बीते वर्षों में दिल्ली में वृक्षारोपण पर जोर देना है। इस बीच दिल्ली सरकार ने 2 अक्टूबर से 8 अक्टूबर के बीच वन्य जीव संरक्षण अभियान चलाने का निर्णय लिया है।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि दिल्ली सरकार राष्ट्रीय राजधानी में वृक्षारोपण पर विशेष जोर दे रही है जिससे दिल्ली के हरित क्षेत्र को बढ़ाया जा सके। सरकार ने बीते 7 साल में अब तक 1.70 करोड पौधे लगाए हैं। चालू वित्त वर्ष के लिए सरकार ने 33 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य रखा है। अब तक 22.32 लाख पौधे लग चुके हैं और मार्च तक लक्ष्य पूरा कर लिया जाएगा। राय ने कहा कि सरकार द्वारा वृक्षारोपण पर जोर देने से दिल्ली में हरित क्षेत्र लगातार बढ़ रहा है। दिल्ली का कुल क्षेत्रफल 1,483 वर्ग किलोमीटर है। वर्ष 2015 में 299 वर्ग किलोमीटर यानी 20.20 फीसदी हरित क्षेत्र था। वर्ष 2019 की भारतीय वन सर्वेक्षण की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2019 में हरित क्षेत्र बढ़कर 325 वर्ग किलोमीटर यानी 21.88 फीसदी हो गया। इसके बाद से दिल्ली में काफी पौधे लगाए गए हैं जिससे दिल्ली में हरित क्षेत्र बढ़कर 22 फीसदी से ज्यादा हो गया है, जो मैदानी राज्यों के लिए हरित क्षेत्र के तय मापदंड 20 फीसदी से अधिक है। हालांकि हरित क्षेत्र के संबंध में नई रिपोर्ट इस साल दिसंबर तक आने की संभावना है।
राय ने कहा कि हरित क्षेत्र बढने से दिल्ली को प्रदूषण की समस्या से काफी राहत मिल सकती है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में वृक्षारोपण की तीसरे पक्ष से ऑडिट भी कराया जा रहा है जिससे लगाए गए पौधों के बारे में ये पता चल सके कि किस क्षेत्र में कितने पौधे जीवित हैं। एक महीने के अंदर इस आडिट की प्राथमिक रिपोर्ट आने की संभावना है। सरकार हरित क्षेत्र बढ़ाने के साथ वन्य जीवों के संरक्षण पर भी जोर दे रही है, क्योंकि पौधों के साथ ही वन्य जीव भी प्रदूषण नियंत्रण में मदद करते हैं। सरकार 2 से 8 अक्टूबर के बीच एक सप्ताह के लिए वन्य जीव संरक्षण जागरूकता अभियान चलाने जा रही है।
