भले ही रियल एस्टेट में चल रही मंदी ने मकानों की कीमतों को अर्श से फर्श पर ला दिया हो लेकिन पिछले एक साल के दौरान रिहायशी किराये का ग्राफ लगतार ऊपर चढ़ता जा रहा है।
ऐसे में उन लोगों की मुसीबतें कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं जिनका खुद का आशियाना नहीं है और जो किराए के मकानों में डेरा जमाए हुए हैं।
पिछले एक साल में ही दिल्ली के विभिन्न इलाकों में रिहायशी मकानों के किराये में 20 से 25 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
दिलचस्प रूप से उन इलाकों में किराए सबसे अधिक बढ़े हैं जहां दूर दराज से आए छात्र रहना पसंद करते हैं। उदाहरण के लिए मुनिरका, मुखर्जी नगर, लक्ष्मी नगर, आरके पुरम, सरोजनी नगर, मालवीय नगर और लाजपत नगर जैसे इलाकों में यह बढ़ोतरी 20 से 25 फीसदी रही है।
शहर के मध्यम वर्गीय परिवारों के पंसदीदा इलाकों को देखे तो सुभाष नगर, मालवीय नगर, मोहम्मदपुर, वजीराबाद, नारायणा, जनकपुरी, शालीमार बाग और पंजाबी बाग जैसे इलाकों में यह बढ़ोतरी 15 से 20 फीसदी की रही है। जबकि शहर के पॉश इलाकों का हाल काफी विपरित रहा है।
पिछले एक साल में सिविल लांइस, ग्रेटर कैलाश, डिफेंस कालोनी और वसंतकुंज जैसे पॉश इलाकों में किराये की बढ़ोतरी की दर 5 फीसदी भी बमुश्किल ही रही है। साल के अंतिम महीनों में तो इन इलाकों में किराये में 2 से 3 हजार रुपये की कमी आई है।
छात्रों के पंसदीदा इलाकों के प्रॉपर्टी डीलरों के अनुसार प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए व नौकरी की तलाश में आए छात्रों की प्राथमिकता इन इलाकों में कमरा लेने की होती है।
डीलक्स प्रॉपटी डीलिंग के आर एस सहगल बताते है कि ‘कमरों की तलाश यहां प्रतिस्पर्धा में बदल जाती है। ऐसे में अच्छी लोकेशन होने पर छात्र किसी भी कीमत पर मकान लेना चाहते है।
यही कारण है कि एक साल पहले जिस कमरे का किराया 2,500 रुपये हुआ करता था आज उसका किराया 3,000-3,500 रुपये के बीच है।’
कुछ प्रमुख इलाकों में (रु. हजार में )
2007 2009 जनवरी
ग्रेटर कैलाश 9 से 11 10 से 12
सफदरजंग एनक्लेव 13 से 14 15 से 16
साकेत 10 से 11 12 से 14
मुनिरका 5 से 6 7 से 8
रमेश नगर 7 से 9 10 से 11
टैगौर गार्डन 6 से 8 8 से 9
पीतमपुरा 10 से 12 10 से 15
लाजपत नगर 7 से 8 9 से 10
द्वारका 10 से 12 12 से 15
मयूर विहार 4 से 5 5 से 6