उत्तर प्रदेश में गांवों और कस्बों में खुले सूक्ष्म व कुटीर उद्योगों को सरकार की ओर से गति मिलेगी। योगी सरकार ने छोटे उद्योगों के लिए बड़ी पहल करते हुए बड़े पैमाने पर गांवों में कॉमन फैसिलिटी सेंटर (सीएफसी) खोलने की योजना को मंजूरी दी है। प्रदेश सरकार ने खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के जरिये राज्य में स्फूर्ति योजना के तहत सीएफसी स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू की है। स्फूर्ति योजना के तहत छोटे उद्योगों के लिए गांवों में सीएफसी खुलेंगे। इसकी स्थापना के लिए 90 फीसदी धनराशि प्रदेश सरकार देगी, जबकि शेष 10 फीसदी संबंधित गांवों के ही कुटीर उद्योगों के संचालक देंगे।
खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग के अधिकारियों के मुताबिक प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में परंपरागत उद्योगों से जुड़े कारीगरों के लिए केंद्र खुलेंगे। इससे पहले प्रदेश के विभिन्न शहरों में एक जिला एक उत्पाद योजना (ओडीओपी) के तहत हस्तशिल्पियों व छोटे उद्यमियों को बढ़ावा देने के लिए 21 सीएफसी खोले गए थे। ये केंद्र ग्रामीण क्षेत्रों में चल रहे उद्यमों में उत्पादों की गुणवत्ता बढ़ाने, अच्छी पैकेजिंग, विपणन और कच्चा माल मुहैया कराने के लिए तकनीकी व आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने का काम करेंगे। इनमें हस्तशिल्पी एवं सूक्षम व लघु उद्यमी एक ही छत के नीचे अपने उत्पादों को उच्च तकनीकी की सहायता से निर्मित कर अत्याधुनिक मशीनों से तैयार कर सकेंगे। इसके लिए गांवों में उत्पाद विशेष का निर्माण कर रही संस्थाओं को सीएफसी की स्थापना के लिए जमीन के साथ ही कुल लागत का 10 फीसदी वहन करना होगा जबकि शेष 90 फीसदी धनराशि देगी सरकार।