उत्तर प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र गुरुवार से शुरु होगा। सत्र की शुरुआत राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के अभिभाषण से होगी, जबकि प्रदेश का सालाना बजट 22 फरवरी को पेश किया जाएगा। किसानों के मुद्दे व बढ़ते अपराधों को लेकर इस बार भी सदन में खासा हंगामा होने के आसार हैं।
उत्तर प्रदेश विधानसभा की कार्यमंत्रणा समिति ने 10 मार्च तक के लिए सदन का कार्यक्रम तय कर दिया है। बुधवार को विधानसभा अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित ने सर्वदलीय बैठक बुलाकर सदन को चलाने के लिए सभी का सहयोग मांगा। लोकसभा की ही तर्ज पर इस बार उत्तर प्रदेश सरकार का पेपरलेस बजट पेश किया जाएगा। विधानसभा की पूरी कार्यवाही भी पेपरलेस होगी। सभी विधायकों को पेपरलेस कार्यवाही के लिए टैबलेट दिए गए हैं और उन्हें चलाना सिखाया गया है।
बुधवार को विधानसभा में हुयी सर्वदलीय बैठक में नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी, बहुजन समाज पार्टी के नेता सदन लालजी वर्मा, कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा सहित अन्य दलों के नेताओं ने हिस्सा लिया। मुयमंत्री योगी आदित्यनाथ और संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने सभी दलों के नेताओं से सदन के सफल संचालन के लिए सहयोग मांगा। विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि 18 फरवरी को राज्यपाल के अभिभाषण के 19 फरवरी को निधन की सूचनाएं ली जाएंगी जबकि 22 फरवरी को बजट पेश किया जाएगा। बजट पर चर्चा की शुरुआत शुक्रवार 26 फरवरी से हो सकती है। हालांकि अभी बजट सत्र के लिए 10 मार्च तक का कार्यक्रम जारी किया गया है पर यह आगे भी चलाया जा सकता है।
दूसरी ओर कल से शुरु हो रहे विधानसभा के बजट सत्र के हंगामेदार होने की पूरी संभावना है। विपक्ष की ओर से किसानों के मुद्दे को लेकर काम रोको प्रस्ताव लाने से लेकर हंगामा करने की पूरी तैयारी है वहीं बलात्कार व बढ़ते अपराधों को लेकर भी विपक्ष सरकार को कटघरे में खड़ा करेगा। गन्ना कीमतें न बढ़ाए जाने व धान की सरकारी खरीद में अनियमितता को लेकर समाजवादी पार्टी व कांग्रेस पहले से सरकार का विरोध करने की चेतावनी दे चुके हैं। विधानसभा के साथ ही कल से ही विधान परिषद की भी बैठक शुरु होगी। विधान परिषद में सभापति के चुनाव के लिए मुय विपक्षी दल सपा ने पहले से ही नोटिस दे रखी है। परिषद में भाजपा का पर्याप्त बहुमत न होने के चलते सरकार ने मानवेंद्र सिंह को कार्यकारी सभापति मनोनीत किया है।
