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मुरैना में कालाबाजारी का धंधा हुआ चौपट

Last Updated- December 05, 2022 | 4:58 PM IST

मुरैना जिला प्रशासन द्वारा केरोसिन व खाद्य वितरण के लिए मध्य प्रदेश में लागू की गई अपनी तरह की अनूठी योजना है।


इससे जहां सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) में 90 प्रतिशत लीकेज रुक गया है वहीं कालाबाजारी करने वाले लोगों का धंधा भी चौपट हो गया है।


इस योजना से गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे लोगों को अब उनके हिस्से का खाद्यान्न एवं केरोसिन सहकारी संस्था से मिलता है। योजना के तहत निश्चित दिनों में राशन कार्ड पर केरोसिन शक्कर एवं खाद्यान्न बांटा जाता है। निर्धारित दिन जिला प्रशासन द्वारा नियुक्त नोडल अधिकारियों की देखरेख में यहां एकत्रित ग्रामीण अपने हक का हिस्सा लेते हैं।


जिला प्रशासन की इस योजना से पीडीएस में कालाबाजारी के माध्यम से हो रहा नब्बे प्रतिशत लीकेज रुका गया है। प्रशासन की इस अभिनव योजना से गरीबों के घर लालटेन की रोशनी से दमकने लगे हैं तथा उनके चूल्हें पर सरकारी मदद से मिलने वाला खाद्यान पकने लगा है।


इस योजना की शुरूआत से पहले पीडीएस के तहत मिलने वाला उनके हिस्से का अधिकांश केरोसिन, शक्कर और गेहूं काले बाजार में बिक जाता था जबकि गरीब जनता के हाथ में सिर्फ बीपीएल सूची का राशन कार्ड ही रहता था। मुरैना में पीडीएस का जिम्मा सहकारी संस्थाओं पर है और इन पर राजनीतिक रसूखदार लोगों का कब्जा है। इसके कारण गरीब लोगों को कभी भी उनके हिस्से का पूरा केरोसिन या खाद्यान नहीं मिल पाता था।

First Published - March 24, 2008 | 9:53 PM IST

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