मुंबई में चलने वाली काले और पीले रंग की पद्मिनी टैक्सियों के स्थान पर नई गाड़ियों को लाने की महाराष्ट्र सरकार की योजना ने मंदी की मार झेल रही ऑटोमोबाइल कंपनियों को खुश होने का मौका दे दिया है।
मारुति उद्योग लिमिटेड (एमयूएल) ने अपने प्रतिद्वंदियों को पछाड़ते हुए शहर की सबसे बड़ी टैक्सीमैन यूनियन से एक समझौता कर लिया है। इस समझौते के तहत एमयूएल टैक्सी यूनियन को 200 मारुति ओमनी वैन बेचेगी।
राज्य के परिवहन सचिव रमानाथ झा ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि 25 साल से पुरानी टैक्सियों को हटाने का निर्णय पर्यावरण क्षरण के कारण नहीं बल्कि सड़क पर इनके परिचालन में आने वाली दिक्कत को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
टैक्सीमैन यूनियन के अध्यक्ष ए. एल. क्वाद्रोस ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि मारुति ओमनी की सस्ती कीमत और इसके रख-रखाव में आने वाले कम खर्च को देखते हुए हमने निर्णय लिया है कि हटाई गई गाड़ियों की जगह ओमनी वैन को लगाया जाएगा। क्वाद्रोस ने बताया कि इतना बड़ा ऑर्डर देने पर कंपनी ने हमें 50,000 रुपये की छूट देने की बात भी कही है।