मंदी के इस दौर में जहां एक ओर रियल एस्टेट डेवलपर कंपनियां निवेश करने से बच रही हैं, दूसरी ओर अंसल प्रॉपर्टीस ऐंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (अंसल एपीआई) ग्रेटर नोएडा के निकट दादरी में ‘सभी को मकान’ की नीति के तहत 13000 करोड़ रुपये के निवेश वाली मेगापोलिस परियोजना ला रही है।
यह परियोजना शुरुआत में 2500 एकड़ में फैली होगी । बाद में परियोजना का विस्तार 9000 हजार एकड़ तक किया जाएगा। इनमें इंटरनेट की हाई-फाई कनेक्टिविटी के अलावा गोल्फ कोर्स, स्पोटर्स एकेडमी, अस्पताल, आईटी ,बायोटेक पार्क और शैक्षिक संस्थान होंगे।’ परियोजना के विपणन प्रमुख राकेश कौल ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि ‘पूंजी जुटाने के लिए कंपनी ने परियोजना की इक्विटी बेची है।
मेगापोलिस परियोजना में अंसल एपीआई की हिस्सेदारी साठ फीसदी है, जबकि 40 फीसदी की हिस्सेदारी बेची गई है। एचडीएफसी ने भी इस परियोजना की 8 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी है। मंदी के इस दौर में अंसल एपीआई द्वारा इतनी बड़ी परियोजना लाने के बारे में कौल ने कहा कि ‘बाजार में रियल एस्टेट डेवलपर्स ने कीमतों का बड़ा भारी भ्रम पैदा कर रखा था। लेकिन जब उपभोक्ता को सभी सुविधाएं वाजिब दामों में मिलेंगी तो वे इसे जरुर लेंगे।’ इस टाउनशिप में शहर की तरह ही रोजगार के लिए उद्यम इकाइयां भी लगाई जाएंगी।
कंपनी ने इस परियोजना के लिए उत्तर प्रदेश सरकार से अनुमति के बाद जमीन का अधिग्रहण किया है और किसानों को जमीन की दोगुनी कीमत दी है। विश्लेषकों का मानना है कि कंपनी मंदी के इस दौर में जमीन की दोगुनी कीमत, हाई-फाई सुविधाएं देने के बाद अगर आम आदमी को भी मकान उपलब्ध कराने में सफल रहती है तो निश्चित तौर पर यह कंपनी की सफलता होगी। लेकिन अगर ऐसा नहीं होता है तो निश्चित तौर पर कंपनी द्वारा किये गये ये वादे सिर्फ पब्लिसिटी स्टंट होगे, और कुछ नहीं।