facebookmetapixel
Amazon Now बनाम Blinkit-Swiggy: कौन जीतेगा भारत में Quick Commerce की जंग?Adani Group की यह कंपनी बिहार में करेगी $3 अरब का निवेश, सोमवार को शेयरों पर रखें नजर!Stock Split: अगले हफ्ते तीन कंपनियां करेंगी स्टॉक स्प्लिट, निवेशकों को मिलेगा बड़ा फायदा; जानें रिकॉर्ड डेटCBIC ने कारोबारियों को दी राहत, बिक्री के बाद छूट पर नहीं करनी होगी ITC वापसी; जारी किया नया सर्कुलरNepal Crisis: नेपाल में अगला संसदीय चुनाव 5 मार्च 2026 को होगा, राष्ट्रपति ने संसद को किया भंगट्रंप का नया फरमान: नाटो देश रूस से तेल खरीदना बंद करें, चीन पर लगाए 100% टैरिफ, तभी जंग खत्म होगी1 शेयर बंट जाएगा 10 टुकड़ों में! ऑटो सेक्टर से जुड़ी इस कंपनी ने किया स्टॉक स्प्लिट का ऐलान, रिकॉर्ड डेट तयElon Musk की कंपनी xAI ने 500 कर्मचारियों को अचानक निकाला, Grok ट्रेनर्स सकते में!भारत-पाक मैच की विज्ञापन दरों में 20% की गिरावट, गेमिंग सेक्टर पर बैन और फेस्टिव सीजन ने बदला बाजारFY26 में 3.2% रहेगी महंगाई, RBI से दर कटौती की उम्मीद: Crisil

समझौता निरस्त, सरकार आमंत्रित करेगी नई निविदा

Last Updated- December 05, 2022 | 4:33 PM IST

उत्तराखंड सरकार ने किसानों को बीमा कवर उपलब्ध कराने के मकसद से आईसीआईसीआई लोमबार्ड के साथ जो समझौता किया था, उसे निरस्त कर दिया गया है। ऐसे में सरकार की ओर से फिर से निविदा आमंत्रित की जा सकती है।


गौरतलब है कि आईसीआईसीआई लोमबार्ड के साथ सरकार ने मंगलवार को एक समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किया था, लेकिन कुछ घंटे बाद ही तकनीकी आधार पर उस समझौते को निरस्त कर दिया गया।


इस बात की पुष्टि करते हुए उत्तराखंड सहकारिता मंत्री बिशन सिंह चुफाल ने बताया कि समझौते को निरस्त कर दिया गया है।


उल्लेखनीय है कि ग्रामीण विकास के मुख्य सचिव विभा पुरी दास ने मंगलवार को सहकारिता मंत्री चुफाल की मौजूदगी में किसानों को बीमा कवर उपलब्ध कराने के मकसद से आईसीआईसीआई लोमबार्ड के साथ एक समझौता-पत्र पर हस्ताक्षर किया था।


‘नारायण कृषक कवच योजना’ के तहत राज्य के किसानों को आश्रितों को ध्यान में रखकर यह योजना बनाई गई है। इसमें प्रावधान है कि किसी भी किसान की असामयिक मृत्यु, मसलन-सड़क दुर्घटना, सांप के काटने आदि की वजह से होती है, तो उसके आश्रितों को 50,000 रुपये दिए जाएंगे।


एक विज्ञप्ति जारी करते हुए चुफाल ने बताया कि इस समझौते को तकनीकी आधार पर निरस्त किया गया है। इसकी वजह के बारे में उन्होंने बताया कि इसमें कुछ बिंदुओं का स्पष्ट उल्लेख नहीं किया गया है।


यही नहीं, उन्होंने बताया कि इस बात की भी जांच की जाएगी कि निविदा के लिए अन्य कंपनियों को क्यों नहीं बुलाया गया। जांच के लिए एक सप्ताह का समय तय किया गया है।


दिलचस्प बात यह कि जब समझौते पर हस्ताक्षर किए जा रहे थे, तो इसके प्रावधानों को चुफाल ने किसानों के हित में बताया था।


लेकिन चुफाल के साथ-साथ अन्य अधिकारी भी इस बात का मीडिया को जबाव देने से बचते रहे कि क्या दूसरी बीमा कंपनियां भी इस निविदा के लिए आवेदन किया था या नहीं?


हालांकि चुफाल ने यह बताया कि किसानों को बीमा कवर मुहैया कराने के लिए जल्द ही नई निविदा जारी की जाएगी और उसमें लगभग सभी बीमा कंपनियों को आमंत्रित किया जाएगा और इसके लिए जरूरी रूप-रेखा पर काम चल रहा है।

First Published - March 13, 2008 | 6:47 PM IST

संबंधित पोस्ट