देशी नस्ल के पशुधन के संरक्षण को बढ़ावा देने और डेयरी उत्पादन में वृद्धि के लिए मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार ने देशी नस्ल की दुधारू गायों के लिए एक विशेष योजना तैयार की है।
इसके लिए राज्य सरकार ने अगले वित्त वर्ष के बजट में अच्छी खासी धनराशि का प्रावधान किया है, हालांकि सरकार ने इस रकम का खुलासा अभी नहीं किया है। राज्य का कृषि विभाग अप्रैल में इस योजना की शुरूआत करेगा। सरकारी सूत्रों के मुताबिक इस योजना के दायरे में 400 ब्लाक शामिल होंगे और इस योजना के तहत लोगों को देशी नस्ल की गाय दी जाएंगी।
राज्य सरकार ने गाय लेने के लिए कुछ शर्तों को पूरा करना होगा। इन शर्तो के तहत लाभार्थी को आश्वासन देना होगा कि वह दूध दुहने के लिए इंजेक्शन या ऑक्सीटोसिन जैसे एमीनो एसिड का इस्तेमाल नहीं करेगा। राज्य में बड़ी संख्या में इन इंजेक्शनों का इस्तेमाल किया जाता। देशी नस्ल की गाय मुश्किल से 2 लीटर दूध देती है जबकि जर्सी नस्ल की गाय 8 से 10 लीटर तक दूध दे देती है।
राज्य के वित्त मंत्री राधव जी ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य के 1200 गावों में देशी नस्ल की गाय देने की योजना बनाई है। उन्होंने कहा कि इससे ग्वालों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और वे अपने पशुओं की देखभाल बेहतर ढंग से कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि कृषि, पशुपालन और डेयरी विभाग के अधिकारी बेहतरीन दुधारू गायों का चयन करेंगे और गांव वालों को देंगे।
इस योजना के अलावा राज्य सरकार ने डेयरी उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए पशु बीमा के प्रीमियम में 25 प्रतिशत अंशदान देने की घोषणा भी की है। मध्य प्रदेश सरकार सहकारी संस्थाओं के जरिए प्रतिदिन 442038 लीटर दूध खरीदती है।