चेन्नई के नजदीक करीब 740 टन अमोनियम नाइट्रेट पड़ा हुआ है। लेबनान में हाल में हुए विस्फोट को देखते हुए अधिकारियों पर इस कॉरगो को हटाने के लिए दबाव बन रहा है। लेबनान में अमोनियम नाइट्रेट के विस्फोट में 130 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है और 5,000 से ज्यादा लोग घायल हैं।
पीएमके के प्रमुख रामदास ने इसे जल्द से जल्द हटाए जाने की मांग की है। चेन्नई बंदरगाह के अधिकारियों ने कहा कि यह पदार्थ बंदरगाह परिसर में नहीं बल्कि बंदरगाह के बाहर कंटेनर फ्रेट स्टेशन (सीएसएफ) पर है। उन्होंने कहा कि कंटेनरों को सीमा शुल्क की विशेष खुफिया और जांच शाखा ने जब्त किया है।
यह कंसाइनमेंट 2015 में आया था, जिसे सीमा सुल्क विभाग ने जब्त कर लिया था, क्योंकि कंपनी आयात लाइसेंस नहीं दे पाई थी। अधिकारियों ने कहा कि इसकी नीलामी कर दी गई है, लेकिन डिलिवरी अभी नहीं ली गई है। अमन केमिकल्स ने कोरिया से 37 कंटेनर आयात किए थे।
सीमा शुल्क विभाग ने पूरा कंसाइनमेंट जब्त कर दिया था और इसे चेन्नई के उत्तर फ्रेट स्टेशन पर रखा गया है। यह इलाका न केवल सघन आबादी वाला है, बल्कि बड़ी संख्या में यहां बिजली संयंत्र व केमिकल फैक्ट्रियां हैं।
सीएफएस के एक कर्मचारी ने कहा कि अमोनियम नाइट्रेट कंटेनरों के भीतर सुरक्षित तरीके से रखा गया है और सुरक्षा संबंधी जरूरी कदम उठाए गए हैं। उन्होंने पुष्टि की कि इसके एक हिस्से की नीलामी सीमा शुल्क विभाग ने की है।
मंगलवार को लेबनान की राजधानी बेरुत में हुए बड़े विस्फोट की वजह गोदाम में पिछले 6 साल से जमा विस्फोटक सामग्री को बताया जा रहा है। खबरों के मुताबिक 2,750 टन अमेनियम नाइट्रेड असुरक्षित तरीके से रखा गया था।
