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OpenAI में सैम अल्टमन की वापसी की कहानी

बाहर निकाले जाने से वापसी तक: सैम ऑल्टमैन की वापसी और OpenAI का भविष्य

Last Updated- December 01, 2023 | 9:11 AM IST
Sam Altman

अगर आपके भीतर इतनी ऊर्जा नहीं बची है कि आप स्टीव जॉब्स को ऐपल से निकाले जाने की कहानी एक बार और सुन सकें तो आप सही जगह पर हैं। हम नहीं मानते हैं कि उस घटना में और सैम अल्टमन को ओपनएआई से निकाले जाने तथा उनकी वापसी की घटना में कुछ भी साझा है। जॉब्स सबके बस की बात नहीं थे।

कई लोगों के लिए उनके साथ काम करना कठिन था। ऐसा भी नहीं है कि उनके साथ काम करने वाले सभी लोग उनसे प्यार करते थे, हां संभव है कि वे यह सोचते हों कि वे किसी महान काम में लगे हुए हैं।

सन 1985 में जब जॉब्स को कंपनी से निकाला गया था तब तक यह स्पष्ट नहीं था कि सन 1996 में वापसी के बाद वह ऐपल कंपनी को महानता के मार्ग पर ले जाएंगे। उस समय तक कंपनी दिवालिया होने के कगार पर थी।

वास्तव में देखा जाए तो ग्लैडिएटर और ब्लेड रनर जैसी फिल्में बनाने के लिए प्रसिद्ध फिल्मकार रिडली स्कॉट द्वारा निर्मित 1984 के प्रसिद्ध सुपर बाउल विज्ञापन के बावजूद मैक या मैकिन्टोश आईफोन की तरह विशुद्ध कामयाब साबित नहीं हुआ था। इसके विपरीत वह तो इसके करीब भी नहीं था।

कई लोग उसे सीमित क्षमताओं वाला मानते थे। उसमें आंतरिक स्तर पर हार्ड ड्राइव और फैन नहीं थे। इस बात ने कई लोगों को परेशान किया और मैकिन्टोश को उसके रंग और आकार के कारण जल्दी ही द बीज टोस्टर का नाम दे दिया गया।

सन 1986 में मैकिन्टोश प्लस सामने आया। उस समय तक जॉब्स कंपनी छोड़ चुके थे। मैकिन्टोश प्लस में इतनी क्षमता थी कि वह नए डेस्कटॉप सॉफ्टवेयर को चला सके। इसके साथ ही यह ब्रांड डिजाइनरों समेत रचनात्मक दुनिया के लोगों का पसंदीदा बन गया।

आखिरकार जॉब्स जिन्होंने ऐपल की एक अन्य परियोजना के साथ खुले संघर्ष में मैकिन्टोश परियोजना संचालित की थी, वह स्वयं बोर्ड से अलग हो गए और उन्हें कंपनी के मुख्य कार्याधिकारी जॉन स्कली द्वारा निकाले जाने का अपमान सहन करना पड़ा। जबकि स्कली को वह स्वयं पेप्सिको से लेकर आए थे। एक दशक पहले मुझे स्कली से मिलने का अवसर मिला था और उन्होंने जॉब्स को नौकरी से निकाले जाने की घटना को याद किया था।

इस दौरान वह शांत बने रहे और उन्हें कोई अफसोस नहीं था। निश्चित तौर पर वह जॉब्स के जाने के बाद ऐपल में बने हालात को लेकर नाखुश थे लेकिन अगर उन्हें दोबारा वह सब करना पड़ता तो शायद वह उन्हीं चीजों को दोहराते। इसके विपरीत अल्टमन ने ओपनएआई को शून्य से खड़ा किया था।

इस समय कंपनी फंड जुटाने के लिए बातचीत में लगी है जिसके बाद इसका मूल्य शायद करीब 86 अरब डॉलर होगा। जैसा कि आप सभी जानते हैं कि यह अनुमानित मूल्यांकन बढ़ सकता है क्योंकि माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्य नाडेला द्वारा अल्टमन को कुछ समय के लिए नियुक्त किए जाते ही कंपनी के शेयरों के मूल्य में तेजी आई थी और वह अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था।

इतना ही नहीं अल्टमन महज 38 वर्ष की उम्र में वैश्विक स्तर पर आर्टिफिशल इंटेलिजेंस क्रांति का चेहरा बन गए हैं। जबकि 1980 के दशक में स्टीव जॉब्स इस प्रकार कंप्यूटिंग का चेहरा नहीं बन पाए थे। अल्टमन ने राष्ट्र प्रमुखों से बातचीत की थी और निकाले जाने से एक दिन पहले वह एशिया प्रशांत आर्थिक सहयोग संगठन की बैठक में आर्टिफिशल इंटेलिजेंस के भविष्य के बारे में बातचीत कर रहे थे।

अतिरंजित विचार रखने वालों की मानें तो अल्टमन मानवता के लिए खतरा भी हो सकते हैं और यही इस आलेख के शीर्षक का मुद्दा है। जाहिर है ओपनएआई के कर्मचारियों या अल्टमन के समर्थक इसे पसंद नहीं करेंगे जो पिछले कुछ दिनों में यानी उनको निकाले जाने के बाद दुनिया भर में उभरकर सामने आए हैं।

मंगलवार को ओपनएआई ने कहा कि अल्टमन मुख्य कार्याधिकारी के रूप में कंपनी में वापस लौट रहे हैं। परंतु यह तो आधी कहानी भी नहीं है। अल्टमन जिस ओपनएआई में लौट रहे हैं वह वही कंपनी नहीं है जिसे उन्होंने कुछ दिन पहले छोड़ा था।

कंपनी में एकदम नये निदेशक हैं क्वोरा के मुख्य कार्याधिकारी एडम डीएंजेलो इकलौते निदेशक हैं जो पिछले बोर्ड में भी थे। अल्टमन को निकाले जाने के बाद ओपनएआई के 770 में से 700 कर्मचारियों ने इस्तीफा देने की धमकी दे दी थी। यानी वह एक ऐसी कंपनी में वापस आए हैं जहां अधिकांश लोग उनके साथ हैं।

इस घटनाक्रम ने यह भी दिखाया है कि वैश्विक प्रौद्योगिकी के कुछ सर्वाधिक ताकतवर लोग अल्टमन के जबरदस्त समर्थक हैं। सत्य नाडेला और विनोद खोसला ऐसे दो प्रमुख नाम हैं लेकिन ये इकलौते नाम नहीं हैं। अल्टमन आने वाले दिनों में बोर्ड के सदस्य बन सकते हैं, वह एक ऐसी कंपनी में बहुत मजबूत स्थिति में पहुंच सकते हैं जो आर्टिफिशल इंटेलिजेंस के साथ मानव व्यवहार को परिभाषित कर रही है।

अल्टमन के निष्कासन के नजरिये से भी देखें तो यह एक ऐसी कंपनी है जो दूर से देखने में सक्रिय नहीं नजर आती है। उनके निष्कासन की इकलौती ज्ञात वजह यह है कि वह बोर्ड के साथ संवाद में बहुत सहज नहीं थे। 86 अरब डॉलर मूल्य वाले सेलेब्रिटी सीईओ के निष्कासन के लिए यह बहुत बड़ी वजह है।

यह एक ऐसी कंपनी भी है जिसने एक अंतरिम सीईओ मीरा मुराती के नेतृत्व में भी काम किया जब पिछले शुक्रवार से मंगलवार तक एमेट शियर उसके दूसरे अंतरिम सीईओ रहे। यही वह कंपनी है जो हमें आर्टिफिशल इंटेलिजेंस की नई दुनिया में ले जा रही है जो उत्साह बढ़ाने वाली भी है और उसके साथ ही डराने वाली भी। यह सब एक ऐसे सीईओ के नेतृत्व में जो अत्यधिक शक्तिशाली है।

मानवता के सामने आर्टिफिशल इंटेलिजेंस कई मसले लेकर आई है। उदाहरण के लिए इसका तेजी से विकास इसे अपनाया जाना और इसका वाणिज्यीकरण। ईलॉन मस्क समेत कई प्रौद्योगिकी नेताओं ने आर्टिफिशल इंटेलिजेंस के उपकरणों के विकास को फिलहाल रोकने का आह्वान किया। इतिहासकार और दार्शनिक युवाल नोआ हरारी कहते हैं कि आर्टिफिशल इंटेलिजेंस के नए औजार मानव सभ्यता के अस्तित्व के लिए खतरा बन सकते हैं।

यह उम्मीद करना उचित है कि नया बोर्ड अल्टमन के विचारों के प्रति नरम रहेगा क्योंकि उनकी वापसी और उसके तरीके ने बोर्ड का प्राधिकार खत्म कर दिया है। यह उस घटनाक्रम के उलट है जहां जॉब्स को निकाले जाने ने बोर्ड की श्रेष्ठता स्थापित कर दी थी।

परंतु जैसा कि हमने कहा कि ये दो अलग-अलग कहानियां हैं और हम उस दौर की कहानी नहीं कह रहे हैं जब स्टीव जॉब्स को ऐपल से निकाल दिया गया था।

First Published - December 1, 2023 | 9:11 AM IST

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