Skip to content
  शुक्रवार 31 मार्च 2023
Trending
March 31, 2023Indore Temple Tragedy: इंदौर में मंदिर हादसे के दोषियों की जिम्मेदारी तय करेंगे – CM शिवराजMarch 31, 2023रामनवमी से अयोध्या में श्रद्धालुओं के लिए हवाई दर्शन की सुविधा शुरूMarch 31, 2023Kanpur Fire : कानपुर की सबसे बड़ी होजरी मार्केट में लगी भीषण आग, करोड़ों का सामान जलकर खाकMarch 31, 2023MP: युवा किसानों को ड्रोन चलाने की ट्रेनिंगMarch 31, 2023COVID-19 Case Today: भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के 3,095 नए मामले सामने आएMarch 31, 2023Rupee vs Dollar: अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 24 पैसे चढ़कर 82.10 पर पहुंचाMarch 31, 2023बीजिंग ने भारत-चीन सीमा पर उकसावे वाले कुछ कदम उठाए: White HouseMarch 31, 2023Coronavirus Update: दिल्ली में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा के लिए आज बैठक करेंगे केजरीवालMarch 31, 2023Indore Temple Tragedy: इंदौर के मंदिर हादसे में मृतक संख्या बढ़कर 35 हुईMarch 31, 2023Gold price today: चांदी फिर 72 हजार पार, सोना 60 हजार के करीब
बिज़नेस स्टैंडर्ड
  • होम
  • बजट 2023
  • अर्थव्यवस्था
  • बाजार
    • शेयर बाजार
    • म्युचुअल फंड
    • आईपीओ
    • समाचार
  • कंपनियां
    • स्टार्ट-अप
    • रियल एस्टेट
    • टेलीकॉम
    • तेल-गैस
    • एफएमसीजी
    • उद्योग
    • समाचार
  • पॉलिटिक्स
  • लेख
    • संपादकीय
  • आपका पैसा
  • भारत
    • उत्तर प्रदेश
    • महाराष्ट्र
    • मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़
    • बिहार व झारखण्ड
    • राजस्थान
    • अन्य
  • मल्टीमीडिया
    • वीडियो
  • टेक-ऑटो
  • विविध
    • मनोरंजन
    • ट्रैवल-टूरिज्म
    • शिक्षा
    • स्वास्थ्य
  • अन्य
    • विशेष
    • आज का अखबार
    • ताजा खबरें
    • अंतरराष्ट्रीय
    • वित्त-बीमा
      • फिनटेक
      • बीमा
      • बैंक
      • बॉन्ड
      • समाचार
    • कमोडिटी
    • खेल
    • BS E-Paper
बिज़नेस स्टैंडर्ड
बिज़नेस स्टैंडर्ड
  • होम
  • अर्थव्यवस्था
  • बजट 2023
  • बाजार
    • शेयर बाजार
    • म्युचुअल फंड
    • आईपीओ
    • समाचार
  • कंपनियां
    • स्टार्ट-अप
    • रियल एस्टेट
    • टेलीकॉम
    • तेल-गैस
    • एफएमसीजी
    • उद्योग
    • समाचार
  • पॉलिटिक्स
  • लेख
    • संपादकीय
  • आपका पैसा
  • भारत
    • उत्तर प्रदेश
    • महाराष्ट्र
    • मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़
    • बिहार व झारखण्ड
    • राजस्थान
    • अन्य
  • मल्टीमीडिया
    • वीडियो
  • टेक-ऑटो
  • विशेष
  • विविध
    • मनोरंजन
    • ट्रैवल-टूरिज्म
    • शिक्षा
    • स्वास्थ्य
  • अन्य
  • आज का अखबार
  • ताजा खबरें
  • खेल
  • वित्त-बीमा
    • बैंक
    • बीमा
    • फिनटेक
    • बॉन्ड
  • BS E-Paper
बिज़नेस स्टैंडर्ड
  लेख  अंशधारकों की सक्रियता से बदल रहा है परिदृश्य
लेख

अंशधारकों की सक्रियता से बदल रहा है परिदृश्य

बीएस संवाददाता बीएस संवाददाता —September 30, 2021 11:19 PM IST
FacebookTwitterLinkedInWhatsAppEmail

भारतीय शेयर बाजार में अंशधारकों की बढ़ती सक्रियता नया रुझान है। बड़े अंशधारक चाहे वे बैंक हों, फंड हों या संस्थान,  वे अपने मताधिकार का प्रयोग करके संचालन में बदलाव ला रहे हैं। अकेले बीते पखवाड़े के दौरान हमने देखा कि एक बड़े निजी भारतीय बैंक (करीब 25 फीसदी हिस्सेदारी रखने वाले) ने एक सैटेलाइट डाइरेक्ट टु होम कंपनी के पूरे बोर्ड को बदलने के लिए असाधारण आम सभा की मांग की।
इसके बाद बड़ी मीडिया कंपनी में 18 फीसदी हिस्सेदारी रखने वाले बड़े विदेशी फंड ने प्रवर्तक तथा चुनिंदा निदेशकों को बदलने के लिए सालाना आम बैठक बुलाने की मांग की। इन दोनों घटनाओं ने सुर्खियां बटोरीं। यह पहला मौका नहीं है जब संस्थागत निवेशकों ने अपने मताधिकार का प्रयोग बदलाव के लिए किया हो। गत वर्ष हमने देखा कि सीजी पावर को कर्ज देने वालों ने कंपनी का नियंत्रण संभाल लिया। उस घटना में भी पिछले प्रवर्तकों द्वारा स्पष्ट धोखाधड़ी का मामला सामने आया और बाद में रणनीतिक अंशधारक  लाए गए। फोर्टिस में भी कुछ ऐसा ही हुआ। एक बड़े विदेशी फंड ने नया बोर्ड नियुक्त किया जो पिछले प्रवर्तकों से अलग था। इसके बाद उन्होंने नए रणनीतिक साझेदार लाने की प्रक्रिया शुरू की ताकि अहम हिस्सेदारी के साथ कंपनी चलाई जा सके। कई कंपनियों ने अस्पताल की परिसंपत्ति के लिए बोली लगाई लेकिन बोर्ड और उसके अंशधारकों ने ही यह तय किया कि वे किसके साथ साझेदारी करेंगे।
ऐसी हर घटना में संभावित प्रबंधन या बोर्ड के बदलाव की खबर पर शेयर कीमतों में तेजी आई। ऐसी हर घटना में हमने पाया कि बड़ी तादाद में संस्थागत निवेशक संचालन में सुधार चाहते थे। मूल्यांकन से यह भी पता चला कि बाजार पहले के संचालन ढांचे में विश्वास खो चुका था। बदलाव को लेकर प्रोत्साहन भी था क्योंकि संस्थागत निवेशकों को अपने निवेश को बचाना था और उचित मूल्य हासिल करना था। शेयर कीमतों में तेजी से यही संकेत निकलता है कि संचालन के कारण बाजार मूल्य में कमी आई थी। पहल करने से यह रियायत समाप्त हुई और पता चला कि देश में सक्रियता कारगर  हो सकती है।
यह सब अब क्यों हो रहा है? क्या कुछ बदलाव आया है? पहली बात, संस्थागत निवेशकों की अंशधारिता बढ़ी है। बीते15 वर्षों में बीएसई 500 कंपनियों में उनकी अंशधारिता 25 फीसदी से बढ़कर 35 फीसदी हो गई है। यह बात विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों और घरेलू संस्थागत निवेशकों दोनों पर लागू होती है। अब उनकी हिस्सेदारी 42 फीसदी प्रवर्तकों के लगभग बराबर है। कई ऐसी कंपनियां हैं जहां संस्थागत हिस्सेदारी प्रवर्तकों से अधिक है।
कई नियामकीय हस्तक्षेप भी हुए जिन्होंने अल्पांश अंशधारकों को मजबूती दी। सभी संबंधित पक्षों के लेनदेन को अब अल्पांश हिस्सेदारों के बहुमत की मंजूरी लेनी होती है। विशेष प्रस्ताव के जरिये स्वतंत्र निदेशकों को नियुक्ति दी जा सकती है। पहले के 51 के बजाय अब इसके लिए 75 फीसदी मतों की आवश्यकता है। बोर्ड अंकेक्षण और नामांकन समितियों में ज्यादा स्वतंत्रता सुनिश्चित की गई है।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड ने म्युचुअल फंड के लिए संचालन तथा अन्य मसलों पर मतदान जरूरी कर दिया है। भारतीय बीमा नियामक प्राधिकरण भी इसी दिशा में बढ़ रहा है। अंशधारकों की बैठकों में पेशेवर और स्वतंत्र सलाह की व्यवस्था की जा रही है। आज संस्थान मतदान और अपने हितों के बचाव के दायित्व को समझते हैं। एक दशक पहले करीब 90 फीसदी संस्थागत मत अनुपस्थित रहते थे। अब यह आंकड़ा घटकर 10 फीसदी रह गया है। अब हर कोई उनके मतों का महत्त्व समझता है। अतीत में खराब संचालन होने पर अधिकांश संस्थागत निवेशक अपना हिस्सा बेच देते। लेकिन अब वे मतदान करने और बदलाव लाने का प्रयास करते हैं।
इस बढ़ती सक्रियता के क्या निहितार्थ हैं? कंपनियों और प्रवर्तकों को अपने अंशधारक आधार पर अधिक ध्यान देना पड़ रहा है। उनके शीर्ष निवेशक कौन हैं? उनकी अंशधारिता क्या है? चिंताओं को दूर करने के लिए निवेशकों के साथ बेहतर रिश्ते रखने पड़ते हैं। जैसा कि हम पश्चिम में देखते हैं कंपनियां अब खास अंशधारक आधार पर अधिक तवज्जो देंगी। दीर्घावधि के फंड पर ध्यान देंगी। अल्पावधि और दीर्घावधि के निवेशकों में अंतर करना होगा। निष्क्रिय बनाम सक्रिय में अंतर करना होगा तथा पर्यावरण, सामाजिक और संचालन मसलों पर ध्यान देना होगा।
अब वह समय नहीं रहा जब प्रवर्तक अल्पांश निवेशकों के विचार की अनदेखी करते थे और अपनी पसंद के लोगों को निदेशक बनाते थे तथा संबंधित पक्ष के लेनदेन पर कोई निगरानी नहीं होती थी। संचालन बरकरार रखने में निवेशकों का दबाव बढऩे ही वाला है। देश की संचालन रैंकिंग में सुधार से वैश्विक पूंजी की आवक भी बढ़ेगी।
बोर्ड का कद और महत्त्व बढ़ेगा क्योंकि उन्हें अधिक स्वतंत्रता मिलेगी और उन्हें अधिक अंशधारकों के हितों का ध्यान रखना होगा। बोर्ड सदस्यों के कामकाज पर तगड़ी नजर रहेगी। बोर्ड प्रबंधित कंपनियों के मामले में भारत का प्रदर्शन कोई खास नहीं रहा है। कई मामलों में तो मजबूत सीईओ ने बोर्ड पर दबदबा रखा और प्रवर्तक जैसे बन गए।  हमें स्वतंत्र बोर्ड प्रबंधित संस्थानों की सफलता की और अधिक कहानियां तलाशनी होंगी। नई तकनीकी और स्टार्टअप कंपनियां राह दिखा सकती हैं।
बढ़ती सक्रियता से पूंजी की उत्पादकता बढऩी चाहिए और प्रतिफल में सुधार होना चाहिए। हम पश्चिम में ऐसा देख चुके हैं। कम प्रवर्तक अंशधारिता वाली किसी भी कंपनी में जब तक दीर्घावधि के अंशधारकों के प्रतिफल सुनिश्चित नहीं, तब तक प्रवर्तकों के लिए अनिश्चितता रहेगी। खराब संचालन और कमजोर मूल्यांकन लेकिन उच्च संस्थागत हिस्सेदारी वाली कंपनियों में बदलाव दिखेगा।
इन अतिरिक्त शक्तियों को देखते हुए संस्थागत निवेशकों को अपने मताधिकार का सावधानीपूर्वक इस्तेमाल करना होगा। संस्थागत निवेशकों को विवादित विषयों पर स्वतंत्र निर्णय लेने के लिए आंतरिक क्षमता विकसित करनी होगी। जहां तक सलाहकार फर्मों की बात है उनकेपास कई कंपनियों का काम रहता है और जरूरी नहीं कि कोई हमेशा उनकी बात से सहमत हो।
भारत अब अंशधारक लोकतंत्र और निवेशकों की सक्रियता के समय में प्रवेश कर रहा है। नियामकों की सराहना की जानी चाहिए कि उन्होंने निवेशकों को सशक्त बनाया। अब समुचित परिदृश्य निर्मित हो रहा है। निवेशक सही सवाल करने लगे हैं। निवेशकों द्वारा मताधिकार के प्रयोग के रूप में हमने इस सप्ताह देश में जो कुछ देखा वह उभरते बाजार में आम नहीं है। भारत इन मानकों पर दूसरों से अलग नजर आ सकता है। यह बेहतर कारोबारी प्रशासन के लिए बड़ा उत्प्रेरक साबित हो सकता है और इससे पूंजी पर प्रतिफल में सुधार होगा क्योंकि हर कोई अंशधारकों के मूल्य निर्माण के साथ होगा। यह बाजार और मूल्यांकन की दृष्टि से स्पष्ट रूप से सकारात्मक बात है।
(लेखक अमांसा कैपिटल से संबद्ध हैं। ज़ी एंटरटेनमेंट, डिश टीवी और सीजी पावर में उनकी शेयरधारिता है। लेख में व्यक्त विचार निजी हैं)

अंशधारकनिवेशकप्रवर्तकविदेशी फंडशेयर बाजारसक्रियताहिस्सेदारी
FacebookTwitterLinkedInWhatsAppEmail

संबंधित पोस्ट

  • संबंधित पोस्ट
  • More from author
आज का अखबार

हरियाली की दीवार

March 30, 2023 11:08 PM IST
आज का अखबार

ग्रामीण भारत में उपभोक्ता धारणाओं में वृद्धि

March 30, 2023 10:56 PM IST
आज का अखबार

निरंतर बदलती दुनिया में आईएमएफ की भूमिका

March 30, 2023 10:45 PM IST
आज का अखबार

नियमन पर नजर

March 30, 2023 12:07 AM IST
अंतरराष्ट्रीय

रूस में जासूसी के आरोप में अमेरिका के ‘Wall Street Journal’ का पत्रकार गिरफ्तार

March 30, 2023 5:25 PM IST
अंतरराष्ट्रीय

मोदी ‘सरनेम’ विवाद : ललित मोदी ने राहुल गांधी पर ब्रिटेन में मुकदमा चलाने की धमकी दी

March 30, 2023 4:02 PM IST
अंतरराष्ट्रीय

Philippines में नौका में आग लगने से 31 लोगों की मौत, 7 अन्य लापता

March 30, 2023 3:21 PM IST
अंतरराष्ट्रीय

भारत की NTPC और श्रीलंका की CEB ने मिलाया हाथ, मिलकर बनाएंगे सोलर पावर प्लांट

March 30, 2023 1:44 PM IST
अंतरराष्ट्रीय

H-1B visa धारकों के जीवनसाथी अमेरिका में कर सकते हैं नौकरी : यूएस कोर्ट का आदेश

March 30, 2023 10:20 AM IST
अंतरराष्ट्रीय

विदेशी तेल कंपनियों को लाइसेंस देने के बावजूद श्रीलंका की मदद जारी रखेगा भारत

March 29, 2023 11:59 PM IST

Trending Topics


  • PhonePe
  • Stocks to Watch
  • Gold Price Today
  • Indore Temple Tragedy
  • COVID-19 Update
  • Rupee vs Dollar
  • Reliance | Jio Financial

सबकी नजर


Indore Temple Tragedy: इंदौर में मंदिर हादसे के दोषियों की जिम्मेदारी तय करेंगे - CM शिवराज

March 31, 2023 12:32 PM IST

रामनवमी से अयोध्या में श्रद्धालुओं के लिए हवाई दर्शन की सुविधा शुरू

March 31, 2023 12:17 PM IST

Kanpur Fire : कानपुर की सबसे बड़ी होजरी मार्केट में लगी भीषण आग, करोड़ों का सामान जलकर खाक

March 31, 2023 11:49 AM IST

MP: युवा किसानों को ड्रोन चलाने की ट्रेनिंग

March 31, 2023 11:38 AM IST

COVID-19 Case Today: भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के 3,095 नए मामले सामने आए

March 31, 2023 11:25 AM IST

Latest News


  • Indore Temple Tragedy: इंदौर में मंदिर हादसे के दोषियों की जिम्मेदारी तय करेंगे – CM शिवराज
    by भाषा
    March 31, 2023
  • रामनवमी से अयोध्या में श्रद्धालुओं के लिए हवाई दर्शन की सुविधा शुरू
    by बीएस संवाददाता
    March 31, 2023
  • Kanpur Fire : कानपुर की सबसे बड़ी होजरी मार्केट में लगी भीषण आग, करोड़ों का सामान जलकर खाक
    by बीएस संवाददाता
    March 31, 2023
  • MP: युवा किसानों को ड्रोन चलाने की ट्रेनिंग
    by संदीप कुमार
    March 31, 2023
  • COVID-19 Case Today: भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के 3,095 नए मामले सामने आए
    by भाषा
    March 31, 2023
  • चार्ट
  • आज का बाजार
58805.55 
IndicesLastChange Chg(%)
सेंसेक्स58806
8451.46%
निफ्टी58806
8450%
सीएनएक्स 50014535
1901.32%
रुपया-डॉलर82.26
--
सोना(रु./10ग्रा.)51317.00
0.00-
चांदी (रु./किग्रा.)66740.00
0.00-

  • BSE
  • NSE
CompanyLast (Rs)Gain %
HLE Glascoat523.4011.80
Sonata Software829.2510.26
Brightcom Group14.327.59
Alembic Pharma502.107.22
PNB Housing519.857.17
Bharat Electron97.366.42
आगे पढ़े  
CompanyLast (Rs)Gain %
HLE Glascoat527.0012.81
Sonata Software823.409.55
Apar Inds.2473.858.52
Brightcom Group14.357.89
Alembic Pharma501.707.05
PNB Housing517.656.64
आगे पढ़े  

# TRENDING

PhonePeStocks to WatchGold Price TodayIndore Temple TragedyCOVID-19 UpdateRupee vs DollarReliance | Jio Financial
© Copyright 2023, All Rights Reserved
  • About Us
  • Authors
  • Partner with us
  • Jobs@BS
  • Advertise With Us
  • Terms & Conditions
  • Contact Us