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मर्सिडीज को मिली दोहरी कामयाबी

Last Updated- December 05, 2022 | 10:42 PM IST

आजकल भारत में मर्सिडीज का सितारा बुलंदी पर है। पिछले हफ्ते इसने एक शॉट में अपने रिकॉर्ड बुक में दो-दो रिकॉर्डों बना डाले।


मर्सिडीज बेंज की प्रोडक्शन लाइन पर नौ अप्रैल जब इसकी 20 हजारवीं कार उतरी तो इसके आला अधिकारियों के चेहरों पर खुशी छुपाए नहीं छुप रही थी। उनकी खुशी तो इस बात से दोगुनी हो गई कि वह एक ई-क्लास कार थी। यह कोई ऐसी-वैसी ई-क्लास नहीं, बल्कि हमारे देश में बनने वाली 10 हजारवीं ई-क्लास कार थी।


इस मौके पर मर्सिडीज बेंच, इंडिया के मैनेजिंग डाइरेक्टर डा. विल्फ्रेड एल्बर ने कहा कि, ‘यह तो उस गाड़ी के लिए हमारी श्रृध्दा को दिखाता है, जो हमारे ऑपरेशंस में हमेशा से फोकस में रहा है। इस कार को हमेशा से ही हमारे भारतीय ग्राहकों ने इस कार को काफी सराहा है।


पिछले कई सालों से इस मुल्क के लोगों से काफी प्यार मिला है।’ मर्सिडीज ने देश में पैसेंजर कार बनाने का 1995 से शुरू किया था। तब इसके पुणे के पीपरी में स्थित इसके कारखाने में मशहूर डब्ल्यू124 ई-क्लास को अस्मेबल किया जाता था।


इस कारखाने को इस साल लगातार पांचवी बार जर्मनी से बाहर स्थित मर्सिडीज के कारखानों के बीच सर्वेश्रेष्ठ कारखाने का अवार्ड मिला है। अब तो यहां सी क्लास, ई क्लास और एस क्लास  को भी अस्मेबल किया जाता है। इसी कारखाने में बड़े-बड़े एक्टरों के मेकअप ट्रक्स भी बनाए जाते हैं। कंपनी ने सतलुज मोटर्स के साथ मिलकर देसी बाजार में अपने लग्जरी बसों को भी इसी साल उतारने का फैसला किया है।


मर्सिडीज के लिए यह साल काफी अच्छा गुजर रहा है। एल्बर ने बताया कि, ‘हमने साल की पहली तिमाही में एक हाजर कारों को बेचा। इस दौरान हमारा विकास भी पिछले साल की तुलना में 59 फीसदी से ज्यादा हुआ। साल को शुरू करने का काम इससे बेहतर तरीके से नहीं हो सकता।’ इस साल केवल मार्च में ही 100 से ज्यादा एस क्लास कंपनी ने बेच डाले।


वहीं इसने इस बार के ऑटो एक्सपो में लॉन्च हुई सी क्लास कार के 574 यूनिट जनवरी से मार्च के बीच बेच डाले। यह जर्मन कार निर्माता कंपनी तो अब पुणे में ही चक्कन के पास एक और फैक्टरी खोलने की तैयारी कर रही है। यहां से 2009 के जनवरी से उत्पादन भी शुरू हो जाएगा। इस रिकॉर्ड और सफलता के लिए मर्सिडीज बेंज इंडिया को हमारी तरफ से भी बधाई।

First Published - April 21, 2008 | 12:17 AM IST

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