Skip to content
  मंगलवार 7 फ़रवरी 2023
Trending
February 7, 2023MCD Mayor Election: एमसीडी मेयर चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई, लगातार तीन बार हो चुका है चुनाव स्थगितFebruary 7, 2023Ambuja Cements Q3 Results : तीसरी तिमाही में अंबुजा सीमेंट का प्रॉफिट 46 प्रतिशत बढ़ाFebruary 7, 2023Go Digit IPO: बीमा कंपनी गो डिजिट के IPO दस्तावेज को सेबी ने लौटायाFebruary 7, 2023इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए कैपेक्स बढ़ाने से होगा कंपनियों को फायदा: नीति सदस्यFebruary 7, 2023UP Budget 2023 : इस बार का बजट सत्र 20 फरवरी से होगा शुरु, युवाओं, महिलाओं, किसानों पर रहेगा फोकसFebruary 7, 2023Turkey- Syria Earthquake : तुर्की और सीरिया में आए भीषण भूकंप में 4,983 लोगों की मौतFebruary 7, 2023Adani Ports Q3 results: अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकनॉमिक जोन का तीसरी तिमाही का मुनाफा 12.94 फीसदी घटाFebruary 7, 2023विक्टोरिया गौरी ने मद्रास HC में जज के रूप में ली शपथ, SC ने खारिज की नियुक्ति के खिलाफ याचिकाFebruary 7, 2023Gold Rate Update: सोने की चमक बरकरार, MCX पर भाव फिर 57 हजार के पारFebruary 7, 2023खुदरा महंगाई दर के नीचे आने से ब्याज दरों में और वृद्धि की जरूरत घटी : S&P
बिज़नेस स्टैंडर्ड
  • होम
  • बजट 2023
  • अर्थव्यवस्था
  • बाजार
    • शेयर बाजार
    • म्युचुअल फंड
    • आईपीओ
    • समाचार
  • कंपनियां
    • स्टार्ट-अप
    • रियल एस्टेट
    • टेलीकॉम
    • तेल-गैस
    • एफएमसीजी
    • उद्योग
    • समाचार
  • पॉलिटिक्स
  • लेख
    • संपादकीय
  • आपका पैसा
  • भारत
    • उत्तर प्रदेश
    • महाराष्ट्र
    • मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़
    • बिहार व झारखण्ड
    • राजस्थान
    • अन्य
  • मल्टीमीडिया
    • वीडियो
  • टेक-ऑटो
  • विविध
    • मनोरंजन
    • ट्रैवल-टूरिज्म
    • शिक्षा
    • स्वास्थ्य
  • अन्य
    • विशेष
    • आज का अखबार
    • ताजा खबरें
    • अंतरराष्ट्रीय
    • वित्त-बीमा
      • फिनटेक
      • बीमा
      • बैंक
      • बॉन्ड
      • समाचार
    • कमोडिटी
    • खेल
    • BS E-Paper
बिज़नेस स्टैंडर्ड
बिज़नेस स्टैंडर्ड
  • होम
  • अर्थव्यवस्था
  • बजट 2023
  • बाजार
    • शेयर बाजार
    • म्युचुअल फंड
    • आईपीओ
    • समाचार
  • कंपनियां
    • स्टार्ट-अप
    • रियल एस्टेट
    • टेलीकॉम
    • तेल-गैस
    • एफएमसीजी
    • उद्योग
    • समाचार
  • पॉलिटिक्स
  • लेख
    • संपादकीय
  • आपका पैसा
  • भारत
    • उत्तर प्रदेश
    • महाराष्ट्र
    • मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़
    • बिहार व झारखण्ड
    • राजस्थान
    • अन्य
  • मल्टीमीडिया
    • वीडियो
  • टेक-ऑटो
  • विशेष
  • विविध
    • मनोरंजन
    • ट्रैवल-टूरिज्म
    • शिक्षा
    • स्वास्थ्य
  • अन्य
  • आज का अखबार
  • ताजा खबरें
  • खेल
  • वित्त-बीमा
    • बैंक
    • बीमा
    • फिनटेक
    • बॉन्ड
  • BS E-Paper
बिज़नेस स्टैंडर्ड
  लेख  ‘अमृत काल’ में शहरीकरण से जुड़ी संभावनाओं की पड़ताल
लेख

‘अमृत काल’ में शहरीकरण से जुड़ी संभावनाओं की पड़ताल

बीएस संवाददाता बीएस संवाददाता —October 6, 2022 10:43 PM IST0
FacebookTwitterLinkedInWhatsAppEmail

वर्ष 2030 तक भारत में शहरी आबादी 63 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है। शहरीकरण के विभिन्न पहलुओं और देश के विकास में उसकी भूमिका की महत्ता बता रहे हैं अमित कपूर और विवेक देवरॉय
बीते दिनों भारत ने ब्रिटेन को पछाड़कर विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की उपलब्धि हासिल की है। इसके साथ ही दुनिया की नजरें इस ओर टिक गई हैं कि अगले 25 वर्षों में भारत किस दिशा में आगे बढ़ता है। इन 25 वर्षों के दौरान भारत ने एक विकसित राष्ट्र बनने का लक्ष्य तय किया है।
हालांकि, इस लक्ष्य की पूर्ति में एक निर्णायक पहलू यही होगा कि भारत में शहरीकरण किस रफ्तार से होता है। वैसे तो 1950 के दशक से ही भारत में शहरीकरण की गति में निरंतर तेजी का रुख कायम रहा है। भले ही इस मोर्चे पर वह अपने साथियों-समकक्षों से पिछड़ गया हो, किंतु भारत ने अपनी विकास रणनीति में नियोजित शहरीकरण को प्राथमिकता दी है। 

विश्व शहरीकरण संभावनाओं (वर्ल्ड अर्बनाइजेशन प्रॉस्पेक्ट्स के 2018 में संशोधन) के अनुसार 2010 से 2018 के बीच शहरीकरण में 2.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। वर्ष 2022 तक भारत के शहरीकरण में 35.9 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया गया था और वर्ष 2047 तक इसमें 50.9 प्रतिशत की बढ़ोतरी का अनुमान है। ब्रिक्स देशों की तुलना में इस मंद शहरीकरण के बावजूद अगले 25 वर्षों के दौरान अपनी विकास यात्रा में विभिन्न चुनौतियों का सामना करने को लेकर भारत की धारणा मजबूत बनी हुई है।
विकास के वाहक के रूप में शहरों का कायाकल्प करने की दिशा में शहरीकरण की केंद्रीय भूमिका से भारत भलीभांति अवगत होने के साथ ही समग्र प्रगति के अपने लक्ष्य की पूर्ति के प्रति तत्पर भी है। हालांकि, जब शहरीकरण की गति बढ़ाने की बात आती है तो अनिच्छा उसमें उतनी बड़ी चिंता नहीं दिखती।
इसमें बड़ी चिंता की बातें यही हैं कि देश के शहर तमाम समस्याओं के अंबार से जूझ रहे हैं। सीवेज शोधन, शहरी नियोजन, भूजल का गिरता स्तर और वायु गुणवत्ता में कमी सुगम जीवन की राह में बाधक बन रही हैं। इस संदर्भ में हम भारत की शहरीकरण यात्रा में दो तात्कालिक मुद्दों को चिह्नित कर सकते हैं। एक तो शहरीकरण का असममित या विषम प्रारूप और दूसरा नियोजित शहरीकरण। 
भारत के अधिकांश हिस्सों में आर्थिक विकास के साथ ही शहरीकरण होता गया। इस प्रकार कहें तो आर्थिक वृद्धि के साथ कदमताल करते हुए शहर विकसित होते गए। हालांकि, इसका परिणाम असममित-असंगत शहरीकरण के रूप में निकला। जिन राज्यों में तेजी से आर्थिक वृद्धि हुई, वहां शहरीकरण की रफ्तार भी तेज रही।
जैसे कि 2022 तक केरल में 73.19 प्रतिशत शहरी आबादी हो गई, जिसके 2036 तक बढ़कर 96 प्रतिशत होने के आसार हैं। इसकी तुलना यदि असम और बिहार जैसे राज्यों से करें तो 2022 में असम में 15.4 प्रतिशत और बिहार में 12.2 प्रतिशत शहरीकरण का ही अनुमान है। यह लचर स्थिति ही कही जाएगी, जिसमें सुधार के आसार भी नहीं दिखते, क्योंकि 2036 तक भी असम के शहरीकरण में 17.16 फीसदी और बिहार में 13.2 फीसदी की मामूली बढ़ोतरी का ही अनुमान है।
वहीं दिल्ली और चंडीगढ़ जैसे केंद्रशासित क्षेत्रों की बात करें तो इसी अवधि में वहां शत प्रतिशत शहरीकरण होने की उम्मीद जताई जा रही है। 
शहरीकरण का असममित स्वरूप भारत के शहरीकरण अभियान के समक्ष सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है। इस शिथिलता और भिन्नता की जड़ें भारत की उस अनूठी सामाजिक संरचना और नाते-रिश्तेदारियों में चित्रित होती हैं, जो आवाजाही को बाधित करती है। बहरहाल, क्या भारत इस रवायत को जारी रखना गवारा कर सकता है?
भारत अपने ‘अमृत काल’ में प्रवेश कर गया है और इस दौर में जब अपने अपेक्षित विकास के स्तर को प्राप्त पर उसका ध्यान केंद्रित है तो उसे अपने समकक्षों के यहां कायम शहरीकरण की रफ्तार से ताल मिलाने का सुस्पष्ट लक्ष्य भी बनाना है। हालांकि, उसे सूक्ष्म स्तर तक शहरीकरण के प्रभाव पर ध्यान देने की आवश्यकता है और यह राह जिलों तक जाती है, क्योंकि वही देश की व्यापक आर्थिक स्थानिकता को आकार देते हैं।
दूसरे शब्दों में कहें तो देश के कुल जिलों में शहरी जिलों की संख्या करीब 30 प्रतिशत है, लेकिन वही 45 प्रतिशत रोजगार सृजन और 55 प्रतिशत से अधिक पारिश्रमिक का भुगतान करते हैं। 
ये आंकड़े  ‘कॉ​म्पिटेटिवनेस रोडमैप फॉर इंडिया एट हंड्रेड’ यानी भारत के सौवें पड़ाव पर प्रतिस्पर्धी रोडमैप में सामने आए हैं, जो व्यापक स्तरीय और साझा वृद्धि की संकल्पना को आगे बढ़ाते हैं। वस्तुतः भारत को पिछड़े हुए जिलों पर ध्यान देने की आवश्यकता के साथ ही नियोजित शहरीकरण की रफ्तार को भी बढ़ाना होगा। 
इसके अतिरिक्त एक पहलू यह भी है कि आंतरिक प्रवासन के सीमित स्तर को देखते हुए शहरीकरण की एकतरफा-असंतुलित गति संसाधनों के अपर्याप्त वितरण की चिंता बढ़ाती है। देश में आंतरिक आवाजाही पर कोई प्रतिबंध नहीं लगा हुआ है। इसके बावजूद देश में हुई पिछली जनगणना (2011) के आंकड़े यही दर्शाते हैं कि इस आवाजाही या पलायन का एक बड़ा हिस्सा कुछ विशिष्ट राज्यों या एक जिले से दूसरे जिले के उसी समान रुझान को दोहराता है। 
वर्ष 2030 तक देश में शहरी आबादी का आंकड़ा 63 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है तो पूरा जोर केवल और केवल शहरीकरण पर न होकर, बल्कि नियोजित शहरीकरण पर भी होना चाहिए। नियोजित शहरीकरण से यही आशय है कि शहर के डिजाइन, नियोजन और गवर्नेंस पर बराबर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए। 
सुनियोजित ढंग से बसे हुए शहर संसाधनों के महत्तम वितरण और उपयोग के माध्यम से मूल्य वर्धन की ओर उन्मुख करते हैं। इसके अतिरिक्त, ये अपनी सतत वृद्धि और आर्थिक उत्पादकता के जरिये जीवन सुगमता और समृद्धि को प्रोत्साहन देते हैं, जिससे उनके रहवासी लाभ उठा सकते हैं।
कई मायनों में शहरीकरण से जुड़ी मुश्किलें सतत उद्देश्यों और सामाजिक-आर्थिक वृद्धि के नजरिये से शहरों के ढांचे को नए सिरे से गढ़ने के शानदार अवसर प्रदान करती हैं, जिसका परिणाम अधिक स्थायित्वपूर्ण सामाजिक ढांचे के रूप में निकलता है। ऐसे में भारत को प्रमुख सुधारों को लक्षित करने की आवश्यकता होगी, जिसमें शहरों की शासन प्रणाली को नए सिरे से तैयार करने से लेकर उन्हें अधिक जन-केंद्रित बनाना होगा। 
हालांकि कुछ बड़े शहरों में जनाधिक्य के सैलाब को रोकने के लिए शहरीकरण की रफ्तार का विनियमन भी किया जाना चाहिए। साथ ही शहरीकरण की गति पर करीबी निगाह रखना भी आवश्यक है, क्योंकि यह देश में सामाजिक-आर्थिक विकास के सतत मार्ग निर्माण की प्रक्रिया में सहायक होगी। 
नियोजित एवं सार्वभौमिक-एकसमान शहरीकरण वाले दोहरे फोकस को भारत की शहरी गाथा को वैश्विक स्वीकृति दिलाने में लंबा सफर तय करना होगा। बहरहाल, यदि अब लक्षित एवं निरंतर प्रयास किए जाते हैं तो अगले दो दशक 2047 तक इन लक्ष्यों और उच्च सामाजिक प्रगति के स्तर की प्राप्ति में निर्णायक सिद्ध हो सकते हैं। 
(कपूर इंस्टीट्यूट फॉर कंपेटटिवनेस , इंडिया में चेयर एवं स्टैनफर्ड विश्वविद्यालय में व्याख्याता और देवरॉय भारत के प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के चेयरमैन हैं )

आबादीशहरीशहरीकरण
FacebookTwitterLinkedInWhatsAppEmail

संबंधित पोस्ट

  • संबंधित पोस्ट
  • More from author
लेख

एक और इजाफा

February 6, 2023 9:44 PM IST0
अर्थव्यवस्था

​रिजर्व बैंक बढ़ा सकता है 25 आधार अंक

February 6, 2023 9:41 PM IST0
आज का अखबार

शीर्ष न्यायालय की सर्वोच्चता और उससे जुड़े कुछ सवाल

February 6, 2023 9:33 PM IST0
आज का अखबार

देरी से लिया गया निर्णय

February 6, 2023 12:12 AM IST0
अंतरराष्ट्रीय

Turkey Earthquake: तुर्की के लोगों के साथ एकजुटता से खड़ा है भारत- प्रधानमंत्री मोदी

February 6, 2023 1:48 PM IST0
अंतरराष्ट्रीय

Turkey Earthquake: तुर्की, सीरिया में भीषण भूकंप में करीब 1500 से अधिक लोगों की मौत

February 6, 2023 12:29 PM IST0
अंतरराष्ट्रीय

Pervez Musharraf death: पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति को कराची में किया जाएगा सुपुर्द-ए-खाक

February 6, 2023 10:33 AM IST0
अंतरराष्ट्रीय

अमेरिका ने मार गिराया ‘जासूसी गुब्बारा’ ! तिलमिलाया उठा चीन

February 6, 2023 12:28 AM IST0
आज का अखबार

Old vs New Tax Regime: नई व्यवस्था में बचा सकते हैं कर

February 6, 2023 12:06 AM IST0
आज का अखबार

निवेश के सही सबूत समय से दें, ज्यादा टीडीएस से बचें

February 6, 2023 12:04 AM IST0

Trending Topics


  • Rupee vs Dollar
  • Stock Market Update
  • Adani vs Hindenburg
  • Earthquake in Turkey
  • Stocks To Watch
  • G20 Presidency
  • Old vs New Tax Regime
  • ONGC

सबकी नजर


MCD Mayor Election: एमसीडी मेयर चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई, लगातार तीन बार हो चुका है चुनाव स्थगित

February 7, 2023 4:22 PM IST

Ambuja Cements Q3 Results : तीसरी तिमाही में अंबुजा सीमेंट का प्रॉफिट 46 प्रतिशत बढ़ा

February 7, 2023 4:16 PM IST

Go Digit IPO: बीमा कंपनी गो डिजिट के IPO दस्तावेज को सेबी ने लौटाया

February 7, 2023 3:59 PM IST

इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए कैपेक्स बढ़ाने से होगा कंपनियों को फायदा: नीति सदस्य

February 7, 2023 3:55 PM IST

UP Budget 2023 : इस बार का बजट सत्र 20 फरवरी से होगा शुरु, युवाओं, महिलाओं, किसानों पर रहेगा फोकस

February 7, 2023 3:38 PM IST

Latest News


  • MCD Mayor Election: एमसीडी मेयर चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई, लगातार तीन बार हो चुका है चुनाव स्थगित
    by भाषा
    February 7, 2023
  • Ambuja Cements Q3 Results : तीसरी तिमाही में अंबुजा सीमेंट का प्रॉफिट 46 प्रतिशत बढ़ा
    by बीएस वेब टीम
    February 7, 2023
  • Go Digit IPO: बीमा कंपनी गो डिजिट के IPO दस्तावेज को सेबी ने लौटाया
    by भाषा
    February 7, 2023
  • इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए कैपेक्स बढ़ाने से होगा कंपनियों को फायदा: नीति सदस्य
    by भाषा
    February 7, 2023
  • UP Budget 2023 : इस बार का बजट सत्र 20 फरवरी से होगा शुरु, युवाओं, महिलाओं, किसानों पर रहेगा फोकस
    by बीएस संवाददाता
    February 7, 2023
  • चार्ट
  • आज का बाजार
60286.04 
IndicesLastChange Chg(%)
सेंसेक्स60286
-2210.37%
निफ्टी60286
-2210%
सीएनएक्स 50014902
-320.21%
रुपया-डॉलर82.49
--
सोना(रु./10ग्रा.)51317.00
0.00-
चांदी (रु./किग्रा.)66740.00
0.00-

  • BSE
  • NSE
CompanyLast (Rs)Gain %
Adani Enterp.1802.5014.63
Gland Pharma1308.8011.47
Varun Beverages1306.206.99
Garware Tech.3137.456.68
Engineers India83.056.20
One 97589.255.60
आगे पढ़े  
CompanyLast (Rs)Gain %
Adani Enterp.1802.9514.64
Gland Pharma1306.8511.44
Varun Beverages1304.106.73
Engineers India83.056.34
Garware Tech.3109.805.85
Triveni Turbine278.705.61
आगे पढ़े  

# TRENDING

Rupee vs DollarStock Market UpdateAdani vs HindenburgEarthquake in TurkeyStocks To WatchG20 PresidencyOld vs New Tax RegimeONGC
© Copyright 2023, All Rights Reserved
  • About Us
  • Authors
  • Partner with us
  • Jobs@BS
  • Advertise With Us
  • Terms & Conditions
  • Contact Us