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फैकल्टी प्रबंधन है आईआईटी का नया मंत्र

Last Updated- December 05, 2022 | 7:01 PM IST

सरकार ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) में योग्य शिक्षकों की कमी पूरा करने का अनोखा तरीका ढूंढ निकाला है।


दरअसल 8 नए आईआईटी संस्थानों के खोले जाने के ऐलान के मद्देनजर इन संस्थानों में शिक्षकों की काफी कमी होने की आशंका है।खबरों के मुताबिक, अर्जुन सिंह की अगुवाई वाले मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने आईआईटी निदेशकों को ऐसे नए संस्थानों की देखरेख करने की सलाह दी है। साथ ही इन निदेशकों को शुरू में नए आईआईटी संस्थानों का भी अतिरिक्त प्रभार सौंपे जाने की योजना है। भारतीय प्रबंधन संस्थानों (आईआईएम) के नए संस्थानों के लिए भी कुछ ऐसी ही योजना तैयार की गई है।


आईआईटी के लिए तैयार की गई योजना के तहत, दिल्ली, कानपुर और चेन्नै स्थित संस्थानों के प्रोफेसर राजस्थान, बिहार और आंध्र प्रदेश के नए आईआईटी संस्थानों के छात्रों को भी पढ़ाएंगे। ये प्रोफेसर नए संस्थानों में क्लास लेने के लिए यहां का दौरा करते रहेंगे। पुराने संस्थानों में शामिल एक संस्थान के निदेशक ने नाम नहीं बताने की शर्त पर इस योजना की पुष्टि की है।


उन्होंने बताया कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने संस्थान के निदेशकों के साथ इस बाबत चर्चा की है। हालांकि, इस संबंध में अब तक मंत्रालय ने कोई लिखित निर्देश नहीं जारी किया है। गौरतलब है कि पिछले हफ्ते मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने 8 नए आईआईटी और 7 नए आईआईएम के स्थानों के बारे में ऐलान किया है।


हालांकि इन संस्थानों के लिए फैक्लटी जुटाना मंत्रालय के लिए एक चुनौती बन गया है। योजना आयोग के एक सदस्य ने बताया कि इन नए संस्थानों को शुरू में अस्थायी इमारतों में चलाया जाएगा। शिलॉन्ग स्थित आईआईएम संस्थान अस्थायी इमारत में चल रहा है। सदस्य के मुताबिक, हालांकि इन संस्थानों को चलाने में फैकल्टी का प्रबंध करना सबसे बड़ी बाधा है।


नए संस्थानों को चलाने के लिए पर्याप्त तादाद में फैकल्टी की जरूरत होगी। इसके तहत जहां एक आईआईटी संस्थान में कम से कम 50 शिक्षकों की जरूरत होगी, वहीं आईआईएम जैसे संस्थान में कम से कम 20 शिक्षक के बिना काम नहीं चल सकता।


दिलचस्प बात यह है कि पुराने आईआईटी और आईआईएम संस्थानों में पहले से ही शिक्षकों की जबरदस्त किल्लत है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, वर्तमान 7 आईआईटी संस्थानों में फैकल्टी के सदस्यों की कुल तादाद 2,630 है। अनुमान है कि इन संस्थानों की गुणवत्ता बरकरार रखने के लिए इनमें कम से कम फैकल्टी के सदस्यों की तादाद कम से कम 3,500 होनी चाहिए। हालांकि आईआईएम में स्थिति थोड़ी बेहतर है।


नया तरीका


नए आईआईटी संस्थानों के छात्रों को पढ़ाएंगे पुराने आईआईटी के फैकल्टी मेंबर
बाद में, आईआईएम संस्थानों पर भी लागू होगी यही योजना

First Published - April 3, 2008 | 11:50 PM IST

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