अमेरिका का एक सैन्य विमान वहां अवैध रूप से रहने वाले 100 से ज्यादा भारतीय नागरिकों को लेकर बुधवार को अमृतसर पहुंचा। इससे अवैध आव्रजन पर अमेरिका का रुख एकदम स्पष्ट हो गया। खबर हैं कि इनमें से कई लोगों के हाथों में हथकड़ी और पैरों में बेड़ी थीं। अवैध रूप से रहने वाले भारतीयों को इस तरह भेजकर अमेरिकी सरकार ने अपनी मंशा साफ कर दी है। राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपने प्रचार अभियान के दौरान डॉनल्ड ट्रंप ने अवैध रूप से रहने वालों को वापस भेजने का वादा किया था और वह अब वादा पूरा कर रहे हैं। इस काम के लिए सेना के विमान का इस्तेमाल शायद यह दिखाने के लिए हुआ है कि वह कितने गंभीर हैं और हथकड़ी में लोगों को देखकर अमेरिका में उनके समर्थक जरूर खुश हुए होंगे। विकासशील एवं पिछड़े देशों से लोगों का अवैध तरीके से अमेरिका पहुंचना नई बात नहीं है और अमेरिका ऐसे लोगों को उनके देश भेजता भी रहा है मगर इसके लिए सैन्य विमान का इस्तेमाल एकदम नई बात है। आम वाणिज्यिक विमानों के मुकाबले सैन्य विमान उड़ाना खर्चीला होता है और उनका इस्तेमाल कर अमेरिका दिखाना चाहता है कि अवैध आव्रजन रोकने के लिए वह कितना गंभीर है।
अमेरिका में 18,000 से अवैध भारतीय पहचाने जा चुके हैं और उन्हें जल्द ही वापस भेजा जाएगा। लेकिन इन हालात में दो बातों पर तत्काल ध्यान जाना चाहिए। पहली, अमेरिका से आया विमान दिल्ली की जगह अमृतसर में क्यों उतरने दिया गया। अगर दिल्ली में केंद्र सरकार की एजेंसियां वहां से भेजे गए लोगों के बयान दर्ज करतीं तो बेहतर होता। दूसरी, इन लोगों को बिना देर किए स्वीकार कर भारत ने सही कदम उठाया है मगर विमान में इन लोगों के साथ जो सलूक किया गया उस पर भारत को अमेरिकी सरकार के सामने आपत्ति जरूर दर्ज करानी चाहिए। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को संसद में बताया कि अमेरिका ने इस पूरे मामले में सामान्य नियमों और प्रक्रिया का ही पालन किया है। किंतु भारत ट्रंप प्रशासन के साथ बातचीत कर रहा है ताकि आगे वहां से लौटाए जाने वाले भारतीयों के साथ अनुचित व्यवहार नहीं हो। चूंकि वहां अवैध तरीके से रह रहे लोगों को भारत भेजने का सिलसिला लंबे समय तक चलेगा, इसलिए भारत सरकार को इसे सहजता से पूरा करने के लिए अमेरिका के साथ बात करनी चाहिए। भारतीय नागरिकों की सुरक्षा के लिए भारत सरकार को भी विमान आदि भेजकर मदद करने के लिए तैयार रहना चाहिए। इससे यह संदेश भी जाएगा कि किसी देश में अवैध तरीके से घुसने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। भारत सरकार दूसरे देशों से भी अपने ऐसे नागरिकों को वापस लाने के लिए वहां की सरकारों के साथ सहयोग कर सकती है।
इसके साथ ही अवैध पलायन पर भी पर्याप्त ध्यान दिए जाने की जरूरत है। भारत से बड़ी संख्या में लोग विदेश जा रहे हैं। भारत जैसे बड़े एवं विकासशील देश में कुछ नागरिक बेहतर जीवन जीने के लिए विकसित देश में बसना चाहते हों तो गलत नहीं है। बड़ी संख्या में भारतीय छात्र भी पढ़ने के लिए अमेरिका जैसे विकसित देश में जाते हैं और बाद में बेहतर अवसर मिलने पर वहीं रह जाते हैं। उदाहरण के लिए सिलिकन वैली में भारतीयों की भारी तादाद है, जो अच्छी तरह रह रहे हैं। मगर अमेरिका इस समय भारत से गए जिन लोगों को वापस भेज रहा है वे इन लोगों की श्रेणियों में नहीं आते हैं। ये लोग तो अवैध तरीके से अमेरिका पहुंचने की ख्वाहिश में अपनी जान जोखिम में डालने से भी नहीं हिचकते। बताया जा रहा है कि कई लोग भारत के संपन्न राज्यों से हैं और अमेरिका पहुंचने के लिए उन्होंने बिचौलियों को मुंहमांगी रकम भी दी होगी। ऐसा जोखिम उठाने की इकलौती वजह देश में अवसरों की कमी हो सकती है। लिहाजा भारत को तेज आर्थिक विकास के लिए आर्थिक अवसर तैयार करने पर जोर देना चाहिए। सरकार को ऐसे लोगों एवं तंत्रों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए जो भारतीय नागरिकों को दूसरे देशों में अवैध तरीके से घुसने में मदद करते हैं। ऐसे लोग न केवल भारतीय नागरिकों की जान जोखिम में डालते हैं बल्कि दूसरे देशों के साथ द्विपक्षीय संबंध भी खराब करते हैं।