facebookmetapixel
Ramesh Damani की एंट्री से इस शेयर ने भरी उड़ान, 2 दिन में 10% उछला; 3 साल में 330% रिटर्नGold silver price today: चांदी ने तोड़े सारे रिकॉर्ड, भाव 2.50 लाख पार; जानें सोने के रेटStocks to Buy: चार्ट पैटर्न में दिखी मजबूती, ये 3 शेयर दिला सकते हैं 15% तक रिटर्न; जानिए एनालिस्ट की रायStock Market Update: सपाट शुरुआत के बाद बाजार में गिरावट, सेंसेक्स 200 अंक टूटा; निफ्टी 26 हजार के नीचे फिसलाAI इम्पैक्ट समिट में भारत के नवाचार से होंगे दुनिया रूबरूअदाणी का रक्षा क्षेत्र में 1.8 लाख करोड़ रुपये का बड़ा निवेशRolls-Royce भारत में करेगा बड़ा निवेश, नई पीढ़ी के एरो इंजन पर फोकससऊदी अरब के ताइफ एयरपोर्ट प्रोजेक्ट की रेस में जीएमआर और टेमासेक आगेStocks To Watch Today: Coforge, Vedanta से लेकर PNB तक हलचल, आज इन शेयरों पर रहेगी बाजार की नजरAI की एंट्री से IT इंडस्ट्री में बड़ा बदलाव, मेगा आउटसोर्सिंग सौदों की जगह छोटे स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट

Editorial: बाजार की ऊंचाइयां

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक शेयरों के विशुद्ध खरीदार नहीं हैं और 2024 में उन्होंने बड़े पैमाने पर रुपये में भी डेट की खरीद की है।

Last Updated- April 10, 2024 | 11:16 PM IST
Stock Market Holiday

शेयर बाजार सूचकांकों में तेजी का दौर जारी है और वह लगातार रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच रहा है। इस कैलेंडर वर्ष में निफ्टी चार फीसदी बढ़ा है और इस सप्ताह उसने रिकॉर्ड ऊंचाई को छुआ। बीएसई सेंसेक्स ने भी पहली बार 75,000 का स्तर पार किया।

तमाम बाजार संकेतक सकारात्मक बने हुए हैं और इस समय गिरावट का कोई खास संकेत नहीं है। अस्थिरता सूचकांक (वीआईएक्स), जो निफ्टी वायदा प्रीमियम के विस्तार को दर्शाता है, उसे कारोबारी रुझान का विश्वसनीय चिह्न माना जाता है। यह 2024 में अब तक के न्यूनतम स्तर पर है और यह एक शांत बाजार का संकेत है जहां कीमतों में भारी अंतर की उम्मीद नहीं होती।

रोजमर्रा के कारोबार का आकार अच्छा है जिससे संकेत मिलता है कि भागीदारी मजबूत है। विभिन्न उद्योगों के शेयर उच्च स्तर पर कारोबार कर रहे हैं। इक्विटी म्युचुअल फंडों में खुदरा आवक मजबूत बनी हुई है। इसमें इतनी मजबूती है कि कुछ फंड प्रबंधकों ने मोटामोटी आवक को सीमित कर दिया है और नियामकों ने छोटे शेयरों के मूल्यांकन के बारे में सलाह जारी की है।

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक शेयरों के विशुद्ध खरीदार नहीं हैं और 2024 में उन्होंने बड़े पैमाने पर रुपये में भी डेट की खरीद की है। घरेलू संस्थान (म्युचुअल फंड के अलावा) भी इक्विटी के मामले में विशुद्ध रूप से सकारात्मक हैं। निफ्टी मूल्य आय अनुपात 23 है। यह भी ऐतिहासिक मूल्यांकन की तुलना में ऊंचा है लेकिन 30 से अधिक के उच्चतम मूल्य आय अनुपात से अभी भी कम है।

वित्त वर्ष 24 की चौथी तिमाही के नतीजे सामने आने के साथ ही मूल्यांकन में भी कमी आने की संभावना है क्योंकि तब कारोबारी जगत की आय के नए आंकड़े सामने आएंगे। वित्त वर्ष 24 की चौथी तिमाही और पूरे वित्त वर्ष 24 के कारोबारी नतीजे बेहतर रहने का अनुमान हैं।

प्रबंधन की टिप्पणियों और कारोबारी सूचनाएं भी अधिकांश हिस्से के लिए सकारात्मक ही हैं। अधिक उच्च-तीव्रता वाले संकेतक भी सकारात्मक मूल्य रखते हैं। वित्त वर्ष 24 में वाहनों की बिक्री भी सकारात्मक रही है, रेलवे और बंदरगाह मालवहन ट्रैफिक में भी इजाफा हुआ है और बिजली की खपत में बढ़ोतरी हुई है। बैंकों में ऋण की मांग तेजी से बढ़ी है। कुल मिलाकर इन बातों ने टिकाऊ वृद्धि को लेकर उम्मीद बढ़ाई है।

भारतीय रिजर्व बैंक ने भी उत्साह बढ़ाने वाली बातें कही हैं। उसने अनुमान जताया है कि वित्त वर्ष 25 में खुदरा मुद्रास्फीति औसतन 4.5 फीसदी रहेगी और वृद्धि मजबूत रहेगी। बहरहाल, वित्तीय बाजार को दरों में कटौती के लिए प्रतीक्षा करनी पड़ सकती है जो तब आएगी जब रिजर्व बैंक टिकाऊ आधार पर मुद्रास्फीति के लक्ष्य को हासिल कर लेगा। खतरे के कुछ संकेत भी नजर आ रहे हैं।

म्युचुअल फंड निवेशकों ने डेट बाजार से पैसा वापस निकाल लिया है। मार्च और अप्रैल में गिरावट वाले शेयरों की तादाद अधिक रही और बढ़त पर रहने वालों की कम। भूराजनीतिक तनाव बढ़ने से तेल एवं गैस कीमतों में भी इजाफा हुआ है। भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए यह हमेशा नकारात्मक संकेत होता है क्योंकि हम इस मामले में आयात पर बहुत अधिक निर्भर हैं।

चुनावों के कारण भी माहौल में थोड़ी घबराहट हो सकती है। चुनाव नतीजे आने के बाद बाजार का व्यापक रुझान एक बार फिर प्रभावित होगा। निवेशक समुदाय में अधिकांश लोग मानते हैं कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार तीसरी बार सत्ता में आएगी और अगर ऐसा होता है तो बाजार में एक बार फिर तेजी देखने को मिल सकती है। परंतु अगर यह उम्मीद हकीकत में नहीं बदली तो गिरावट नजर आ सकती है।

बाजार के लिए तात्कालिक कारक होगा मार्च के तिमाही नतीजे जो जल्दी आने लगेंगे। निवेशकों के आशावाद के स्तर को देखते हुए निकट भविष्य में कॉर्पोरेट जगत के कमजोर प्रदर्शन की उम्मीद नहीं है।

First Published - April 10, 2024 | 10:25 PM IST

संबंधित पोस्ट