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Editorial: एनवीडिया का उभार और एआई

वर्ष 2023 में एनवीडिया का राजस्व दोगुना से अधिक बढ़कर 60.9 अरब डॉलर हो गया क्योंकि कंपनी की चिप की मांग दुनिया भर में बढ़ गई।

Last Updated- June 21, 2024 | 9:29 PM IST
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एनवीडिया का गेम चिप डिजाइनर कंपनी से दुनिया की सबसे मूल्यवान कंपनी बनना केवल संयोग मात्र नहीं है। इसका सीधा संबंध ऐसे सेमीकंडक्टर डिजाइन करने में उसकी विशेषज्ञता से है जो गहन संख्याओं की गणना करने में अच्छे हैं। इसकी टाइमलाइन बिल्कुल सीधी है।

चैटजीपीटी को नवंबर 2022 में सार्वजनिक रूप से जारी किया गया था। इसके बाद आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) के विकास में तेजी आई। वर्ष 2023 में एनवीडिया का राजस्व दोगुना से अधिक बढ़कर 60.9 अरब डॉलर हो गया क्योंकि कंपनी की चिप की मांग दुनिया भर में बढ़ गई।

एनवीडिया का शुद्ध लाभ भी छह गुना बढ़कर 29.7 अरब डॉलर हो गया। मई 2023 में पहली बार कंपनी का बाजार पूंजीकरण एक लाख करोड़ डॉलर का स्तर पार कर गया और अगले 13 महीनों में यह तीन गुना से अधिक हो गया। एनवीडिया इसलिए असामान्य है कि यह एक चिप निर्माता कंपनी है जो खुद चिप नहीं बनाती। यह विशेष प्रकार के सेमीकंडक्टर डिजाइन करती है, जिन्हें अनुंबंध करने वालों की खास जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाया जाता है। कंपनी अपनी चिप का निर्माण इंटेल जैसी प्रतिस्पर्धी कंपनी से भी कराने को तैयार है।

शुरुआत में एनवीडिया का ध्यान गेमिंग बाजार पर केंद्रित था और वह गेमिंग बाजार में करीब 80 फीसदी हिस्सेदारी के साथ सबसे अधिक दबदबा रखती है। गेमिंग के कारण को-प्रोसेसर (इन्हें ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट्स या जीपीयू भी कहा जाता है) की मांग बढ़ी ताकि सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (सीपीयू) को हल्के कामों के लिए खाली छोड़ दिया जाए और जटिल गणनाओं का काम जीपीयू करें।

एआई को जीपीयू की ऐसी ही लेकिन कहीं अधिक गहन प्रक्रियाओं की जरूरत होती है और एनवीडिया की विशेषज्ञता ने उसे एआई की दुनिया में अग्रणी बनने में मदद की है। चिप डिजाइन में विशेषज्ञता के अलावा कंपनी एक अलग तरह की कारोबारी संस्कृति का पालन करती है।

लाखों करोड़ डॉलर की कंपनी के कर्मचारियों की संख्या बहुत कम है। उसके 30,000 से भी कर्मचारी हैं। लाख करोड़ डॉलर वाली अन्य कंपनियों की बात करें तो माइक्रोसॉफ्ट के 2,20,000 कर्मचारी हैं जबकि ऐपल के 1,60,000 और गूगल के 1,80,000 कर्मचारी हैं।

कंपनी का नाम ‘नेक्स्ट वर्जन’ और ‘इनविडिया’ से बना है जो ईर्ष्या के लिए लैटिन भाषा में प्रयोग होने वाला शब्द है। वर्षों तक कंपनी के प्रेसिडेंट और मुख्य कार्य अधिकारी जेनसेन हॉन्ग की ओर से मिलने वाले आंतरिक संदेशों की शुरुआत एक चेतावनी से होती थी: ‘हमारी कंपनी तीस दिनों में कारोबार से बाहर होने के कगार पर है।’

सन 1997 में ऐसा हुआ भी था जब एनवीडिया बंद होने के कगार पर थी। संदेश में जो हताशा का भाव है वही एनवीडिया को चला रहा है। अब कंपनी शोध और विकास के लिए कई साझेदारियों में शामिल है जिनमें भारत में टाटा और रिलायंस समूह के साथ साझेदारी भी शामिल है। इसके अलावा कंपनी कई आईआईटी के साथ भी काम कर रही है।

अमेरिका ने एनवीडिया की चुनिंदा चिप के चीन को होने वाले निर्यात को प्रतिबंधित कर दिया है क्योंकि उनका सैन्य इस्तेमाल हो सकता है। कंपनी की कुछ उत्कृष्ट जीपीयू की कीमत एक लाख डॉलर से भी अधिक है। उनकी इतनी कमी है कि उनको सशस्त्र बलों की निगरानी में भेजा जाता है और अगर कोई उन्हें खरीदकर दोबारा बेचे तो उसे बहुत बेहतर दाम मिलते हैं।

लिनक्स के डेवलपर और गेमर समुदाय ने भी ड्राइवर्स की ओपन सोर्सिंग नहीं करने के कारण कंपनी की आलोचना की है। कंपनी की चिप इन्हीं कोड से संचालित होती हैं। ऐसे में डेवलपर और गेम डिजाइनर के लिए एनवीडिया के प्रदर्शन को अनुकूलित करना मुश्किल होता है। बहरहाल आखिरकार एनवीडिया इस समुदाय तथा अन्य समकक्ष कंपनियों के दबाव में झुकी और उसने ओपनसोर्सिंग आरंभ की।

ऐसा इसलिए कि इंटेल और एएमडी ऐसा कर रही थीं। एनवीडिया एकाधिकार की स्थिति में है, यही वजह है कि इसे इतनी तवज्जो मिल रही है। यह एआई आपूर्ति श्रृंखला का अहम घटक है और इसके प्रदर्शन में मामूली कमी पूरे उद्योग में उथलपुथल ला सकती है। जब तक उसकी प्रतिस्पर्धी कंपनियां अहम क्षमता नहीं विकसित कर लेतीं, यह चिंता का विषय बना रहेगा।

First Published - June 21, 2024 | 9:29 PM IST

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