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तकनीकी क्षेत्र में बन रहा है नया बुलबुला?

Last Updated- December 14, 2022 | 10:21 PM IST

तकनीकी क्षेत्र जिस तरह सुर्खियों में बना हुआ है और उसे लेकर एक तरह का उन्माद सा है, उससे यह चिंता पैदा होती है कि क्या इस समय तकनीकी शेयरों में बुलबुला बन रहा है। तकनीकी क्षेत्र में पिछला बड़ा बुलबुला वह था, जो अमेरिका में मार्च 2000 में फूटा था। यह इंटरनेट और तकनीकी कंपनियों पर केंद्रित था। उस बुलबुले के फूटने का दुनिया भर के बाजारों पर गंभीर असर पड़ा था, इसलिए उसका अध्ययन करना उचित है।
जब यह बुलबुला फूटा, उस समय नैसडैक सूचकांक महज नौ महीने में 67 फीसदी गिर गया था। नैसडैक उस बुलबुले के फूटने के बाद 80 फीसदी तक लुढ़का और करीब दो साल बाद फिर से चढऩा शुरू हुआ। उस समय बाजार मूल्यांकन के लिहाज से नौ सबसे बड़ी कंपनियों में से सात कभी उन मूल्यांकन पर नहीं पहुंच सकीं। केवल दो-माइक्रोसॉफ्ट और आईबीएम ही फिर से अपना सर्वोच्च बाजार पूंजीकरण हासिल कर पाईं। लेकिन बुलबुला फूटने के बाद यह मुकाम हासिल करने में माइक्रोसॉफ्ट को 17 और आईबीएम को 12 साल लगे। यहां तक कि व्यापक बाजार एसऐंडपी 500 भी बुलबुला फूटने के दो साल के भीतर करीब आधा रह गया। दुनिया भर के सभी बाजारों में बिकवाली हुई। इस तकनीकी बुलबुले ने हर किसी और हर चीज को प्रभावित किया।
इससे संपत्ति का भारी नुकसान हुआ और कोई भी उस दौर से फिर नहीं गुजरना चाहता है। बहुत से रिसर्च हाउस ने रिपोर्ट तैयार की हैं, जिनमें आज के तकनीक क्षेत्र के अन्य के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन की तुलना 1990 के दशक या 2000 के बुलबुले से की गई है। तब में और आज में क्या समानताएं एवं क्या अंतर है और हमें कितना चिंतित होना चाहिए?
पहली नजर में समानताएं बहुत अधिक हैं। अब अमेरिका में तकनीकी क्षेत्र लगातार आठ साल से अन्य क्षेत्रों के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन कर रहा है और उसका शीर्ष 1,500 शेयरों के बाजार पूंजीकरण में करीब 37 फीसदी हिस्सा है (बर्नस्टीन)। इससे पहले तकनीकी क्षेत्र का इतना बड़ा कद और बाजार में इतनी बड़ी हिस्सेदारी केवल मार्च 2000 में थी। कोई भी क्षेत्र इतनी लंबी अवधि तक बाजारों पर इस कदर दबदबा कायम करने में सफल नहीं रहा। इसका ढलान शुरू हो गया है।
तकनीक क्षेत्र के इस प्रदर्शन में मेगा-कैप तकनीकी शेयरों की अहम भूमिका है, जो पिछले 12 महीनों में करीब 170 फीसदी चढ़ चुके हैं। यह तकनीकी शेयरों में पिछली तेजी के समान है। पिछले बुलबुले के चरम पर यानी मार्च 2000 में सभी तकनीकी कंपनियों में से 36 फीसदी लाभ में नहीं थीं। आज यह अनुपात 33 फीसदी है, जो पिछले बुलबुले के चरम के बाद अपने सर्वोच्च स्तर पर है।
तकनीक को लेकर चर्चा भी मार्च 2000 के समान है। बड़े पैमाने पर खुदरा प्रवाह हो रहा है। कारोबार करने की लागत कम हो गई है और आंशिक स्वामित्व ने सभी के लिए शेयरों के मौके पैदा किए हैं। बैंक चेक कंपनियों या विशेष उद्देश्य अधिग्रहण कंपनियों (एसपीएसी) की तादाद में भारी बढ़ोतरी हुई है। वे हर जगह और हर क्षेत्र में पैदा हो रही हैं और ऐसा लगता है कि उनके प्रायोजकों के लिए आर्थिक प्रतिफल जबरदस्त है। नए आरंभिक सार्वजनिक निर्गमों (आईपीओ) की रफ्तार बढ़ रही है और वे मोटे प्रीमियम पर सूचीबद्ध हो रहे हैं। शेयरों की कीमतों से संबंधित मूखर्तापूर्ण कदम भी चिंता पैदा कर रहे हैं जैसा शेयर विभाजन के बाद ऐपल और टेस्ला में देखने को मिला। इस क्षेत्र को मीडिया में मिल रही सुर्खियां, नए कारोबारी मॉडलों में भरोसा, घाटे को समर्थन देने की इच्छुकता और स्टार्टअप के सीईओ के साथ रॉक स्टार जैसा बरताव, ये सभी वर्ष 2000 के समान हैं।
साफ तौर पर व्यक्ति को इस क्षेत्र में पूरी तरह रमने को लेकर सतर्क रहना चाहिए। हालांकि हम इसे लेकर चिंतित हों और तकनीकी कंपनियों के अपने पूरे शेयर बेच दें, उससे पहले आज और मार्च 2000 के बीच अंतर पर विचार करना चाहिए।
सबसे पहले, तकनीकी शेयर चढ़े हैं और सभी चार्ट यह दिखा रहे हैं कि पिछले दशक में अमेरिका में इस क्षेत्र में ज्यादातर बढ़ोतरी महज 10 कंपनियों की बदौलत हुई है। इसके बावजूद 2000 के बुलबुले के समय इन कंपनियों की संख्या और भी कम थी। मार्च 2000 में अपने सर्वोच्च स्तर से पहले नैसडैक पूर्व पांच वर्षों में हर साल 60 फीसदी की दर से बढ़ा था और आखिरी पांच महीनों में सूचकांक लगभग दोगुना हो गया था। पिछले पांच साल के दौरान नैसडैक करीब 25 फीसदी की दर से बढ़ा है। यह बहुत अच्छा प्रदर्शन है, लेकिन मार्च 2000 से पहले के पांच वर्षों जैसा बिल्कुल नहीं है।
एक अन्य बड़ा अंतर नए निर्गम और आईपीओ को लेकर है। मार्च 2000 से पहले के दो वर्ष में 231 तकनीकी कंपनियां आईपीओ लेकर आई थीं और औसत तकनीक आईपीओ सूचीबद्ध होने के छह महीने के भीतर 90 फीसदी चढ़ गया था (बर्नस्टीन)। आज स्थिति अलग है। पिछले 30 महीनों के दौरान अमेरिका में केवल 36 तकनीकी आईपीओ और ज्यादातर में सूचीबद्ध होने के पहले छह महीने के दौरान कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है। निस्संदेह ऐसा लगता है कि अब आईपीओ का खुमार शुरू हो रहा है। कंपनियां प्रत्यक्ष सूचीबद्धता और एसपीएसी दोनों रास्ते अपना रही हैं।
एक अन्य बड़ा अंतर मूल्यांकन में है। हालांकि तकनीकी कंपनियों के शेयर महंगे हैं और बाजार की तुलना में मोटे प्रीमियम पर कारोबार कर रहे हैं, लेकिन ये मार्च 2000 में और अधिक महंगे थे। उस समय तकनीकी क्षेत्र में अग्रिम आमदनी के मुकाबले कीमत का गुणक 53 था, जो आज 33 है। मुक्त नकदी प्रवाह की तुलना में कीमत आधार पर तकनीकी क्षेत्र का गुणक वर्ष 2000 में 118 था, जो आज 31 है (बर्नस्टीन)। तकनीकी क्षेत्र 2000 में व्यापक बाजार से 100 फीसदी ऊंचे स्तर पर कारोबार कर रहा था, जो आज 40 फीसदी है।
मूल्यांकन के इन अंतरों में इस तथ्य पर गौर नहीं किया गया है कि तकनीक क्षेत्र में खंडों का मिश्रण 2000 की तुलना में आज काफी बेहतर है। उस समय तकनीकी क्षेत्र में सॉफ्टवेयर और तकनीकी कंपनियों की हिस्सेदारी महज 15 से 20 फीसदी थी। इसमें तकनीकी हार्डवेयर, दूरसंचार उपकरण और सेमीकंडक्टर का भारांश अधिक था। आज सॉफ्टवेयर और इंटरनेट कारोबार का तकनीकी क्षेत्र में कम से कम 40 से 45 फीसदी हिस्सा है। ये कारोबार बुनियादी रूप से अधिक मार्जिन देने वाले हैं, अधिक मुक्त नकदी सृजित करते हैं, पूंजी पर बेहतर प्रतिफल देते हैं, ज्यादा टिकाऊ राजस्व देते हैं और अधिक मूल्यांकन के हकदार हैं।
अगर हम कारोबारी सम्मिश्रण में बदलावों को समायोजित करते हैं तो आज और मार्च 2020 के बीच मूल्यांकन का अंतर उपर्युक्त आंकड़ों से अधिक है। एक अन्य समायोजन वास्तविक ब्याज दरों का है। आज दरें 300 आधार अंक कम हैं और इनमें अगले दो-तीन साल में बढ़ोतरी के कोई संकेत भी नजर नहीं आ रहे हैं। ऐसी कम दरें लंबी अवधि में वृद्धि वाले शेयरों जैसे सॉफ्टवेयर और इंटरनेट कंपनियों को मदद करती हैं। इस स्तर पर भी आज मूल्यांकन ब्याज दरों की तुलना में कम ऊंचे लगते हैं।
कोविड-19 से बहुत से तकनीक कारोबारों की वृद्धि के परिदृश्य में तेजी से सुधार हुआ है। ज्यादातर ऑनलाइन गतिविधियों के प्रसार में तीन से पांच साल की बढ़ोतरी हुई है। कुछ मामलों में तो उनके फंडामेंटल कभी इतने बेहतर नहीं रहे।
ऐसे में क्या यह एक दूसरा तकनीकी बुलबुला है, जो फूटने जा रहा है? हालांकि हम कुछ पैमानों पर ऊंचे स्तर पर हैं और खुदरा निवेशकों का उन्माद चिंताजनक है, लेकिन यह अभी मार्च 2000 के समान नहीं दिखता है। हमारे लिए शायद इस क्षेत्र में गुंजाइश मौजूद है, लेकिन सतर्क रहने की जरूरत है। हममें इसकी बिकवाली का उतावलापन होना चाहिए। तुलनात्मक प्रदर्शन के लिहाज से इस बात की संभावना नहीं है कि सभी तकनीकी कंपनियों का उम्दा प्रदर्शन जारी रहेगा। निकट अवधि में सबसे बड़ी चिंता नियमन हैं। इनका समय आ गया है। अटलांटिक के दोनों तरफ नियमन बढ़ रहे हैं। स्वस्थ प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित करने वाले नियमों की महज उपभोक्ताओं को नुकसान के बजाय कुछ कंपनियों के बाजार में दबदबे पर ज्यादा नजर रहेगी। नियामकीय निगरानी के संबंध में प्रमुख तकनीकी कंपनियों का बेलगाम सफर खत्म हो सकता है। इसलिए अच्छी कंपनियों में बने रहें। अच्छे कारोबार अच्छा प्रदर्शन करेंगे, लेकिन अगर आपके पास कमजोर या सटोरिया कंपनियों के शेयर हैं तो उनसे निकलने के दरवाजे पर नजर रखें।
(लेखक अमांसा कैपिटल से संबद्ध हैं।)

First Published - October 21, 2020 | 11:25 PM IST

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