Income Tax Return Filing 2025: इनकम टैक्स रिटर्न भरना हर टैक्सपेयर्स के लिए जरूरी काम है। लेकिन जल्दबाजी या जानकारी की कमी में कई लोग गलत ITR फॉर्म भर देते हैं। इसका नतीजा यह होता है कि कई बार रिफंड अटक जाता है, नोटिस आ जाता है या जुर्माना लग जाता है। जरा सोचिए, मेहनत से भरा गया रिटर्न ही अगर गड़बड़ निकले तो कितनी टेंशन हो सकती है। अच्छी बात यह है कि गलती को सुधारा जा सकता है।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट इसके लिए Revised Return (Revised Return) और अपडेटेड रिटर्न (ITR-U) जैसी सुविधाएं देता है। लेकिन इनकी अपनी डेडलाइन और नियम हैं। जैसे, 15 सितंबर 2025 तक अगर आप चाहें तो गलत फॉर्म को बदल सकते हैं। 31 दिसंबर 2025 तक Revised Return फाइल किया जा सकता है। और अगर उससे भी चूक गए, तो 31 मार्च 2029 तक ITR-U का विकल्प मौजूद है। मगर ध्यान रहे, इसमें आपको अतिरिक्त टैक्स भी देना होगा। इसलिए सही फॉर्म चुनना और समय पर रिटर्न फाइल करना ही सबसे समझदारी का कदम है।
अगर आपने गलत ITR फॉर्म भरा है और आपका रिटर्न अभी प्रोसेस नहीं हुआ है, तो आप Revised Return फाइल कर सकते हैं। इसके लिए आपको इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के ई-फाइलिंग पोर्टल (incometax.gov.in) पर जाना होगा। वहां ‘ई-फाइल’ सेक्शन में ‘इनकम टैक्स रिटर्न’ चुनें। फिर ‘रिवाइज्ड रिटर्न’ विकल्प पर क्लिक करें। आपको अपने मूल रिटर्न का Acknowledgement Number और फाइल करने की तारीख डालनी होगी। इसके बाद सही ITR फॉर्म चुनें, सभी जानकारी अपडेट करें और रिटर्न सबमिट करें।
रिटर्न फाइल करने के बाद 30 दिनों के भीतर इसे ई-वेरिफाई करना जरूरी है। आप आधार OTP, नेट बैंकिंग या डिजिटल सिग्नेचर से वेरिफिकेशन कर सकते हैं। अगर आप ऑनलाइन वेरिफिकेशन नहीं करना चाहते, तो साइन किया हुआ ITR-V फॉर्म बेंगलुरु के सेंट्रलाइज्ड प्रोसेसिंग सेंटर (CPC) में भेज सकते हैं। Revised Return फाइल करने की अंतिम तारीख 31 दिसंबर 2025 है।
अगर आप 31 दिसंबर 2025 तक Revised Return फाइल नहीं कर पाते, तो भी घबराने की जरूरत नहीं है। आप ITR-U (अपडेटेड रिटर्न) फाइल कर सकते हैं। यह सुविधा आपको मूल्यांकन वर्ष (AY 2025-26) के अंत से 48 महीने तक यानी 31 मार्च 2029 तक उपलब्ध है। लेकिन इसके लिए आपको अतिरिक्त जुर्माना देना होगा।
अगर आप तीसरे साल में ITR-U फाइल करते हैं, तो 60% अतिरिक्त कर देना होगा। चौथे साल में यह 70% होगा। हालांकि, ITR-U का इस्तेमाल रिफंड बढ़ाने या नुकसान दिखाने के लिए नहीं किया जा सकता। अगर आपकी आय में कोई कमी पाई गई या कर चोरी का संदेह हुआ, तो 100% से 300% तक का भारी जुर्माना भी लग सकता है। इसलिए सही फॉर्म चुनना और समय पर रिटर्न फाइल करना जरूरी है।