सोने की कीमतों (gold prices) में आज बुधवार को लगातार तीसरे दिन तेजी देखी जा रही है। इस तेजी का असर सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड पर (Sovereign Gold Bond) भी पड़ा है। NSE पर मंगलवार 19 अक्टूबर को इस बॉन्ड में डेली ट्रेडिंग वॉल्यूम घटकर 14,000 ग्राम से नीचे आ गया । सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में डेली ट्रेडिंग वॉल्यूम 18 अक्टूबर को 20 हजार ग्राम के ऊपर दर्ज किया गया था।
सोने में आए अपट्रेंड की वजह से बॉन्ड धारक इसे सेकेंडरी मार्केट (स्टॉक एक्सचेंज) में बेचने से बच रहे हैं। वहीं भविष्य में इस बॉन्ड के लॉन्च होने की क्षीण संभावना के बीच बायर्स इसे खरीदने को लेकर बेहद उत्साहित हैं। परिणामस्वरूप सेकेंडरी मार्केट में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड पर प्रीमियम और बढ़ा है। डेली वॉल्यूम के मामले में अग्रणी 67वें सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड पर मंगलवार को प्रीमियम 10.5 फीसदी दर्ज किया गया।
घरेलू बाजार में पिछले दो दिनों में सोना 2,000 रुपये से ज्यादा यानी 3 फीसदी रिकवर हुआ है। Indian Bullion and Jewellers Association (IBJA) के मुताबिक सोना 24 कैरेट (999) मंगलवार को कारोबार की समाप्ति पर पिछले दिन की क्लोजिंग के मुकाबले 1,065 रुपये चढ़कर 75,873 रुपये प्रति 10 ग्राम के लेवल पर देखा गया। सोमवार को कारोबार की समाप्ति पर सोना 24 कैरेट 74,808 रुपये प्रति 10 ग्राम दर्ज किया गया था। पिछले हफ्ते गुरुवार को कारोबार की समाप्ति पर सोना 24 कैरेट 73,739 रुपये प्रति 10 ग्राम के लेवल पर देखा गया था। इससे पहले 30 अक्टूबर को यह 79,681 रुपये प्रति 10 ग्राम के ऑल-टाइम हाई लेवल तक पहुंच गया था।
ग्लोबल मार्केट में सोने (gold) की कीमतों में पिछले दो दिनों से जारी तेजी के मद्देनजर घरेलू बाजार में सोना मजबूत हुआ है। अमेरिकी डॉलर इंडेक्स (US Dollar Index) में नरमी और यूक्रेन-रूस के बीच सैन्य संघर्ष बढ़ने से सोने में निचले स्तर से खरीदारी (bargain buying) निकल रही है और कीमतों को सपोर्ट मिल रहा है। यूएस डॉलर में मजबूती के फलस्वरूप जहां अन्य करेंसी में सोने की कीमतों में तेजी आई है। वहीं रूस-यूक्रेन के बीच बढ़े सैन्य संघर्ष ने बतौर सुरक्षित विकल्प (safe-haven) सोने की मांग में इजाफा किया है।
जानकारों की मानें तो शॉर्ट-टर्म में गोल्ड की कीमतों में थोड़ी नरमी देखी जा सकती है क्योंकि डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) की जीत के बाद इस बात की संभावना बढ़ गई है कि शायद अमेरिकी फेडरल रिजर्व (US Federal Reserve) आने वाले समय में ब्याज दरों में कटौती को लेकर अत्यधिक सतर्कता बरते। लेकिन ग्लोबल लेवल पर बढ़ते जियो -पॉलिटिकल टेंशन और ब्याज दरों में कटौती की संभावना के मद्देनजर लॉन्ग-टर्म में गोल्ड को लेकर जानकार अभी भी बुलिश हैं। इन्वेस्टमेंट खासकर ईटीएफ डिमांड में लगातार देखी जा रही मजबूती और केंद्रीय बैकों की खरीदारी भी मीडियम टू लॉन्ग टर्म में गोल्ड के लिए सपोर्टिव हैं।
वॉल्यूम के मामले कौन बॉन्ड सबसे आगे ?
जहां तक 67वें (SGBFEB32IV) सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड यानी पिछले वित्त वर्ष (2023-24) की चौथी और आखिरी सीरीज की बात है, ट्रेडिंग वॉल्यूम के मामले में फिलहाल सबसे अव्वल है। मंगलवार (19 नवंबर 2024) को इस सीरीज में डेली वॉल्यूम सर्वाधिक 1,370 शेयर (ग्राम) रहा। वॉल्यूम के मामले में दूसरे नंबर पर है 66वां (SGBDE31III) गोल्ड बॉन्ड यानी पिछले वित्त वर्ष (2023-24) की तीसरी सीरीज। इस सीरीज में मंगलवार को डेली वॉल्यूम 1,258 ग्राम दर्ज किया गया। कुल 1,231 ग्राम डेली वॉल्यूम के साथ 65वां (SGBSEP31II) सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड तीसरे नंबर पर है। चौथे नंबर पर 42वां (SGBAUG28V) सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड है। इसके लिए डेली वॉल्यूम 1,193 शेयर है। पांचवें नंबर पर 41वां (SGBJUN28) गोल्ड बॉन्ड है। इसके लिए डेली वॉल्यूम 898 शेयर है।
गोल्ड बॉन्ड डेली वॉल्यूम
SGBFEB32IV – 1.370 शेयर (ग्राम)
SGBDE31III – 1,258
SGBSEP31II – 1,231
SGBAUG28V – 1,193
SGBJUN28 – 898
(Source: NSE)
क्या इतने प्रीमियम पर सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड खरीदना रहेगा बेहतर?
सेकेंडरी मार्केट यानी स्टॉक एक्सचेंज (BSE/NSE) पर फिलहाल सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bond) 10 फीसदी से ज्यादा प्रीमियम पर ट्रेड कर रहे हैं। इतने ज्यादा प्रीमियम पर इस बॉन्ड के ट्रेड करने की सबसे बड़ी वजह इस बॉन्ड के आगे जारी होने को लेकर बनी अनिश्चितता है। आरबीआई (RBI) ने फरवरी 2024 के बाद सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की किसी भी सीरीज को लॉन्च नहीं किया है। अलग-अलग मीडिया रिर्पोट के अनुसार सरकार आगे भी इस बॉन्ड को जारी करने को लेकर इच्छुक नहीं है। हालांकि सरकार की तरफ से सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को लेकर इस तरह का कोई बयान अभी तक नहीं आया है।
अब प्रश्न उठता है कि आखिर इतने प्रीमियम पर स्टॉक एक्सचेंज पर इस बॉन्ड को खरीदा जाए या नहीं। इस प्रश्न का जवाब जानने के लिए इस बॉन्ड पर उपलब्ध प्रीमियम की तुलना इस बॉन्ड पर मिलने वाले ब्याज/कूपन और टैक्स बेनिफिट से करनी होगी।
स्टॉक एक्सचेंज पर 67वां सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड यानी पिछले वित्त वर्ष की की चौथी और आखिरी सीरीज (SGBFEB32IV) फिलहाल सबसे ज्यादा प्रीमियम पर है। साथ ही इस बॉन्ड में डेली ट्रेडिंग वॉल्यूम भी फिलहाल सबसे ज्यादा है। इसलिए इस बॉन्ड के जरिये ही यह समझने की कोशिश करते हैं कि आखिर सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को इतने ज्यादा प्रीमियम पर खरीदना फायदे का सौदा है या नहीं।
SOVEREIGN GOLD BOND – FEB 2032 SR-IV 2023-24 (IN0020230184)
Current market price (As per IBJA) – Rs 7,587 per gram
Last trading price on NSE: Rs 8,382
Premium: Rs 795
Premium in percentage: 10.5%
Issue price: Rs 6,263 per gram
Interest (2.50%) – Rs 156.575 per annum
For next 7 years total interest – Rs 1,174.35
67वां सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड फिलहाल एनएसई (NSE) पर 8,382 रुपये प्रति ग्राम ट्रेड कर रहा है। जबकि आईबीजेए (IBJA) के मुताबिक गोल्ड का मार्केट प्राइस फिलहाल 7,587 रुपये प्रति ग्राम है। गोल्ड के इश्यू और रिडेम्प्शन प्राइस के निर्धारण में आईबीजेए से प्राप्त आंकड़ों को ही आधार बनाया जाता है। इस तरह से देखें तो यह बॉन्ड मार्केट प्राइस के मुकाबले फिलहाल 795 रुपये यानी 10.5 फीसदी के प्रीमियम पर है।
अब देखते हैं कि आखिर इस बॉन्ड पर कितना ब्याज/कूपन मिलेगा। यह बॉन्ड इस साल फरवरी में 6,263 रुपये प्रति ग्राम के प्राइस पर सब्सक्राइबर्स को इश्यू किए गए थे। इस बॉन्ड का मैच्योरिटी पीरियड 8 साल है, इसलिए यह बॉन्ड फरवरी 2032 में मैच्योर होगा। यदि आप फिलहाल सेकेंडरी मार्केट में इस बॉन्ड को खरीदते हैं तो आपको अगले 7.5 साल के लिए सालाना 2.5 फीसदी की दर से कुल 1,174.35 रुपये बतौर इंटरेस्ट/कूपन मिलेगा। आरबीआई यह ब्याज (Rs 78.29) प्रत्येक छह महीने पर आपके अकाउंट में ट्रांसफर कर देता है।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की इस किस्त के मामले में मौजूदा प्रीमियम (Rs 795) बॉन्ड पर मिलने वाले ब्याज (Rs 1,174.35) की तुलना में कम है। इसलिए इतने प्रीमियम पर भी इस बॉन्ड को यदि आप स्टॉक एक्सचेंज पर खरीदते हैं तो आपके लिए यह फायदे का सौदा है।
इस बॉन्ड को खरीदने में एक और फायदा टैक्स को लेकर भी है। स्टॉक एक्सचेंज पर भी यदि आप इस बॉन्ड को खरीदते हैं और इसे मैच्योरिटी पीरियड तक होल्ड करते हैं तो आपको इस बॉन्ड को बेचने के समय जो कैपिटल गेन होगा उस पर आपको कुछ भी टैक्स नहीं चुकाना होगा। जबकि गोल्ड के किसी भी दूसरे फॉर्म यानी विकल्प में यदि आप निवेश करते हैं तो आपको या तो शार्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स या लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स चुकाना होगा।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की अन्य सीरीज के मामले में भी इसी तरह से प्रीमियम और इंटरेस्ट की तुलना कर आप इसे खरीदने या नहीं खरीदने का निर्णय ले सकते हैं।