facebookmetapixel
Post Office FD: ₹15 लाख एकमुश्त जमा; 1, 2, 3, और 5 साल में ब्याज से कितनी होगी कमाई? देखें कैलकुलेशनपेन, पेंसिल बनाने वाली कंपनी का स्टॉक देगा 30% रिटर्न! ब्रोकरेज ने शुरू की कवरेज, कहा- खरीदने का सही मौका₹23,000 करोड़ की बिकवाली! आखिर क्या डर बैठ गया है रिटेल निवेशकों में?LPG Connection: दूसरा गैस सिलेंडर लेने के लिए किन डॉक्यूमेंट्स की जरूरत, जानें कुल कितना खर्च आएगाMeesho IPO की तूफानी शुरुआत, रिटेल हिस्सा एक घंटे में पूरी तरह सब्सक्राइब; GMP 42% पर पंहुचास्नूपिंग विवाद के बीच Sanchar Saathi ऐप की धूम: एक दिन में 6 लाख डाउनलोड, 10X उछालCorona Remedies IPO: 8 दिसंबर को खुलेगा इश्यू, प्राइस बैंड हुआ फाइनल; ग्रे मार्केट में अभी से हलचलServices PMI: भारत की सेवा क्षेत्र में तेजी, नवंबर में PMI 59.8 पर पहुंचाRBI MPC December 2025 meeting: जानें कब और कहां देखें RBI गवर्नर का लाइव संबोधनयूक्रेन पर US-Russia वार्ता आगे बढ़ी, लेकिन समाधान अभी दूर: पुतिन के सलाहकार यूरी उशाकोव

भारत में ब्लू-कॉलर वर्कर्स की कमाई पर रिपोर्ट: 58% से अधिक की मासिक आय 20,000 रुपये से कम

ज्यादातर ब्लू-कॉलर वर्कर्स, यानी 57.63% लोग, महीने में 20,000 रुपये से कम कमाते हैं।

Last Updated- August 19, 2024 | 7:21 PM IST
blue-collar workers

क्या आप जानना चाहते हैं कि भारत में ब्लू-कॉलर वर्कर्स कितना कमाते हैं? एक नई रिपोर्ट बताती है कि देश में ज्यादातर ब्लू-कॉलर वर्कर्स को इतनी कम तनख्वाह मिलती है कि वे अपने घर, दवाई और बच्चों की पढ़ाई जैसे जरूरी कामों के लिए भी पैसे नहीं जुटा पाते।

ब्लू-कॉलर नौकरी क्या होती हैं?

ब्लू-कॉलर नौकरियों में आमतौर पर हाथों से काम करना होता है, जैसे फैक्ट्री में काम करना या कोई भी काम जो ऑफिस में नहीं होता। इनमें निर्माण, उत्पादन, मरम्मत और खनन जैसे काम शामिल हो सकते हैं। पहले लोग सोचते थे कि ब्लू-कॉलर काम करने वाले लोग कम पढ़े-लिखे होते हैं, लेकिन अब ऐसा नहीं है। आजकल कई ब्लू-कॉलर नौकरियों के लिए खास ट्रेनिंग और तकनीकी ज्ञान की जरूरत होती है।

ब्लू-कॉलर वर्कर्स की कमाई

वर्कइंडिया नाम की एक कंपनी की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 57.63% से ज्यादा ब्लू-कॉलर नौकरियों में महीने के 20,000 रुपये या उससे कम की कमाई होती है। इसका मतलब है कि बहुत सारे ब्लू-कॉलर वर्कर्स को बहुत कम पैसे मिलते हैं, जिससे उनके लिए घर का किराया, दवाई और बच्चों की पढ़ाई जैसे जरूरी कामों के लिए पैसे जुटाना मुश्किल हो जाता है।

कितनी कमाई होती है ब्लू-कॉलर वर्कर्स की?

20,000 रुपये से कम: ज्यादातर ब्लू-कॉलर वर्कर्स, यानी 57.63% लोग, महीने में 20,000 रुपये से कम कमाते हैं।

20,000 से 40,000 रुपये: लगभग 29.34% ब्लू-कॉलर वर्कर्स की कमाई इस बीच में होती है। इन लोगों की हालत थोड़ी अच्छी होती है, लेकिन फिर भी अच्छे से जीने के लिए पैसे कम ही पड़ते हैं। जरूरतें तो पूरी हो जाती हैं, लेकिन सेविंग के लिए बहुत कम बचता है।

40,000 से 60,000 रुपये: सिर्फ 10.71% ब्लू-कॉलर वर्कर्स ही इतनी कमाई करते हैं। इन लोगों को खास काम आता है या फिर उन्हें काफी अनुभव होता है। ये अच्छी कमाई है, लेकिन ऐसे काम कम मिलते हैं, इसलिए बहुत सारे ब्लू-कॉलर वर्कर्स को आगे बढ़ने का मौका कम मिलता है।

60,000 रुपये से ज्यादा: बहुत कम ब्लू-कॉलर वर्कर्स होते हैं, सिर्फ 2.31%, जो महीने में 60,000 रुपये से ज्यादा कमाते हैं। इन्हें बहुत खास काम आता है या उनके ऊपर बहुत बड़ी जिम्मेदारी होती है। ऐसे लोग बहुत कम होते हैं।

अच्छी कमाई वाली ब्लू-कॉलर नौकरियां

हालांकि ज्यादातर ब्लू-कॉलर वर्कर्स को कम पैसे मिलते हैं, लेकिन कुछ नौकरियों में अच्छी कमाई होती है। रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ काम ऐसे हैं जिनमें 40,000 रुपये से ज्यादा कमाया जा सकता है:

फील्ड सेल्स: सबसे ज्यादा पैसे इसी काम में मिलते हैं। 33.84% फील्ड सेल्स वाले लोग 40,000 रुपये से ज्यादा कमाते हैं।

बैक ऑफिस जॉब: इसके बाद बैक ऑफिस के काम आते हैं। 33.10% लोग यहां 40,000 से ज्यादा कमाते हैं। इन कामों में एडमिनिस्ट्रेटिव काम होता है, जैसे दफ्तर चलाने के लिए जरूरी कामकाज।

टेलीकॉलिंग: टेलीकॉलिंग में भी 26.57% लोगों को 40,000 से ज्यादा मिलते हैं। इस सेक्टर में इंश्योरेंस और फाइनेंस जैसे जॉब में ज्यादा पैसे मिल सकते हैं।

अकाउंटिंग के काम: अकाउंट्स के काम में भी अच्छे पैसे मिलते हैं। 24.71% लोग 40,000 से ज्यादा कमाते हैं, क्योंकि पैसे का हिसाब-किताब ठीक से करना जरूरी होता है।

बिज़नेस डेवलपमेंट: कंपनी को बढ़ाने के लिए बिज़नेस डेवलपमेंट का काम जरूरी होता है। यहां 21.73% लोगों की कमाई 40,000 से ज्यादा है।

अच्छे खाना बनाने वाले और रिसेप्शनिस्ट: खाना बनाने वाले और रिसेप्शनिस्ट में भी कुछ लोग 40,000 से ज्यादा कमाते हैं। इनमें से 21.22% और 17.60% लोग इतनी कमाई करते हैं।

डिलीवरी की नौकरियां: डिलीवरी के काम में कम पैसे मिलते हैं। सिर्फ 16.23% डिलीवरी वाले ही 40,000 रुपये से ज्यादा कमा पाते हैं।

अच्छी कमाई के लिए विदेश जाना: भारत में कम पैसे मिलने की वजह से बहुत सारे ब्लू-कॉलर वर्कर्स अच्छी नौकरी की तलाश में विदेश जाते हैं। संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में सबसे ज्यादा भारतीय ब्लू-कॉलर वर्कर्स रहते हैं, यहां इनकी संख्या लगभग 34 लाख है। इसके अलावा सऊदी अरब (26 लाख), कुवैत (10 लाख), कतर (7.5 लाख), और ओमान (7 लाख) में भी बहुत सारे भारतीय काम करते हैं। ये आंकड़े एक कंपनी Huntr की रिपोर्ट से लिए गए हैं।

इनमें से बहुत सारे ब्लू-कॉलर वर्कर्स, खासकर 18 से 30 साल के, ज्यादा पैसे कमाने और अच्छी जिंदगी जीने के लिए बहुत मेहनत वाले काम करते हैं, जैसे निर्माण, फैक्ट्री में काम करना, या घर का काम। ज्यादा कमाई के लिए ये लोग अपने देश को छोड़ने में गुरेज नहीं करते।

First Published - August 19, 2024 | 7:21 PM IST

संबंधित पोस्ट