आपकी सुरक्षा के लिए व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा काफी जरूरी है। इससे न सिर्फ बीमाधारक को चिकित्सा खर्च, बल्कि आय कम होने, स्थायी दिव्यांगता की स्थिति में लाभ मिलता है और यहां तक कि दुर्घटना से होने वाली मौत पर उसके परिजनों को लाभ मिलता है। आइए जानते
हैं व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा क्यों
है जरूरी।
पहले इसे समझें
इसमें दुर्घटना में होने वाली मौत, चोटें और आंशिक अथवा स्थायी दिव्यांगता जैसी अनिश्चितता शामिल होती है। मृत्यु की स्थिति में बीमाधारक के नॉमिनी को बीमित रकम दी जाती है।
क्या नहीं होता है शामिल
जानकारों का कहना है कामकाजी लोगों को खासकर जिन पर कई लोग आश्रित हैं उन्हें अपनी सालाना आमदनी का कम से कम 10 गुना व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा लेना चाहिए। निर्माण, विनिर्माण और परिवहन जैसे उच्च जोखिम वाले पेशे में शामिल लोगों को उन्नत लाभ वाली विशेष पॉलिसी लेनी चाहिए।
इन बातों का रखें ख्याल
पॉलिसी कवरेज का मूल्यांकन करने के दौरान यह जरूर सुनिश्चित करना चाहिए कि इसमें दुर्घटना से होने वाली मौत, दिव्यांगता और दुर्घटना के कारण होने वाली आय की हानि शामिल हो। यह हमेशा याद रखें कि बीमा राशि आपकी आर्थिक जरूरतों और जीवनशैली के अनुरूप होनी चाहिए। इसके अलावा ऐड ऑन बेनिफिट लेने पर भी विचार करना चाहिए जो आपके कवरेज को काफी बढ़ा सके।
एसबीआई जनरल इंश्योरेंस के मुख्य उत्पाद एवं मार्केटिंग अधिकारी सुब्रमण्यम ब्रह्मजोसुला ने कहा, ‘उदाहरण के लिए हम एसबीआई जनरल इंश्योरेंस में व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा पॉलिसी में अस्पताल में भर्ती होने के खर्च के साथ-साथ एंबुलेंस में लगने वाला खर्च (एयर एंबुलेंस सहित) जैस ऐड ऑन कवरेज देते हैं। वैसे तो किफायत जरूरी है, लेकिन यह हमेशा सुझाया जाता है कि प्रीमियम आपको आवश्यक लाभों से समझौता किए बगैर व्यापक सुरक्षा प्रदान करे।’