वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग ने 21 अगस्त, 2024 को नाबालिगों के लिए सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ), एक से ज्यादा पीपीएफ खातों और अनिवासी भारतीयों (एनआरआई) के पीपीएफ खातों से संबंधित नए दिशानिर्देश जारी किए। ये दिशानिर्देश 1 अक्टूबर, 2024 से प्रभावी होंगे।
एमबी वेल्थ फाइनैंशियल सॉल्यूशंस के संस्थापक एम. बारवे ने कहा, ‘सरकार के इस कदम से बेहतर अनुपालन सुनिश्चित होगा। इससे खाताधारकों को खामियां ठीक करने का अवसर मिलेगा।’
नाबालिग के नाम पर खोले गए अनियमित पीपीएफ खाते पर नाबालिग के 18 वर्ष की आयु होने तक डाकघर बचत खाता दर (4 फीसदी) पर ही ब्याज दिया जाएगा। उसके बाद नाबालिग अपना खुद का खाता खोल सकता है और सामान्य ब्याज दर (7.1 फीसदी) हासिल कर सकता है।
बियॉन्ड लर्निंग फाइनैंस के संस्थापक जिनल मेहता ने कहा, ‘कई माता-पिता भविष्य के खर्चों को पूरा करने के लिए अपने बच्चों के नाम पर पीपीएफ खाते खोलते हैं। मगर नियमों में किए गए बदलावों को देखते हुए उन्हें अपने बच्चों की शिक्षा एवं विवाह आदि के लिए एक दमदार कोष बनाने के लिए अन्य विकल्पों पर विचार करना चाहिए।’
बारवे ने कहा कि इसके लिए आप लंबी अवधि की सावधि जमा यानी एफडी और म्युचुअल फंड में सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) जैसे विकल्पों पर विचार कर सकते हैं।
जहां तक एक से अधिक पीपीएफ खातों का सवाल है तो प्राथमिक खाते पर योजना के अनुसार ब्याज दर मिलेगी, बशर्ते जमा रकम वार्षिक सीमा (1.5 लाख रुपये) के दायरे में हो। खाताधारक को किसी भी डाकघर या बैंक में दो खाते चुनने होंगे और उनमें से एक को प्राथमिक खाता बनाना होगा। दूसरे खाते की रकम वार्षिक निवेश सीमा तक प्राथमिक खाते में जुड़ जाएगी। प्राथमिक खाते पर योजना के अनुसार ब्याज दर मिलती रहेगी। दूसरे खाते में मौजूद अतिरिक्त शेष रकम पर कोई ब्याज नहीं मिलेगा। यही नहीं, अन्य सभी खातों पर भी कोई ब्याज आय नहीं होगी।
पीपीएफ पर फिलहाल 7.1 फीसदी की कर मुक्त ब्याज दर मिलती है तो आकर्षक है। स्टील्थ वेल्थ के संस्थापक लक्ष्य गुप्ता ने कहा, ‘पांच साल से अधिक की निवेश अवधि के लिए शेयर, म्युचुअल फंड या पीएमएस पर विचार कर सकते हैं। इक्विटी में निवेश जोखिमभरा हो सकता है, मगर उससे आपको 12 से 12.5 फीसदी रिटर्न मिल सकता है, जो कर भुगतान बाद करीब 11 फीसदी होगा। इस प्रकार पीपीएफ के मुकाबले इसका प्रदर्शन बेहतर होता है।’ पीपीएफ की सीमा के बाद आप कर बचत वाली लंबी अवधि की एफडी पर भी विचार कर सकते हैं।
अनिवासी भारतीयों यानी एनआरआई के विस्तारित पीपीएफ खाते पर 30 सितंबर, 2024 तक डाकघर बचत खाता ब्याज दर के हिसाब से रिटर्न मिलेगा। उसके बाद इन खातों पर शून्य ब्याज मिलेगा।
कई लोग पीपीएफ खाते खुलवाने के बाद विदेश चले जाते हैं। वे प्रवासी भारतीय बनने के बावजूद अपनी स्थिति को अपडेट नहीं कर पाते। ऐसे मामलों में निवास की स्थिति अक्सर एक मुद्दा होता है।
प्रमाणित वित्तीय योजनाकार और सेबी में पंजीकृत निवेश सलाहकार (आरआईए) कल्पेश अशर ने कहा, ‘कुछ साल पहले एक नियम के तहत अनिवासी भारतीयों को पीपीएफ खाता रखने से प्रतिबंधित कर दिया गया था। मगर मौजूदा खातों को बिना नवीनीकरण के परिपक्वता अवधि तक सक्रिय रखने की अनुमति दी गई थी।’
कई प्रवासी भारतीयों ने अपने पीपीएफ खातों में योगदान जारी रखा और शायद उन्हें नियमों में बदलाव की जानकारी नहीं थी। नए नियम के तहत 30 सितंबर के बाद ऐसे खातों पर कोई ब्याज नहीं मिलेगा।
क्लियरटैक्स के अनुसार, किसी व्यक्ति को किसी खास वित्त वर्ष के लिए निवासी भारतीय तभी माना जाता है जब वह इनमें से किसी भी एक शर्त को पूरा करता है: वह वित्त वर्ष के दौरान 182 दिन अथवा इससे अधिक समय तक भारत में रहा हो, या पिछले साल 60 दिन अथवा इससे अधिक समय तक भारत में रहा हो और पिछले वर्ष से ठीक पहले के चार वर्षों के दौरान 365 दिन अथवा इससे अधिक समय तक भारत में रहा हो।
अशर ने कहा, ‘अनिवासी भारतीयों को अपने पीपीएफ खातों को परिपक्व होने पर बंद कर देना चाहिए। इसके अलावा वह रकम को अनिवासी साधारण (एनआरओ) खाते में हस्तांतरित करते हुए अपनी निवास की स्थिति का खुलासा कर सकते हैं। भविष्य में होने वाली समस्याओं से बचने के लिए अनुपालन पर ध्यान देना काफी महत्त्वपूर्ण है।’