दिसंबर 2024 को समाप्त तिमाही में रिटेल क्रेडिट ग्रोथ में कमी देखी गई। ट्रांसयूनियन सिबिल की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस सुस्ती का सबसे अधिक असर न्यू-टू-क्रेडिट (NTC) ग्राहकों पर पड़ा है। छोटे अमाउंट के अनसिक्योर्ड पर्सनल लोन में डिफॉल्ट बढ़ने के कारण भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने लोन देने के नियमों को सख्त कर दिया। बैंकबाजार के सीईओ आदिल शेट्टी ने कहा, “जिन उधारकर्ताओं की क्रेडिट हिस्ट्री कम या नहीं थी, उनमें डिफॉल्ट की दर बढ़ी है।”
RBI ने पर्सनल लोन, क्रेडिट कार्ड एक्सपोजर और नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों (NBFCs) को दिए जाने वाले लोन पर रिस्क वेट बढ़ा दिया। PL वेल्थ मैनेजमेंट के सीईओ इंद्रबीर सिंह जॉली ने कहा, “बैंकों ने सावधानी बरतनी शुरू की, जिससे खासकर उन उधारकर्ताओं को लोन मिलना कम हो गया जिनकी क्रेडिट हिस्ट्री स्थापित नहीं है।”
धीमी आर्थिक वृद्धि ने इस समस्या को और बढ़ा दिया है। ट्रांसयूनियन सिबिल के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ भावेश जैन ने कहा, “वृहद आर्थिक कारकों के चलते लेंडर्स अब लोन एप्लिकेशन की जांच-पड़ताल और सख्ती से कर रहे हैं।”
लेंडर्स आम तौर पर NTC (न्यू-टू-क्रेडिट) ग्राहकों के मामले में हमेशा सतर्क रहते हैं, लेकिन जब क्रेडिट सप्लाई कम की जा रही हो, तब यह सतर्कता और बढ़ जाती है। जैन ने कहा, “पहली बार लोन लेने वालों की क्रेडिट हिस्ट्री सीमित होती है, जिससे लेंडर्स के लिए उनकी रीपेमेंट क्षमता का सही आकलन करना मुश्किल हो जाता है।”
वर्तमान माहौल में बैंक और NBFCs नए उधारकर्ताओं की बजाय उन ग्राहकों पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं जिनकी क्रेडिट प्रोफाइल पहले से जांची-परखी हुई है।
NTC ग्राहक जिन्हें जल्द क्रेडिट की जरूरत है, उन्हें ऑनलाइन फाइनेंशियल मार्केटप्लेस पर कोशिश करनी चाहिए। पैसाबाजार में अनसिक्योर्ड लोन के चीफ बिजनेस ऑफिसर गौरव अग्रवाल कहते हैं, “यहां ग्राहक उन लेंडर्स से अनसिक्योर्ड लोन के विकल्प देख सकते हैं जो अब भी NTC ग्राहकों को लोन दे रहे हैं। साथ ही वे अपने मौजूदा एसेट्स जैसे सोना, प्रॉपर्टी और सिक्योरिटीज (म्युचुअल फंड, स्टॉक्स, इंश्योरेंस, बॉन्ड आदि) के बदले लोन के विकल्प भी तलाश सकते हैं।”
कोलेटरल-बैक्ड लोन में जोखिम कम होता है, जिससे लेंडर्स NTC ग्राहकों की क्रेडिट स्कोर को लेकर थोड़े लचीले नजरिए से देख सकते हैं।
शेट्टी का सुझाव है कि ऐसे बैंक से संपर्क करना चाहिए जिसमें आपकी सैलरी अकाउंट हो या जिसके साथ आपका लंबे समय से संबंध रहा हो। इससे लोन अप्रूवल की संभावना बढ़ जाती है। जॉली के अनुसार, ऐसे व्यक्ति के साथ लोन के लिए अप्लाई करना चाहिए जो को-साइनर या गारंटर बन सके और जिसकी क्रेडिट हिस्ट्री और स्कोर अच्छा हो, इससे भी मंजूरी मिलने की संभावना बेहतर होती है। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि एम्प्लॉयर-बेस्ड लोन के विकल्पों को भी तलाशा जा सकता है।
NTC ग्राहकों को सिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड के लिए भी अप्लाई करने पर विचार करना चाहिए। अग्रवाल कहते हैं, “इन कार्ड्स में सामान्य क्रेडिट कार्ड की तरह ही फीचर्स और फायदे होते हैं, बस फर्क यह होता है कि ये एक फिक्स्ड डिपॉजिट के बदले जारी किए जाते हैं जो कोलेटरल के तौर पर रखा जाता है।”
क्रेडिट कार्ड मिलने के बाद NTC ग्राहक इसका इस्तेमाल अपने क्रेडिट स्कोर को बनाने के लिए कर सकते हैं। क्रेडिट कार्ड के बिल्स क्रेडिट ब्यूरो को रिपोर्ट किए जाते हैं और इनका असर क्रेडिट स्कोर पर पड़ता है। साथ ही, अगर ग्राहक नियत तिथि तक पूरा भुगतान कर देते हैं तो उन्हें किसी तरह का ब्याज भी नहीं देना पड़ता।
NTC उधारकर्ताओं को लोन के लिए अप्लाई करने से पहले यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि संबंधित लेंडर उनकी श्रेणी के ग्राहकों को लोन देता है या नहीं। अग्रवाल कहते हैं, “अगर आप ऐसे लेंडर्स को अप्लाई करते हैं जो NTC ग्राहकों को लोन नहीं देते तो आपका आवेदन खारिज होने की संभावना ज्यादा होती है।”
कुछ NTC ग्राहक शुरुआती रिजेक्शन के बाद लोन मंजूरी पाने की कोशिशें और तेज कर देते हैं। अग्रवाल कहते हैं, “कम समय में कई लोन एप्लिकेशन डालने से बचें। लेंडर्स इसे नेगेटिव सिग्नल मानते हैं जिससे लोन अप्रूवल की संभावना और कम हो सकती है।”
जॉली कहते हैं कि केवल हाई-कॉस्ट या अनसिक्योर्ड लोन के विकल्प चुनना, आवेदक को हाई-रिस्क कैटेगरी में डाल सकता है। अस्थिर नौकरी की स्थिति भी लोन मंजूरी में बाधा बनती है। जॉली कहते हैं, “लेंडर्स लोन चुकाने की क्षमता सुनिश्चित करने के लिए स्थिर रोजगार को प्राथमिकता देते हैं।” शेट्टी चेतावनी देते हैं कि आवेदन दस्तावेजों में गलत या असंगत जानकारी लोन रिजेक्शन का कारण बन सकती है।