देश की बड़ी रियल एस्टेट कंपनियों ने वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही में अच्छी बिक्री दर्ज की है और नई परियोजनाओं के लॉन्च होने से उन्हें काफी फायदा मिला। हालांकि, भारत के बड़े शहरों में घरों की बिक्री थोड़ी धीमी रही लेकिन सूचीबद्ध कंपनियों पर इसका ज्यादा असर नहीं हुआ। इसकी वजह यह है कि उनकी ब्रांड वैल्यू अच्छी है और उन्होंने सोच-समझकर परियोजनाएं लॉन्च करने की रणनीति बनाई और साथ ही महंगे घरों की मांग बनी रही।
मिरै एसेट शेयरखान के शोध विश्लेषक अक्षय शेट्टी ने कहा, ‘दूसरी तिमाही में रियल एस्टेट क्षेत्र का प्रदर्शन अच्छा रहा। ज्यादातर बड़ी सूचीबद्ध कंपनियों ने अच्छी कमाई की और उनकी अग्रिम बिक्री मजबूत रही और नई परियोजनाएं लगातार पेश हो रही हैं जिससे उनकी कमाई में बढ़ोतरी दिख रही है।’
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के अनुसार, देश की सबसे बड़ी सूचीबद्ध रियल एस्टेट कंपनी डीएलएफ की अग्रिम बिक्री में सालाना आधार पर पांच गुना बढ़ोतरी हुई और यह 4,332 करोड़ रुपये तक पहुंच गई। इसकी वजह यह है कि कंपनी ने मुंबई में अपनी पहली परियोजना ‘द वेस्टपार्क’ (2,316 करोड़ रुपये) लॉन्च किया और इसके अलावा, उनकी लक्जरी परियोजना ‘कैमेलियास’ (1,624 करोड़ रुपये) में भी अच्छी बिक्री हुई।
मुंबई की लोढ़ा डेवलपर्स की पहले से बुकिंग में 7 प्रतिशत की मामूली वृद्धि हुई और यह 4,570 करोड़ रुपये रही, क्योंकि कंपनी ने पांच परियोजनाओं में 4,900 करोड़ रुपये की इन्वेंटरी लॉन्च की।
बेंगलूरु की प्रेस्टीज एस्टेट्स प्रोजेक्ट्स की बिक्री में 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई और यह 6,017.3 करोड़ रुपये तक पहुंच गई। गोदरेज प्रॉपर्टीज की लॉन्च से पहले की बिक्री में 64 प्रतिशत की वृद्धि हुई और यह 8,505 करोड़ रुपये रही क्योंकि कंपनी ने 10,000 करोड़ रुपये के सकल विकास मूल्य के साथ 9 नई परियोजनाएं लॉन्च कीं। हालांकि, ओबेरॉय रियल्टी की अग्रिम बिक्री में 10 प्रतिशत की गिरावट आई और यह 1,300 करोड़ रुपये रही, क्योंकि कंपनी ने कोई नई परियोजना लॉन्च नहीं की। कमाई के मामले में, डीएलएफ को छोड़कर, सभी प्रमुख डेवलपर ने अच्छा मुनाफा दर्ज किया।