जून 2025 शुरू होते ही कई वित्तीय नियमों में बदलाव होने जा रहे हैं, जो आपके बचत, खर्च और निवेश को सीधे तौर पर प्रभावित कर सकते हैं। आधार अपडेट से लेकर म्यूचुअल फंड, UPI, क्रेडिट कार्ड और फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) तक, कई क्षेत्रों में नए नियम लागू होंगे। आइए जानते हैं इन बदलावों के बारे में।
यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) ने घोषणा की है कि आधार में पता या पहचान से जुड़े विवरण को ऑनलाइन अपडेट करने की फ्री में मिल रही सुविधा 14 जून 2025 तक ही उपलब्ध होगी। इसके बाद ऑनलाइन अपडेट के लिए भी शुल्क देना होगा। लोगों को सलाह दी जाती है कि वे myAadhaar पोर्टल पर लॉगिन करके अपने विवरण को जल्द से जल्द अपडेट कर लें।
कंपनियों को अपने कर्मचारियों को वेतन पर TDS सर्टिफिकेट यानी Form 16, 15 जून तक जारी करना अनिवार्य है। यह डॉक्यूमेंट इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करने और टैक्स की गणना के लिए जरूरी है। अगर आपको यह डॉक्यूमेंट समय पर नहीं मिलता, तो अपने HR या पेरोल टीम से संपर्क करें।
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सेबी (SEBI) ने ओवरनाइट म्यूचुअल फंड स्कीम्स के लिए नए कट-ऑफ समय लागू किए हैं, जो 1 जून से प्रभावी होंगे। अब ऑफलाइन लेनदेन के लिए दोपहर 3 बजे और ऑनलाइन लेनदेन के लिए शाम 7 बजे तक का समय होगा। यह बदलाव नेट एसेट वैल्यू (NAV) को एकसमान करने और फंड प्रबंधन को बेहतर बनाने के लिए किया गया है। निवेशकों को अपने निवेश और निकासी की योजना पहले से बना लेनी चाहिए।
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने निर्देश दिया है कि 30 जून से सभी UPI ऐप्स को लेनदेन के दौरान प्राप्तकर्ता का सत्यापित नाम दिखाना होगा। यह नियम धोखाधड़ी और गलत भुगतान को रोकने के लिए लाया गया है, जिससे UPI लेनदेन में पारदर्शिता बढ़ेगी।
एक्सिस बैंक 20 जून से अपने रिवॉर्ड्स क्रेडिट कार्ड में बदलाव कर रहा है। इसमें नए रिवॉर्ड पॉइंट स्ट्रक्चर, कैशबैक दरों में बदलाव, लाउंज एक्सेस नियमों में संशोधन और योग्य खर्च की श्रेणियों में बदलाव शामिल हैं। कार्डधारकों को सलाह दी जाती है कि वे नए नियमों को ध्यान से पढ़ें।
10 जून से HDFC बैंक के टाटा न्यू इन्फिनिटी और टाटा न्यू प्लस क्रेडिट कार्डधारकों को कार्ड स्वाइप के जरिए लाउंज एक्सेस की सुविधा नहीं मिलेगी। अब यह सुविधा तिमाही खर्च के आधार पर वाउचर के जरिए मिलेगी। कार्डधारकों को अपने खर्च पर नजर रखनी होगी।
1 जून से कई बैंकों ने फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) की ब्याज दरों में बदलाव किया है।
निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे नई दरों की जांच करें और बेहतर रिटर्न के लिए छोटे वित्तीय बैंकों या FD लैडरिंग की रणनीति पर विचार करें।
हालांकि यह जून में लागू नहीं होगा, लेकिन 1 अगस्त से NPCI UPI बैलेंस पूछताछ पर सीमा लगाएगा और UPI ऑटोपे मैनडेट के लिए विशेष समय निर्धारित करेगा। यह बदलाव सर्वर लोड को कम करने और परफॉर्मेंस बेहतर बनाने के लिए किया जा रहा है।
इन बदलावों का असर आपकी वित्तीय योजना पर पड़ सकता है। समय रहते आधार अपडेट करें, Form 16 की जांच करें, म्यूचुअल फंड लेनदेन की समयसीमा का ध्यान रखें और क्रेडिट कार्ड व FD के नए नियमों की समीक्षा करें। सतर्क रहें और अपनी वित्तीय रणनीति को इन बदलावों के अनुसार ढालें।