अगर आप होम लोन (Home Loan) लेने के बारे में सोच रहे हैं, तो क्रेडिट स्कोर (Credit Score) अच्छा रखें। अगर आपका 750 से ज्यादा क्रेडिट स्कोर है, तो आपको कम ब्याज पर लोन मिल सकता है। वहीं, अगर 800 से ऊपर का क्रेडिट स्कोर है, तो आपको ब्याज दरों में और भी छूट मिल सकती है। वहीं, कुछ बैंक स्व-रोजगार वालों के मुकाबले सैलरी पाने वालों को कम ब्याज पर लोन ऑफर करते हैं।
RBL बैंक के बिजनेस हेड पराग काले ने कहा, “आपका क्रेडिट स्कोर बताता है कि आप कितने भरोसेमंद और आर्थिक रूप से सक्षम हैं। प्रॉपर्टी डेवलपर और बैंक दोनों के साथ शर्तों और डील पर चर्चा करते समय यह आपकी मदद करता है।”
BankBazaar ने उन लोगों की लिस्ट तैयार की है, जिन्हें सबसे अच्छे होम लोन ऑफर दिए जाते हैं।
1. महिलाओं को अक्सर ब्याज दरों पर 5-10 बेसिस पॉइंट की अतिरिक्त छूट मिलती है।
2. यदि आप कम लोन लेते हैं या आप जो खरीद रहे हैं उसके मूल्य की तुलना में आपके पास छोटा लोन है, तो आपको आमतौर पर कम ब्याज दर मिलेगी।
3. जाने-माने बिल्डरों से घर खरीदने से लोन लेना आसान हो सकता है।
4. यदि आपके पास पहले से ही बैंक में वेतन खाता है, तो आपको कम ब्याज दरें ऑफर की जा सकती हैं।
5. बैंकों द्वारा दिए जाने वाले रेपो रेट से जुड़े लोन आमतौर पर गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) के लोन से सस्ते होते हैं।
1 अक्टूबर, 2019 से, खुदरा ग्राहकों के लिए सभी नए फ्लोटिंग-रेट होम लोन (ब्याज की दर तय करने के लिए)एक बाहरी बेंचमार्क से जुड़े हुए हैं, जिसमें रेपो रेट ज्यादातर बैंकों के लिए सामान्य बेंचमार्क है।
एक घर खरीदार के रूप में आपके द्वारा पेमेंट की जाने वाली वास्तविक ब्याज दर में तीन भाग होते हैं: केंद्रीय बैंक द्वारा निर्धारित रेपो दर, बैंक द्वारा जोड़ी गई एक अतिरिक्त राशि (जिसे “स्प्रेड” कहा जाता है), और आपके क्रेडिट स्कोर के आधार पर एक जोखिम शुल्क।
लोन-टू-वैल्यू (LTV) एक प्रमुख फाइनेंशियल मैट्रिक है जिसका उपयोग होम लोन में बंधक के जोखिम का मूल्यांकन करने के लिए किया जाता है। यह घर के खरीद मूल्य की तुलना में लिए गए लोन का अनुपात दर्शाता है।
बैंकबाजार के सीईओ आदिल शेट्टी ने कहा, “होम लोन में आपका लोन-टू-वैल्यू (LTV) अनुपात महत्वपूर्ण है, जो दर्शाता है कि आप घर की कीमत की तुलना में कितना लोन लेते हैं। उदाहरण के लिए, यदि आपके घर की कीमत 50 लाख रुपये है और आप 40 लाख रुपये लोन लेते हैं, तो आपका LTV 80% है। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) LTV नियम निर्धारित करता है; यदि संपत्ति 30 लाख रुपये से कम है, तो आप 90% तक लोन ले सकते हैं, लेकिन 75 लाख रुपये से अधिक महंगी संपत्तियों के लिए, आप केवल 75% लोन ले सकते हैं।”
“LTV अनुपात को कम करने के लिए बड़ी डाउन पेमेंट करने से आपको बेहतर लोन शर्तें और कम ब्याज दरें मिल सकती हैं। लेकिन यदि आपका LTV अधिक है (मतलब आप घर की कीमत की तुलना में बहुत अधिक लोन लेते हैं), तो आपको हाई ब्याज दरें देनी पड़ सकती हैं, बंधक बीमा लेना पड़ सकता है, या यहां तक कि लोन से इनकार भी किया जा सकता है।”
डाउन पेमेंट महत्वपूर्ण है क्योंकि लोन लेने वाला व्यक्ति इसके बाद लोन डिफॉल्ट करेगा इसकी आशंका कम हो जाती हैं, क्योंकि उसमें उसका पैसा फंसा होता है। जब कोई लोन लेने वाला हाई डाउन पेमेंट करता है, तो इससे बैंक का जोखिम कम हो जाता है, और परिणामस्वरूप, बैंक ऐसे लोन लेने वालों को अपनी बेस्ट और सबसे कम होम लोन ब्याज दरें देते हैं।
एक घर की लागत कैसे तय होती है? यदि आप एक अंडर-कंस्ट्रक्शन घर खरीद रहे हैं, तो बैंकबाज़ार आपके लिए निम्नलिखित लागतें निर्धारित करता है:
BankBazaar.com के सीबीओ, पंकज बंसल ने कहा, “जब आप होम लोन लेते हैं , तो यह घर से संबंधित कई खर्चों में मदद कर सकता है, लेकिन हर चीज़ में नहीं। आप कितना लोन ले सकते हैं यह भारतीय रिज़र्व बैंक के नियमों और एक लोन लेने वाले के रूप में आप कितने के पात्र हैं, इस पर निर्भर करता है।”
जब आप घर के लिए लोन लेते हैं, तो यह आमतौर पर बेस प्राइस, GST, सुविधाओं और यूटिलिटी सहित कुल लागत का 75-90% भुगतान करता है। शेष 10-45% लागत, जिसमें रजिस्ट्रेशन, स्टाम्प ड्यूटी और फर्निशिंग जैसे बड़े खर्च शामिल हैं, का भुगतान अपनी सेविंग से करना होगा।
होम लोन पर ब्याज दरें: यहां दी गईं ब्याज दरें वही हैं जो बैंक 26 सितंबर, 2023 को दे रहे थे। ये दरें समय के साथ बदल सकती हैं। कुछ पात्रता मानदंडों को पूरा करने वाले उधारकर्ताओं को सबसे कम दरें ऑफर की जाती हैं।