ITR Filing 2023: इनकम टैक्स एक्ट, 1961, के चैप्टर VIA के अलग-अलग सेक्शन (80C से 80U तक) के तहत deductions (कटौती) के प्रावधान किए गए हैं। इन सारे सेक्शन के तहत निवेश, खर्च और डोनेशन पर इनकम में डिडक्शन (deductions) का फायदा मिलता है। मसलन अगर आप पीपीएफ (PPF) में निवेश करते हैं, अपने बच्चे का ट्यूशन फीस देते हैं… वगैरह तो आपको सेक्शन 80C के तहत डिडक्शन का फायदा मिलेगा।
वहीं अगर आप अपने मेडिक्लेम पॉलिसी (mediclaim policy) के लिए प्रीमियम का भुगतान करते हैं तो उस पर आपको 80D के तहत डिडक्शन का बेनिफिट मिलता है। इसी तरह और भी कई तरह के खर्च और इन्वेस्टमेंट पर चैप्टर VIA के अलग-अलग सेक्शन के तहत डिडक्शन का फायदा मिलता है।
ग्रॉस टोटल इनकम में डिडक्शन के बाद टोटल इनकम (taxable income) में कमी आती है। फलस्वरूप टैक्स देनदारी घटती है।
लेकिन अगर आप वेतनभोगी या पेंशनभोगी नहीं हैं और आपको कैपिटल ऐसेट (capital asset) की बिक्री से कैपिटल गेन (capital gain) हुआ है तो क्या इस गेन पर चैप्टर VIA के अलग-अलग सेक्शन के तहत आप डिडक्शन का फायदा ले सकते हैं? आइए जानते हैं –
यदि लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन ( LTCG) हुआ है ….
नियमों के अनुसार यदि किसी कैपिटल ऐसेट की बिक्री से लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन (long-term capital gain) होता है तो आप उस गेन पर चैप्टर VIA के किसी भी सेक्शन के तहत डिडक्शन का फायदा नहीं ले सकते हैं।
यदि शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन (STCG) हुआ है…..
लेकिन यदि आपको किसी ऐसे कैपिटल ऐसेट की बिक्री से शार्ट-टर्म कैपिटल गेन हुआ है जो सेक्शन 111A के अंतर्गत आते हैं तो आप इस शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन पर डिडक्शन का फायदा नहीं ले सकते हैं। लेकिन अगर ऐसे कैपिटल ऐसेट की बिक्री से शार्ट-टर्म कैपिटल गेन हुआ है जो सेक्शन 111A के अंतर्गत नहीं आते हैं तो आप इस शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन पर डिडक्शन का फायदा ले सकते हैं।
सेक्शन 111A के तहत लिस्टेड इक्विटी शेयर, इक्विटी-ओरिएंटेड म्युचुअल फंड और बिजनेस ट्रस्ट आते हैं। जबकि वैसे इक्विटी शेयर जो स्टॉक एक्सचेंज के जरिए नहीं बेचे जाते हैं, अनलिस्टेड शेयर, डेट-ओरिएंटेड म्युचुअल फंड, डिबेंचर, बॉन्ड, गवर्नमेंट सिक्योरिटीज, प्रॉपर्टी, गोल्ड और सिल्वर सेक्शन 111A के अंतर्गत नहीं आते हैं।
सेक्शन 111A के अंतर्गत आने वाले कैपिटल ऐसेट की बिक्री से होने वाले शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन पर 15 फीसदी (सरचार्ज और सेस अलग से) शार्ट-टर्म कैपिटल गेन (STCG) टैक्स देना होता है। लेकिन 111A के अंतर्गत नहीं आने वाले कैपिटल ऐसेट की ब्रिकी से होने वाले शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन पर आपको अपने टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स देना होता है।
आइए अब उदाहरण से समझते हैं कि आखिर किन मामलों में कैपिटल गेन पर डिडक्शन का फायदा मिलेगा, और किन मामलों में नहीं।
मान लीजिए एक व्यक्ति की उम्र 60 वर्ष से कम है। उसे वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान प्रॉपर्टी की बिक्री से 4 लाख रुपये का शार्ट-टर्म कैपिटल गेन होता है। इसके अतिरिक्त उसे और कोई इनकम नहीं हुआ है। जबकि उसी वर्ष उसने 1.5 लाख रुपया पीपीएफ में जमा किया। इस मामले में 80C के तहत पीपीएफ में जमा की गई 1.5 लाख की राशि पर 80C के तहत डिडक्शन का फायदा मिलेगा। क्योंकि एक तो प्रॉपर्टी की ब्रिकी से शार्ट-टर्म कैपिटल गेन हुआ है। दूसरे प्रॉपर्टी एक ऐसा कैपिटल ऐसेट है जो सेक्शन 111। के अंतर्गत नहीं आता है।
लेकिन इसी उदाहरण में अगर शार्ट-टर्म कैपिटल गेन इक्विटी शेयर या इक्विटी म्युचुअल फंड… की बिक्री से होता तो 80C के तहत डिडक्शन का फायदा नहीं मिलता क्योंकि इक्विटी शेयर या इक्विटी म्युचुअल फंड सेक्शन 111A के अंतर्गत आते हैं।
मान लीजिए 60 वर्ष से कम उम्र के किसी व्यक्ति को वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान प्रॉपर्टी की बिक्री से 6 लाख रुपये का लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन हुआ जबकि उसने उसी वर्ष 1.5 लाख रुपया एनएससी (NSC) में जमा किया। क्या इस मामले में 80C के तहत डिडक्शन का फायदा मिलेगा?
इस मामले में 80C के तहत डिडक्शन का फायदा नहीं मिलेगा क्योंकि यहां लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन हुआ है। नियमों के मुताबिक लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन पर डिडक्शन का फायदा नहीं मिलता।