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बैंकिंग फंड में लगाएं पैसा, आने वाले हैं इनके अच्छे दिन

बैंकिंग और वित्तीय सेवा क्षेत्र के फंडों ने सिर्फ 9 फीसदी रिटर्न दिया है, वहीं फ्लेक्सी कैप योजनाओं के निवेशकों को 20.5 फीसदी रिटर्न मिला है।

Last Updated- September 02, 2024 | 6:46 AM IST
Bank Holiday

बैंकिंग क्षेत्र को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जिससे बैंकिंग और वित्तीय सेवा क्षेत्र पर केंद्रित फंडों ने इस साल में अब तक सिर्फ 9 फीसदी रिटर्न दिया है। इसके मुकाबले फ्लेक्सी कैप योजनाओं में निवेश करने वालों को 20.5 फीसदी का शानदार रिटर्न मिला है।

पिछले साल बैंकिंग क्षेत्र के म्युचुअल फंडों ने 24.8 फीसदी रिटर्न दिया था, लेकिन उनके प्रदर्शन में व्यापक अंतर रहा है। जहां एक ओर, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल निफ्टी पीएसयू बैंक एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) ने सबसे अधिक 51.9 फीसदी रिटर्न दिया, वहीं एसबीआई निफ्टी प्राइवेट बैंक ईटीएफ में निवेश करने वालों को सिर्फ 11.8 फीसदी रिटर्न पर ही संतोष करना पड़ा।

यह हाल तब है जब निवेशकों ने निजी क्षेत्र के बैंकों को नजरअंदाज करते हुए सरकारी बैंकों का रुख किया था। चूंकि बैंकिंग और वित्तीय कंपनियां काफी हद तक सूचीबद्ध हैं, इसलिए इस सेक्टर में 55 निष्क्रिय एवं सक्रिय फंड हैं। हाल ही में इसमें बंधन निफ्टी बैंक इंडेक्स फंड भी शामिल हुआ है।

धीमे प्रदर्शन का कारण

बैंकिंग क्षेत्र के हालिया कमतर प्रदर्शन की कई अलग-अलग वजहें हैं। आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल बैंकिंग ऐंड फाइनैंशियल सर्विसेज फंड के फंड मैनेजर रोशन चुटकी का कहना है, ‘ऋण जमा अनुपात (एलडीआर) पर नियामकीय कार्रवाई एवं असुरक्षित क्षेत्रों में जोखिम भार बढ़ाने से भी चुनौतियां पैदा हुई हैं। इसके अलावा, इन क्षेत्रों में संभावित घट-बढ़ से भी निवेशक सतर्क हुए हैं। धीमी ऋण वृद्धि की चिंताओं ने भी बैंकिंग क्षेत्र के फंडों के प्रदर्शन पर असर डाला है।’

बंधन ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (इक्विटीज) सुमित अग्रवाल ने कहा, ‘बुनियादी कारणों में जमा वृद्धि की रफ्तार घटने और चक्रीय मार्जिन दबाव जैसे मुद्दे भी शामिल हैं।’

दर कटौती का होगा फायदा

दीर्घावधि में बढ़ती अर्थव्यवस्था में बैंकिंग और वित्तीय सेवा फंडों के बेहतर प्रदर्शन करने की उम्मीद की जा रही है। इन्हें ब्याज दरों में कटौती के साथ-साथ सस्ते ऋण से अर्थव्यवस्था से होने वाले लाभों का फायदा मिलेगा।

रिफोलियो इन्वेस्टमेंट्स ऐंड जर्मिनेट इन्वेस्टर सर्विसेज एलएलपी के मुख्य कार्य अधिकारी और संस्थापक संतोष जोसेफ का कहना है, ‘बैंकिंग क्षेत्र के अच्छे दिन आने वाले हैं, खासकर दुनिया भर में और भारत में भी ब्याज दर में बदलाव आने की उम्मीद है। भविष्य में कुछ बेहतरीन रिटर्न बैंकिंग क्षेत्र के फंडों से मिलने की भी संभावना है।’

अग्रवाल का कहना है, ‘कम दरें कॉरपोरेट के ब्याज लागत के बोझ को कम करती हैं और ऋण तथा आर्थिक गतिविधियों में भी सुधार करती है।’

आकर्षक मूल्यांकन

खराब प्रदर्शन के दौरान कुछ बैंकिंग शेयरों का मूल्यांकन आकर्षक हो गया है। चुटकी कहते हैं, ‘बड़े निजी क्षेत्र के बैंक बैंकिंग क्षेत्र में दमदार स्थिति में हैं। उनका मूल्यांकन आकर्षक है और उनकी खुदरा संपत्ति की गुणवत्ता में कोई समस्या आती है तो उनके पास उन संभावित चुनौतियों से बेहतर से तरीके से पार पाने की क्षमता है।’

सेक्टर फंड में विविधता वाले इक्विटी फंड के मुकाबले अधिक जोखिम होता है। जोसेफ कहते हैं, ‘विविध तरह के फंड के बजाय एक ही क्षेत्र में निवेश से अधिक जोखिम होता है। इसलिए, सलाह दी जाती है कि बैंकिंग क्षेत्र के फंड अथवा किसी अन्य क्षेत्र के फंड में हद से अधिक निवेश नहीं करना चाहिए।’

निवेश की रणनीति

अगर आप मूल्य चाहते हैं तो निफ्टी बैंक अथवा निफ्टी प्राइवेट बैंक जैसे सूचकांकों पर नजर रखने वाले ईटीएफ पर भरोसा कर सकते हैं। मगर वित्तीय सेवा क्षेत्र के प्रति सकारात्मक नजरिया रखने वाले दीर्घकालिक निवेशक इस क्षेत्र से संबंधित सक्रियता से प्रबंधित योजनाओं का रुख कर सकते हैं।

पहली बार निवेश करने वाले निवेशकों के लिए फ्लेक्सी कैप योजनाएं अच्छी हो सकती हैं। मगर वे भी अपने पोर्टफोलियो का एक बड़ा हिस्सा वित्तीय सेवा क्षेत्र में निवेश कर सकते हैं। इस साल 31 जुलाई तक, फ्लेक्सी कैप योजनाओं ने अपने पोर्टफोलियो का औसतन 26.2 फीसदी वित्तीय सेवा शेयरों में निवेश किया था।

अग्रवाल ने कहा, ‘बैंकिंग फंड के क्षेत्र पर आधारित मिजाज को देखते हुए निवेशक अपने इक्विटी पोर्टफोलियो का 5 से 10 फीसदी इन फंडों में निवेश कर सकते हैं।’ दूसरी तरफ, चुटकी सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) का रुख करने की सलाह देते हैं। उनका कहना है, ‘खुदरा निवेशकों को एकमुश्त निवेश के साथ बाजार में प्रवेश करने की जगह एसआईपी के जरिये निवेश करना चाहिए।’

First Published - September 2, 2024 | 6:46 AM IST

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