facebookmetapixel
सुप्रीम कोर्ट ने कहा: बिहार में मतदाता सूची SIR में आधार को 12वें दस्तावेज के रूप में करें शामिलउत्तर प्रदेश में पहली बार ट्रांसमिशन चार्ज प्रति मेगावॉट/माह तय, ओपन एक्सेस उपभोक्ता को 26 पैसे/यूनिट देंगेबिज़नेस स्टैंडर्ड के साथ इंटरव्यू में बोले CM विष्णु देव साय: नई औद्योगिक नीति बदल रही छत्तीसगढ़ की तस्वीर22 सितंबर से नई GST दर लागू होने के बाद कम प्रीमियम में जीवन और स्वास्थ्य बीमा खरीदना होगा आसानNepal Protests: सोशल मीडिया प्रतिबंध के खिलाफ नेपाल में भारी बवाल, 14 की मौत; गृह मंत्री ने छोड़ा पदBond Yield: बैंकों ने RBI से सरकारी बॉन्ड नीलामी मार्च तक बढ़ाने की मांग कीGST दरों में कटौती लागू करने पर मंथन, इंटर-मिनिस्ट्रियल मीटिंग में ITC और इनवर्टेड ड्यूटी पर चर्चाGST दरों में बदलाव से ऐमजॉन को ग्रेट इंडियन फेस्टिवल सेल में बंपर बिक्री की उम्मीदNDA सांसदों से PM मोदी का आह्वान: सांसद स्वदेशी मेले आयोजित करें, ‘मेड इन इंडिया’ को जन आंदोलन बनाएंBRICS शिखर सम्मेलन में बोले जयशंकर: व्यापार बाधाएं हटें, आर्थिक प्रणाली हो निष्पक्ष; पारदर्शी नीति जरूरी

कार लोन लें तो मियाद कम रहे और डाउन पेमेंट ज्यादा करें

पुरानी कार को एक्सचेंज ऑफर में देने के बजाय खुद बेचने पर आपको मिल सकती है बेहतर कीमत

Last Updated- November 19, 2023 | 11:13 PM IST
Vehicle Loans: People taking loans in India to buy car-bike increased by 22% in a year

त्योहारों के दौरान देश भर में कार डीलर गाड़ियों पर 25,000 रुपये से 1 लाख रुपये तक की छूट दे रहे थे। छूट के ऑफर अब भी चल रहे हैं और पिछले साल के मुकाबले इस बार छूट कुछ ज्यादा है। अगर आप लोन लेकर कार खरीदना चाहते हैं तो कुछ नुस्खे जान लीजिए, जिनसे सौदा भी अच्छा पट सकता है और कार लोन भी सस्ता पड़ सकता है।

लोन ऑफर की तुलना

सबसे पहले तो जितने भी बैंकों और फाइनैंस कंपनियों के कार लोन ऑफर मिल सकते हैं, सबको साथ लेकर बैठ जाइए और तुलना कीजिए। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो अच्छा सौदा पाने से चूक सकते हैं।

बैंकबाजार के मुख्य कार्य अधिकारी आदिल शेट्टी कहते हैं, ‘हरेक ऋणदाता की ब्याज दर और कर्ज की मियाद अलग-अलग हो सकती है। कर्ज की कुल लागत पर इन दोनों का बहुत असर पड़ता है।’

उदाहरण के लिए कोई ऋणदाता आपको कम ब्याज दर पर कर्ज दे सकता है मगर हो सकता है कि कर्ज चुकाने में उसकी शर्तें बहुत सख्त हों। दूसरे बैंक या कंपनी की कर्ज लौटाने की शर्तें नरम हो सकती हैं मगर उसकी ब्याज दर ज्यादा हो सकती है। सब पर नजर फिराने से आपको पता चल सकता है कि आपको कितना कर्ज मिल सकता है और कहां से कर्ज लेना आपके लिए सही होगा।

शेट्टी समझाते हैं, ‘अलग-अलग कंपनियों और बैंकों से मिलने वाले कर्ज की तुलना करें तो कमम ब्याज पर कर्ज पाने के साथ ही आप कंपनी से आसान शर्तों के लिए मोलभाव भी कर सकते हैं। कुल मिलाकर कर्ज पूरा होने तक आपकी अच्छी खासी बचत हो जाएगी।’

डीलर के यहां मिल रहा कार लोन आपके लिए सहूलियत भरा हो सकता है क्योंकि आपको इसके लिए भाग-दौड़ नहीं करनी पड़ती। मगर ऐंड्रोमेडा सेल्स ऐंड डिस्ट्रीब्यूशन में को-सीईओ राउल कपूर कहते हैं, ‘हो सकता है कि आपको उनके पास से सबसे अच्छी शर्तों पर कर्ज न मिल पाए।’ हो सकता है कि आपको ज्यादा ब्याज पर कर्ज मिले क्योंकि बैंक डीलर को कमीशन भी देता है।

कितना डाउन पेमेंट सही?

डाउन पेमेंट काफी कम हो सकता है और कई बार तो कार की ऑन-रोड कीमत का केवल 10 फीसदी हो सकता है। लेकिन जितना ज्यादा डाउन पेमेंट कर पाएं उतना अच्छा है। कपूर समझाते हैं, ‘कम डाउन पेमेंट वाले ऑफर आपको अच्छे लग सकते हैं मगर इसमें आपको ईएमआई ज्यादा चुकानी पड़ सकती है और कुल मिलाकर ब्याज ज्यादा हो सकता है।’

मान लीजिए कि कार 10 लाख रुपये की है और आपको 10 फीसदी डाउन पेमेंट चुकाना पड़ता है यानी आप 1 लाख रुपये देते हैं। उस सूरत में पांच साल के लिए आपकी ईएमआई 18,249 रुपये बनेगी और बतौर ब्याज आप 1,94,925 रुपये चुका डालेंगे। अगर आप डाउन पेमेंट बढ़ाकर 20 फीसदी यानी 2 लाख रुपये कर देते हैं तो ईएमआई घटकर 16,221 रुपये रह जाएगी और कुल 1,73,267 रुपये ब्याज जाएगा।

कम रखें मियाद

कार खरीदने वाले अक्सर छह या सात साल जैसी लंबी अवधि के लिए कर्ज लेते हैं, जिससे उनकी ईएमआई कम रकम की बनती है और उसे चुकाना उनके लिए आसान होता है। हालांकि इस तरह से आपको कार खरीदना आसान लग सकता है मगर आप ज्यादा ब्याज चुकाते हैं। शेट्टी कहते हैं, ‘कर्ज 36 या 48 महीने जैसी कम मियाद का हो तो आपकी ईएमआई बड़ी हो सकती है मगर आपकी जेब से ब्याज काफी कम जाएगा।’

वह कर्ज की मियाद ऐसी रखने की सलाह देते हैं, जिसमें ईएमआई जेब पर भारी न पड़े और ब्याज भी ज्यादा न लगे। ध्यान रहे कि कार आपके मकान की तरह नहीं है और इसकी कीमत लगातार घटती रहती है, इसलिए खरीदते समय भी इस पर बहुत ज्यादा खर्च करना समझदारी नहीं।

एक बड़ा सवाल यह भी रहता है कि पुरानी कार बेच दी जाए या एक्सचेंज ऑफर में देकर नई कार ले ली जाए। हालांकि इसमें सहूलियत तो रहती है मगर अक्सर पुरानी कार की सही कीमत नहीं मिल पाती। इसलिए पुरानी कार खुद ही बेचना बेहतर रहता है।

ऑटोमोटिव रिसर्च फर्म जैटो डायनमिक्स के अध्यक्ष और निदेशक रवि भाटिया की सलाह है, ‘कार्स24, कारवाले, स्पिनी और यूज्ड कार की दूसरी ऐप से अपनी गाड़ी की सही कीमत का अंदाजा ले लीजिए। इसके बाद डीलर से एक्सचेंज ऑफर में अपनी गाड़ी की वही कीमत मांगिए। डीलर भी आपको ऑफर देगा। दोनों में से जिसमें ज्यादा फायदा हो वही चुन लीजिए।’

इस समय ऑफर तो अच्छे आ रहे हैं मगर आप डेढ़ महीने रुक गए तो आपकी कार जनवरी में रजिस्टर होगी, जिससे उसकी उम्र भी 1 साल कम रहेगी और रीसेल वैल्यू अच्छी मिलेगी। भाटिया कंपनियों के हवाले से कहते हैं कि इस बार मांग उम्मीद से कुछ कम है। इसलिए निकट भविष्य में स्टॉक खपाने के लिए और भी अच्छे ऑफर आ सकते हैं। अगर अभी हाथ तंग है तो थोड़ा रुककर गाड़ी खरीदी जा सकती है।

अंत में यह जरूर देख लें कि जो मॉडल आप ले रहे हैं, उसकी रीसेल वैल्यू कितनी है। यदि रीसेल वैल्यू अच्छी होगी तो उसे बेचकर अगली गाड़ी लेते समय आपको कर्ज कम लेना पड़ेगा।

First Published - November 19, 2023 | 5:28 PM IST

संबंधित पोस्ट