Small Saving Schemes: केंद्र सरकार ने सुकन्या समृद्धि योजना से लेकर सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम और पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF) जैसी कई छोटी बचत योजनाओं को लेकर आज यानी 30 सितंबर को नया ऐलान कर दिया है। वित्त मंत्रालय की तरफ से जारी नए सर्कुलर में बताया गया है कि लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दर (Interests on small saving schemes) में एक अक्टूबर से शुरू 2024-25 की तीसरी तिमाही के लिए कोई बदलाव नहीं किया गया है। बता दें कि सरकार डाकघरों और बैंकों की तरफ से चलाई जा रही छोटी बचत योजनाओं पर हर तिमाही ब्याज दरों का निर्धारण करती है।
इसका मतलब यह है कि 1 अक्टूबर से 31 दिसंबर 2024 तक लघु बचल योजनाओं पर उतना ही ब्याज मिलेगा, जितना इससे पहले की तिमाही में मिलता था। आज के ऐलान के बाद ऐसा तीसरी बार हुआ, जब केंद्र ने सुकन्या जैसी लघु बचत योजनाओं की ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। अंतिम बार वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही (31 मार्च 2024 को समाप्त तिमाही) के लिए कुछ योजनाओं की दरों में बदलाव किया गया था।
वित्त मंत्रालय ने आज एक नोटिफिकेशन जारी करते हुए बताया, ‘वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही (1 अक्टूबर से 31 दिसंबर, 2024 तक) के लिए विभिन्न लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरें दूसरी तिमाही (एक जुलाई से 30 सितंबर, 2024 तक) के लिए अधिसूचित दरों के समान ही रहेंगी।’
केंद्र सरकार की सबसे फेमस मानी जाने वाली योजना- सुकन्या समृद्धि् योजना (Sukanya Samriddhi Scheme) पर ब्याज दर 8.2 फीसदी दी जाती है। 1 अक्टूबर से 31 दिसंबर तक की अवधि में भी यही ब्याज दर मिलती रहेगी।
तीन साल की बैंक की सावधि जमा (RD) पर ब्याज दर 7.1 प्रतिशत रहेगी। इसके अलावा सरकार की बेहद लोकप्रिय PPF योजना पर ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। फिलहाल इस स्कीम पर सरकार 7.1 फीसदी ब्याज दे रही है।
डाकघर बचत जमा योजना के लिए ब्याज दरें 4% पर बनी रहेंगी।
किसान विकास पत्र (KVP) पर ब्याज दर 7.5 प्रतिशत होगी और यह निवेश 115 महीनों यानी 9 साल 7 महीने में मैच्योर होगा। वहीं राष्ट्रीय बचत पत्र (NSC) पर ब्याज दर 7.7 प्रतिशत रहेगी। बता दें कि NSC भी पांच साल में मैच्योर होता है।
अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में भी डाकघर मासिक आय योजना (Post Office Monthly Income Scheme) के निवेशकों को पहले की तरह 7.4% की दर से ब्याज मिलेगा। बता दें कि मंथली इनकम अकाउंट स्कीम में हर महीने जितनी ब्याज निवेश पर मिलती है, उतनी अकाउंटहोल्डर को दे दी जाती है।