EPF Balance Transfer: सरकार लगातार यह कोशिश कर रही है कि ईपीएफओ (Employees’ Provident Fund Organisation) की सर्विस और लाभ कर्मचारियों के लिए आसान और तेज हो। इसी दिशा में सीपीएफसी (Central Provident Fund Commissioner) ने देशभर के सभी रीजनल और जोनल ईपीएफओ ऑफिस को निर्देश दिए हैं कि वे लाभार्थियों के पार्ट पेमेंट क्लेम स्वीकार करें।
पहले पीएफ क्लेम का प्रोसेस लंबा और जटिल था, जिससे कई बार पैसे मिलने में देरी होती थी या क्लेम रिजेक्ट हो जाता था। मुख्य कारणों में पुराने पीएफ खाते का ट्रांसफर न होना शामिल है। इससे लाभार्थियों को आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ता था।
अब ईपीएफओ ने ऑनलाइन सिस्टम में बदलाव करके प्रक्रिया को काफी तेज कर दिया है। नए सिस्टम के तहत पीएफ क्लेम भरे जाने के 3 दिन के अंदर ही राशि सीधे सदस्य के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर हो जाती है। इसके अलावा, ऑटो-सेटलमेंट मोड के तहत किए गए सभी दावे, जिसमें कोई मैनुअल हस्तक्षेप नहीं होता, डिजिटल रूप से 72 घंटों (3 दिनों) के भीतर निपटाए जाएंगे। इस सुविधा का लाभ बीमारी के इलाज, बच्चों की पढ़ाई, शादी या घर खरीदने जैसे मामलों के लिए किए गए पीएफ क्लेम में भी मिलेगा।
EPFO के लेखा प्रक्रिया मैनुअल (MAP) के पैरा 10.11 में पार्ट पेमेंट के नियम बताए गए हैं। इसके अनुसार, पांच खास वजहों से पार्ट पेमेंट किया जा सकता है:
कंपनी डिफॉल्ट हो गई हो।
फॉर्म 3A न मिलना।
पुरानी जमा राशि पूरी तरह न मिलना।
पिछली कंपनी से PF ट्रांसफर न होना।
कर्मचारी द्वारा पूरी राशि का दावा न करना।
सभी पार्ट पेमेंट के मामलों को एक रजिस्टर में दर्ज किया जाएगा और इसकी हर महीने समीक्षा होगी। यदि बाद में और राशि उपलब्ध होती है, तो कर्मचारी को नया क्लेम नहीं डालना पड़ेगा; कार्यालय खुद ही बाकी भुगतान करेगा।
हाल ही में EPFO ने कई सुधार किए हैं। अब कर्मचारी अपने एक ही लॉगिन से सभी जरूरी सेवाएं और PF खाते की जानकारी देख सकते हैं। इसके अलावा, क्लेम सेटलमेंट की प्रक्रिया तेज करने के लिए मंजूरी के स्तर भी कम कर दिए गए हैं। ये कदम कर्मचारियों की सुविधा और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए उठाए गए हैं।
ईपीएफओ पोर्टल (https://www.epfindia.gov.in/) पर जाएं।
अपने UAN और पासवर्ड से लॉगिन करें।
‘Online Services’ में जाकर ‘Claim (Form-31, 19, 10C & 10D)’ चुनें।
आधार और बैंक अकाउंट की जानकारी जांचें।
क्लेम फॉर्म भरें और कारण दर्ज करें।
OTP के जरिए फॉर्म सबमिट करें।
सही और अपडेटेड जानकारी देने से क्लेम जल्दी प्रोसेस होता है। यदि KYC पूरा और बैंक अकाउंट सही तरीके से UAN से लिंक है, तो राशि 72 घंटे के अंदर सीधे बैंक में ट्रांसफर हो जाती है।
18 सितंबर को श्रम मंत्रालय ने एक सर्कुलर जारी कर नए PF नियमों की जानकारी दी। अब तक, Annexure K केवल पीएफ ऑफिसों के बीच साझा होता था और सदस्य इसे केवल अनुरोध पर ही प्राप्त कर पाते थे। अब सुधार के तहत सदस्य इसे सीधे Member Portal से PDF फॉर्मेट में डाउनलोड कर सकते हैं।
EPFO ने कहा, “सदस्यों की सुविधा और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए Transfer Certificate यानी Annexure K अब Member Portal से डाउनलोड करने के लिए उपलब्ध कर दिया गया है।”
Annexure K एक महत्वपूर्ण दस्तावेज़ है जो पीएफ बैलेंस को एक अकाउंट से दूसरे अकाउंट में ट्रांसफर करने के लिए जारी किया जाता है। इसमें कर्मचारी की जानकारी, PF बैलेंस ब्याज सहित, पूरी सर्विस हिस्ट्री, जॉब डिटेल और EPF सदस्य के जॉइनिंग व एग्ज़िट डेट्स शामिल होती हैं।
पहले जब कर्मचारी जॉब बदलते थे, तो उनका PF अकाउंट ऑनलाइन Form 13 के माध्यम से नए नियोक्ता के PF ऑफिस में ट्रांसफर होता था। इसके बाद, पिछले PF ऑफिस द्वारा Transfer Certificate (Annexure K) तैयार कर नए PF ऑफिस को भेजा जाता था।
नई PF ट्रांसफर प्रक्रिया के तहत सदस्य अब ऑनलाइन ट्रांसफर एप्लिकेशन की स्टेटस भी ट्रैक कर सकेंगे। इससे पूरी पारदर्शिता बनी रहेगी और सदस्य यह सुनिश्चित कर सकेंगे कि उनका PF बैलेंस और सर्विस पीरियड सही तरीके से नए PF अकाउंट में अपडेट हो गया है।