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भारत में निर्माणाधीन मकानों की मांग बढ़ी, पहले से तैयार मकानों की लोकप्रियता घटी

इस साल की पहली छमाही में बने बनाए मकानों और नई पेशकशों की मांग अनुपात घटकर 16:29 रह गया है

Last Updated- October 02, 2025 | 11:16 PM IST
Real Estate

भारत में पहले से तैयार मकानों की मांग में गिरावट आई है। एनारॉक के हालिया मकान खरीदार धारणा सर्वेक्षण (होमबायर सेंटीमेंट सर्वे) से इसका पता चला है। इस साल की पहली छमाही में बने बनाए मकानों और नई पेशकशों की मांग अनुपात घटकर 16:29 रह गया है। यह वैश्विक महामारी वाले साल से बड़ा उलटफेर है, तब 2020 की पहली छमाही में पहले से तैयार मकानों का दबदबा था और अनुपात भी 46:18 था।

यह उलटफेर क्यों

पहले से बने मकानों की लोकप्रियता तब थी जब बाजार में छोटे, कम रकम वाले डेवलपर थे, जिनकी परियोजनाओं में देरी होती थी या पूरी नहीं हो पाती थीं। एनारॉक समूह के उपाध्यक्ष संतोष कुमार कहते हैं, ‘खरीदारों ने पहले से बने मकानों को तवज्जो दी, जिन्हें वे देख सकें और रहने के वास्ते तुरंत चले जाएं। भले ही इसके लिए उन्हें अधिक कीमत चुकानी पड़े। कोविड के बाद प्रतिष्ठित और सूचीबद्ध डेवलपरों का बोलबाला हो गया और खरीदार भी उनकी परियोजनाओं में निवेश करने में संकोच नहीं करते हैं।’

पहले से तैयार मकानों का नफा-नुकसान

कुमार के मुताबिक, पहले से तैयार मकानों का एक बड़ा फायदा है कि आप जो देखते हैं वही आपको मिलता है। इसके अलावा, आपको जब तक मकान नहीं मिलता है तब तक आपको किराया नहीं देना पड़ता है, देरी होने के झंझट से मुक्ति मिली रहती है और आप जब चाहे उसमें रहने के लिए जा सकते हैं।

दूसरी ओर, ऐसे मकानों की कीमत आमतौर पर निर्माणाधीन मकानों के मुकाबले 15 से 20 फीसदी अधिक होता है। इसमें विकल्प भी सीमित होते हैं और इनकी कीमत भी धीरे-धीरे बढ़ती है। एक्सपी रियल्टी इंडिया के प्रेसिडेंट और कंट्री हेड सैम चोपड़ा कहते हैं, ‘जो लोग निश्चितता चाहते हैं उनके लिए यह सही है। मगर गुरुग्राम और पुणे जैसे तेजी से बदलते बाजार में नई पेशकश के साथ मूल्य का अंतर बढ़ रहा है।’

निर्माणाधीन मकानों का नफा-नुकसान

निर्माणाधीन मकानों की लागत कम होती है। आप धीरे-धीरे कर के भी रकम चुकाते हैं, जिससे आप पर आर्थिक बोझ नहीं पड़ता है। इसके अलावा, इसमें नए ईएसजी अनुपालन और स्मार्ट होम की सुविधाएं भी मिल जाती हैं। चोपड़ा बताते हैं, ‘इनकी कीमतें बढ़ने की काफी गुंजाइश रहती है। इन मकानों को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से राहत मिलती है और अनिवासी भारतीयों को थोड़ा ज्यादा फायदा होता है क्योंकि रुपये में गिरावट आने पर उनकी डॉलर वाली आय बढ़ जाती है।’

राइज इन्फ्रावेंचर्स के उपाध्यक्ष (सेल्स) मोहित गावरी कहते हैं, ‘निर्माण से जुड़े भुगतान और पेशकश वाले ऑफर से ऐसे मकानों को खरीदने पर आर्थिक कठिनाइयां कम होती हैं।’ उन्होंने कहा कि रेरा लागू होने से अब देरी का जोखिम भी कम हो गया है। हालांकि, निर्माणाधीन संपत्तियों में कई खामियां भी होती हैं। कुमार बताते हैं, ‘इनमें मकान मिलने तक किराया देना होता है। इसके अलावा, निर्माण और देरी का भी जोखिम होता है, जो आमतौर पर स्थानीय डेवलपरों के साथ ज्यादा देखने को मिलता है। साथ ही मकान में जाने में देरी होती है और जीएसटी शुल्क भी शामिल होता है। हालांकि, इसे अक्सर डेवलपर चुकाते हैं।’

कैसे करें चयन

निर्माणाधीन मकान उन खरीदारों के लिए सही है, जिनके पास पहले से रहने के लिए जगह है। जिन लोगों ने किसी भरोसेमंद डेवलपर से मकान बुक कराया है, जो बेहतर सुविधाएं चाहते हैं और जिन्हें निवेश पर अधिक रिटर्न की चाहत होती है। कुमार कहते हैं, ‘पहले से बने मकान तब सही होते हैं जब संपत्ति अनूठी हो और सभी जरूरतों को पूरा करती हो। अधिक कीमत चुकाना कोई चिंता की बात नहीं है अगर आप तुरंत मकान में रहना चाहते हैं।’
चोपड़ा का कहना है, ‘नोएडा, द्वारका एक्सप्रेसवे और हैदराबाद जैसे बुनियादी ढांचे से समृद्ध बाजार में निर्माणाधीन मकान काफी लोकप्रिय हैं, जबकि मुंबई में कमी के कारण पहले से बने मकानों की मांग रहती है। हालांकि, जीएसटी दरों में कटौती ने लागत के अंतर को कम किया है, फिर भी पसंद शहर में आपूर्ति और आपकी आर्थिक क्षमता पर ही निर्भर करता है।’

क्या चुनें निवेशक

निवेशकों को निर्माणाधीन मकानों पर अक्सर बढ़त मिलती है। प्रमाणित वित्तीय योजनाकार और हम फौजी इनीशिएटिव के मुख्य कार्य अधिकारी संजीव गोविल ने कहा, ‘निर्माणाधीन मकानों पर कीमतों का फायदा मिलता है, बुनियादी ढांचे से जुड़ी मूल्य वृद्धि का लाभ मिलता है और समय के साथ बेहतर लाभ भी मिलता है। पहले से तैयार मकान तभी सार्थक होते हैं जब आपको तुरंत किराया लेना होता है अथवा आय उत्पादक परिसंपत्तियों में विविधता लानी होती है।’

गावरी ने कहा कि पहले से बने मकानों में कीमतें बढ़ने की गुंजाइश कम होती है, क्योंकि मूल्यवृद्धि का अधिकांश हिस्सा पहले ही पूरा हो चुका होता है।

ऋणधारकों के लिए सलाह

पहले से बने मकानों के मामले में खरीदारों को मूलधन और ब्याज पर कर लाभ तुरंत मिल जाता है। गोविल कहते हैं, ‘निर्माणाधीन मकानों में आपको ये लाभ तब तक नहीं मिलते हैं, जब तक मकान आपको न मिल जाए। हालांकि, निर्माण पूर्व ब्याज का दावा आप बाद में भी कर सकते हैं।’

पहले से बने मकान उन ऋणधारकों के लिए सही है, जो रहने के लिहाज से तुरंत मकान लेना चाहते हैं, पहले दिन से ही ईएमआई चुका सकते हैं और कर राहत भी तुरंत लेना चाहते हैं।

First Published - October 2, 2025 | 11:12 PM IST

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