जमीन-जायदाद खरीदने के लिए लोग अब बड़ी रकम उधार लेने से भी गुरेज नहीं कर रहे हैं। क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनी सीआरआईएफ ने हाल ही में बताया कि आवास ऋण का आकार लगातार बढ़ता जा रही है। अप्रैल से जून 2023 के दौरान मंजूर नए आवास ऋण में 30 फीसदी के करीब 75 लाख रुपये से अधिक के हैं। 35 से 75 लाख रुपये के बीच कर्ज की हिस्सेदारी 31.4 फीसदी थी और बाकी आवास ऋण 35 लाख रुपये से कम के थे।
भारी भरकम कर्ज लेना बैंक या वित्तीय कंपनी के लिए जोखिम भरा होता है। पैसाबाजार के प्रमुख (आवास ऋण) रतन चौधरी का कहना है, ’20 लोगों को 25-25 लाख रुपये के ऋण देने के बजाय किसी एक व्यक्ति को 5 करोड़ रुपये कर्ज देने में ज्यादा जोखिम है। इसलिए भारी भरकम ऋण देते समय अधिक जांच-परख करना जरूरी है।’
इसके लिए कर्ज देने वाले सबसे पहले यह देखते हैं कि आपकी तयशुदा देनदारी कितनी है। यह अनुपात एफओआईआर कहलाता है और यही आपकी पात्रता तय करता है। बैंकबाजार डॉट कॉम के मुख्य कार्य अधिकारी आदिल शेट्टी ने कहा, ‘आपका एफओआईआर 40 फीसदी से अधिक नहीं होना चाहिए। अगर आपके कई कर्ज चल रहे हैं तो उनकी ईएमआई के हिसाब से आपकी आवास ऋण की पात्रता कम होती जाती है।’
सात ही क्रेडिट स्कोर बताता है कि कर्ज मांगने वाला उधार चुकाने में अभी तक कैसा रहा है। अगर आपका क्रेडिट स्कोर 800 से अधिक है तो आपको कम ब्याज दर पर कर्ज मिल जाएगा। आपका मकान या जमीन रेहन या गिरवी संपत्ति की तरह काम करती है।
इंडिया लॉ एलएलपी के पार्टनर सुरेश पल्लव ने कहा, ‘ऋणदाताओं को रेरा (रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण) पंजीकरण, अप्रूव्ड प्लान, व्यवसाय प्रमाणपत्र और कब्जा प्रमाण पत्र जैसे दस्तावेजों की जांच करनी पड़ती है। वे यह भी देखते हैं कि संपत्ति पर किस-किसका मालिकाना हक रहा है। पुरानी संपत्ति के मामले में सोसाइटी मेंटेनेंस के बिल और बिजली-पानी आदि के बिल भी जांचे जाते हैं। रजिस्ट्री दफ्तार जाकर यह भी देखा जाता है कि संपत्ति गिरवी तो नहीं है या उस पर कोई मुकदमा तो नहीं चल रहा है।’ इसके बाद डिफॉल्ट होने पर संस्था अपने कानूनी अधिकार इस्तेमाल कर सकती है।
संपत्ति की कीमत और कर्ज का अनुपात (एलटीवी) भी अहम होता है। 75 लाख रुपये से अधिक कर्ज के लिए एलटीवी 75 फीसदी से अधिक नहीं होना चाहिए, जिसमें रजिस्ट्री फीस और स्टांप शुल्क शामिल नहीं होते। शेट्टी कहते हैं, ‘कर्ज चुकाने की अवधि, क्रेडिट स्कोर और बैंक जांच से आपका एलटीवी कम भी हो सकता है।’
मगर आप क्रेडिट स्कोर बढ़ाकर आसानी से कम ब्याज पर कर्ज पा सकते हैं। शेट्टी का कहना है, ‘कर्ज समय से चुकाएं। जरूरत से ज्यादा उधार नहीं लें और आवास ऋण मांगने से पहले कम से कम छह महीने तक कोई अन्य कर्ज न लें ताकि ऋणदाता को ऐसा न लगे कि आप हर समय कर्ज तलाशते रहते हैं।’
बकाया कर्ज चुकाने से आपका एफओआईआर भी सुधरता है और ज्यादा रकम का आवास ऋण भी मिल सकता है। मगर कर्ज खत्म करने से आपका क्रेडिट स्कोर कुछ हद तक कम हो सकता है। इसलिए नया कर्ज लेने से चार से छह महीने पहले ही पुराने कर्ज खत्म कर दें ताकि नया कर्ज लेने से पहले क्रेडिट स्कोर बढ़ जाए।
चौधरी की सलाह है कि कर्ज लेने के लिए अपने जीवनसाथी, माता-पिता अथवा अविवाहित भाई-बहन के साथ मिलकर कर्ज लें। मगर ध्यान रखें कि हमेशा आय के दो स्रोत आपके पास नहीं रहेंगे। बच्चों की परवरिश के लिए आप या पत्नी काम छोड़ सकते हैं। आगे की पढ़ाई अथवा बूढ़े माता-पिता की सेवा के लिए भी नौकरी छोड़नी पड़ सकती है। इसलिए सोच समझकर ही उधार लें।
अधिकतर बैंक महिला आवेदकों को पांच आधार अंक (0.05 फीसदी) कम ब्याद पर कर्ज देते हैं। इसलिए महिला के साथ मिलकर कर्ज की अर्जी डालना फायदेमंद होगा। मगर कर्ज लें तो उसे समय से पहले चुकाने की कोशिश करें ताकि ब्याज में कम रकम चुकानी पड़े। इसके लिए समय-समय पर छोटी रकम अलग से चुकाते रहें।